प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री के रूप में दूसरे कार्यकाल का शुभारंभ पिछले वर्ष 30 मई को हुआ था । अपनी सरकार के दूसरे कार्यकाल के एक वर्ष की अवधि पूर्ण होने के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री मोदी ने जनता से जुड़ने का फिर एक अनूठा और नायाब तरीका खोज लिया । वैसे भी […]
Category: संपादकीय
हमारे देश का झारखंड एक ऐसा प्रांत है जिसमें अपार संभावनाएं छिपी हुई हैं । झारखंड का जन्म भी इसी आशा और अपेक्षा से हुआ था कि यहां के लोग अलग राज्य बनने के बाद अपना सुनियोजित विकास होते हुए देख पाएंगे । यह अलग बात है कि राजनीति के पचड़े , लफड़े और झगड़े […]
चीन और पाकिस्तान मिलकर भारत को हर मौके पर और हर वैश्विक मंच पर नीचा दिखाने का प्रयास करते रहे हैं । अब जबकि भारत पाकिस्तान से पाक अधिकृत कश्मीर के गिलगित और बालटिस्तान में चुनाव न कराने की चेतावनी दे चुका है तो अपनी ग्वादर योजना को खटाई में पड़ती देख चीन पाकिस्तान का […]
संतान के प्रति माता पिता के कर्तव्य
अधिकार से पहले कर्तव्य, अध्याय 2 संतान के प्रति माता पिता के कर्तव्य आजकल जिसे हम कर्तव्य के नाम से जानते हैं प्राचीन काल में वही हमारे देश में विधि थी । उस समय विधि का पालन करना सबके लिए वैसे ही अनिवार्य था जैसे आज कानून का पालन करना अनिवार्य है । विधि विधेयात्मक […]
दुनिया की शक्ति कहे जाने वाले देश जिस प्रकार इस समय परस्पर भिड़ने की तैयारियों में लगे हुए हैं उससे लगता है कि दुनिया तीसरे विश्वयुद्ध की ओर तेजी से बढ़ रही है । अमेरिका और चीन तेजी से अपने साथियों को अपने साथ जोड़ने और तीसरे विश्व युद्ध के लिए शक्तियों का ध्रुवीकरण करने […]
देश की राजधानी दिल्ली में पिछले 30 दिनों में चार बार भूकंप के झटके अनुभव किए गए हैं । भूगर्भीय हलचलों के विशेषज्ञ इस प्रकार के बार-बार के झटकों को किसी बड़ी आपदा का संकेत भी माना करते हैं । जहां तक दिल्ली की बात है तो यह भूकंप संभावित क्षेत्रों के सबसे अधिक खतरनाक […]
अत्यंत विषम सामाजिक परिस्थितियों के घेरे को तोड़कर भारतीय राजनीति में अपना महत्वपूर्ण और सम्मानित स्थान बनाना सचमुच डॉक्टर अंबेडकर के ही वश की बात थी । उन परिस्थितियों में उनके स्थान पर यदि कोई और होता तो इस स्थान और सम्मान को प्राप्त नहीं कर सकता था । उनके व्यक्तित्व का यह निराला गुण […]
कोरोना से जीतेगा भारत
कोरोना इस समय एक विश्वव्यापी महामारी के रूप में अपनी पहचान बना चुका है । इसके उपरांत भी भारत अपनी आत्मा को पहचान कर अर्थात यज्ञ योग के साथ स्वयं को जोड़कर बहुत मजबूती के साथ इसका सामना कर रहा है । भारत के लोग स्वाभाविक रूप से सफाई पसंद हैं और मांसाहार से बचकर […]
क्या है शिक्षा का उद्देश्य
आजकल विद्यालयों का परिवेश विलासिता पूर्ण हो जाने से बच्चों में उच्च मानवीय नैतिक गुणों का लोप होता जा रहा है और विद्यालय केवल ‘मशीनी मानव’ के रूप में बच्चों का विकास कर रहे हैं। जबकि शिक्षा का उद्देश्य व्यक्ति को मशीनी मानव न बनाकर संस्कारित समाज की एक संस्कारित ईकाई बनाना होता है। शिक्षा […]
पाश्चात्य विद्वानों की दृष्टि में उपनिषद
भारत की संस्कृति की अमूल्य धरोहर उपनिषद न केवल भारतीयों की आध्यात्मिक तृप्ति का साधन बने , अपितु उन्होंने अपने दिव्य ज्ञान की आभा से पश्चिमी विद्वानों को भी प्रभावित किया । अनेकों पश्चिमी विद्वानों ने भारत के उपनिषदों को पढ़कर अपने जीवन में भारी परिवर्तन किए । इतना ही नहीं कइयों ने तो बाइबल […]