कांग्रेस अपने ‘युवराज’ राहुल गांधी की ताजपोशी अगले माह करने की घोषणा कर चुकी है। बहुत दिनों से यह कयास चल रहे थे कि राहुल गांधी की ताजपोशी शीघ्र ही होने वाली है। सोनिया गांधी इस समय अस्वस्थ चल रही हैं। इसलिए उनकी भी इच्छा थी कि यथाशीघ्र राहुल को वह अपने उत्तराधिकारी के रूप […]
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अटल बिहारी वाजपेयी इस देश के उन राजनेताओं में से रहे हैं, जिन्होंने अपनी अटल संकल्प शक्ति से इस देश के भविष्य को संवारने का अथक परिश्रम किया। उनके एक बहुचर्चित भाषण का वाक्यांश है कि-”भारत जमीन का टुकड़ा नहीं है, जीता जागता राष्ट्रपुरूष है। हिमालय इसका मस्तक है, गौरीशंकर शिखा है। कश्मीर किरीट है, […]
गीता का चौथा अध्याय और विश्व समाज चिन्तन वही ऊंचा और पवित्र होता है-जिसमें ‘ऋत’ और ‘सत्य’ की साधना की जाती है। भारत के महान पूर्वजों ने ‘ऋत’ और ‘सत्य’ की साधना की थी। ऋत का अभिप्राय उन नियमों से है जो प्रकृति ने बनाये हैं और जिनके कारण सृष्टि का यह सारा तामझाम एक […]
सर्वत्र खिला कमल ही कमल
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की अग्नि परीक्षा के रूप में आये उत्तर प्रदेश निकाय चुनावों में पार्टी को मिली भारी सफलता के कारण मुख्यमंत्री इस परीक्षा में पूर्णत: सफल हो गये हैं। इन चुनावों में प्रदेश की जनता ने जिस प्रकार अपना परिपक्व निर्णय दिया है उससे योगी सरकार की कार्यशैली पर जनता की […]
गीता का चौथा अध्याय और विश्व समाज गीता के इन श्लोकों में यह तथ्य स्पष्ट किया गया है कि संसार में जब अनिष्टकारी शक्तियों का प्राबल्य होता है तो उस अनिष्ट से लडऩे वाली शक्तियों का भी तभी प्राकट्य भी होता है। जब बढ़ता संसार में घोर पाप अनाचार। तभी जन्मते महापुरूष दूर करें दुराचार।। […]
गीता का चौथा अध्याय और विश्व समाज अभी तक हमारे विश्व नेता वह नहीं बोल रहे हैं जो उन्हें बोलना चाहिए। उनके बोलने में कितनी ही गांठें लगी रहती हैं। बोलने में स्पष्टता नहीं है। छल नीति है। इसीलिए विश्वशान्ति के मार्ग में अनेकों बाधाएं हैं। इन बाधाओं को गीता ज्ञान समाप्त करा सकता है। […]
गीता का चौथा अध्याय और विश्व समाज गीता का चौथा अध्याय अभी पिछले दिनों दशहरा (30 सितम्बर 2017) के पावन पर्व पर देश के राष्ट्रपति भवन में पहली बार इस पर्व से सम्बन्धित विशेष कार्यक्रम रखा गया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस अवसर पर कन्या पूजन का कार्यक्रम किया। इन दोनों […]
गीता का तीसरा अध्याय और विश्व समाज जब व्यक्ति अपना कार्य तो अधर्म पूर्वक करे अर्थात डाक्टर रोगियों की सेवा न करके उनकी जेब काटे, व्यापारी शुद्घ वस्तु न देकर मिलावट करे इत्यादि और सुबह-शाम मन्दिरों में घण्टे घडिय़ाल बजाये तो ऐसा कार्य अधर्म=निज स्वभाव के अनुसार न होकर भयजनक होता है, पाखण्ड होता है। […]
गीता का तीसरा अध्याय और विश्व समाज आज के संसार में दुर्जन आतंकी संगठन सिर उठा रहे हैं। इनके विरूद्घ सारे संसार के लोग यदि पूर्ण मनोयोग से उठ खड़े हों तो विश्व को आतंकवाद से मुक्त होने में कोई देर नहीं लगेगी। कर्म को सही गति और सही दिशा देने की आवश्यकता है। योगीराज […]
गीता का तीसरा अध्याय और विश्व समाज हमने पाकिस्तान के विरूद्घ भारत के प्रधानमंत्री मोदी को ‘सर्जिकल स्ट्राईक’ करते देखा। संयुक्त राष्ट्र में अपनी विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज को पाकिस्तान की बखिया उधेड़ते हुए देखा-ऐसे हर अवसर पर देश में भावनात्मक एकता का परिवेश बना, लोगों में सांस्कृतिक और सांगठनिक एकता का भाव बना। […]