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संपादकीय

जनसंख्या को लेकर इन्दिरा गांधी ने लिया था एक सही निर्णय

भारत की जनगणना को लेकर लोगों में इस समय काफी चर्चा बनी हुई है। ‘सुदर्शन न्यूज़ चैनल’ के चीफ एडिटर श्री सुरेश चव्हाणके द्वारा भारत की जनसंख्या में हो रही मुस्लिमों की अप्रत्याशित वृद्धि को लेकर एक यात्रा भी निकाली गई है। जिसमें उन्होंने एक वर्ग द्वारा अपनी जनसंख्या बढ़ा कर भारत के जनसांख्यिकीय आंकड़े […]

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संपादकीय

भारत की खाप पंचायतों के तालिबानी फरमान

भारत में प्रचलित खाप पंचायतों के विरुद्ध शिक्षित वर्ग और देश के न्यायालयों की कड़ी आपत्ति समय-समय पर आती रही है। इसके उपरांत भी खाप पंचायतों के अन्यायपूर्ण और निर्दयता से भरे निर्णय को हम बार-बार सुनते रहते हैं। ऐसे में खाप पंचायतों की स्थिति के बारे में हमें गंभीरता से चिंतन करने की आवश्यकता […]

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संपादकीय

राजनीतिक दलों की मतभिन्नता देश के लिए एक अभिशाप

लोकतंत्र मतभिन्नता की अनुमति इसलिए देता है कि अंत में सब पक्षों में मतैक्यता हो जाये। किसी भी विषय में गुणावगुण पर सब पक्ष खुलकर बहस करें और फिर किसी एक सर्वमान्य निष्कर्ष पर पहुंच कर एक मत हो जाएं। भारतवर्ष के संविधान ने लोगों को भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता इसलिए प्रदान की है […]

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संपादकीय

एक परिश्रमी मंत्री के रूप में जानी जाती हैं रीता बहुगुणा

रीता बहुगुणा जोशी उत्तर प्रदेश की 16वी विधानसभा में विधायक रहीं। वह उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री हेमवती नंदन बहुगुणा की पुत्री हैं। श्रीमती बहुगुणा जोशी अपने आप में एक संघर्षशील और जुझारू महिला राजनीतिज्ञा के रूप में जानी जाती हैं। वह दिसंबर 2016 में भाजपा में सम्मिलित हुई थीं। उससे पहले उन्होंने 2007 […]

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संपादकीय

भारत किस विदेशी सत्ता या आक्रांता का कितनी देर गुलाम रहा? 3

ग्वालियर महाकौशल, इंदौर, रीवां, झाँसी, ये सारी रियासतें मुस्लिम शासनकाल में अपनी स्वतन्त्रता को बचाए रखने में सफल रहीं। एक दिन के लिए भी ये रियासतें किसी मुस्लिम सुल्तान या बादशाह के अधीन नहीं रही। महाकौशल की 1818 की तथा झाँसी में 1858 में अंग्रेज़ो से संधि हो गयी। इससे महाकौशल लगभग 130 वर्ष तो […]

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गौ और गोवंश संपादकीय

गौरक्षा कैसे हो संभव?

प्रदेश व देश में जबसे योगी-मोदी की सरकार आई है तब से गोधन की रक्षा के लिए लोगों को बड़ी-बड़ी अपेक्षाएँ इन सरकारों से पैदा हुई हैं। परंतु यह दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि गोधन के संरक्षण और सुरक्षा के लिए कोई ठोस व कारगर कार्यप्रणाली नहीं अपनाई गई है। केंद्र की मोदी सरकार को […]

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गीता का कर्मयोग और आज का विश्व संपादकीय

गीता का कर्मयोग और आज का विश्व, भाग-100

गीता का अठारहवां अध्याय भारतीय संस्कृति का उच्चादर्श इस पृथ्वी को स्वर्ग बना देना है और यह धरती स्वर्ग तभी बनेगी जब सभी लोग ईश्वरभक्त हो जाएंगे, और ईश्वरभक्त बनकर ईश्वरीय वेदवाणी को संसार के कोने-कोने में फैलाने के लिए कार्य करने लगेंगे। धरती को स्वर्ग बनाना और उसके लिए जुट जाना ईश्वरीय आज्ञा का […]

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संपादकीय

भारत के बौद्धिक नेतृत्व की दिशा

किसी भी देश का, समाज का, राष्ट्र और संगठन या परिवार का नेतृत्व वास्तव में उसके बौद्धिक मार्गदर्शकों के पास होता है। जिस देश का बौद्धिक नेतृत्व दिग्भ्रमित हो जाता है, वह देश भी दिग्भ्रमित हो जाता है। भारत के साथ इस समय सबसे बड़ी समस्या ही ये है कि इसका बौद्धिक नेतृत्व दिग्भ्रमित है। […]

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गीता का कर्मयोग और आज का विश्व संपादकीय

गीता का कर्मयोग और आज का विश्व, भाग-99

गीता का अठारहवां अध्याय अपने आपको मुझमें लगा, मेरा भक्त बन, मेरा पूजन कर, मुझे नमस्कार कर, ऐसा करने से तू मुझ तक पहुंच जाएगा। क्योंकि तू मेरा प्रिय है। श्रीकृष्णजी ऐसा कहकर अर्जुन रूपी बालक को भगवान रूपी माता केदुग्धामृत का पान करने के लिए उसकी ओर बढऩे की प्रेरणा दे रहे हैं। इस […]

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संपादकीय

भारत किस विदेशी सत्ता या आक्रांता का कितनी देर गुलाम रहा? 2

जौनपुर इलाहाबाद की भांति ही जौनपुर भी अकबर के काल तक अपनी स्वतंत्रता को बचाये रहा पर 1583 में यहां भी मुगल सत्ता के रूप में विदेशी शासन स्थापित हो गया जो 1856 तक जारी रहा । 1856 से 1947 तक यहां ब्रिटिश शासन स्थापित रहा । जबकि सल्तनत काल मे यहां केसरिया फहराता रहा […]

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