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संपादकीय

व्यक्ति विरोध भी हो सकता है – ‘राष्ट्र विरोध’

जब कांग्रेस के नेता या कांग्रेस समर्थक लोग प्रधानमंत्री श्री मोदी पर निशाना साधते हुए यह आरोप लगाते हैं कि किसी व्यक्ति विशेष का विरोध करना राष्ट्र का विरोध नहीं है तो कुछ अजीब सा लगता है । सचमुच किसी व्यक्ति का विरोध राष्ट्र का विरोध नहीं हो सकता ,परंतु जितना यह सच है उतना […]

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संपादकीय

‘उगता भारत’ का संपादकीय : इन नेताओं का अहंकार कर सकता है बर्बाद दुनिया को

चीन अपने मूल साम्राज्यवादी और विस्तारवादी दृष्टिकोण के चलते संसार के लिए भस्मासुर बनता जा रहा है तो अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप अपनी हठधर्मिता के चलते ‘किसी भी निर्णय’ को लेने के लिए तैयार बैठे दिखाई देते हैं । रूस के पुतिन चाहते हैं कि चीन की ‘बुद्धि ठिकाने’ लाने का काम कोई दूसरा करे […]

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संपादकीय

प्रधानमंत्री मोदी जी को इस घुन का इलाज करना ही होगा

‘उत्तर प्रदेश सरकार भू माफियाओं के खिलाफ कठोर कानूनी कार्यवाही कर रही है -‘ ऐसे समाचार न केवल उत्तर प्रदेश सरकार के लिए बल्कि अन्य प्रदेशों की सरकारों के लिए भी हमें सुनने को मिलते रहते हैं। ‘भू माफिया’ कौन है या किसे माना जाएगा ? – यह कहीं स्पष्ट परिभाषा के रूप में उल्लेखित […]

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संपादकीय

काश ! डॉक्टर बी आर अंबेडकर और वीर सावरकर जी की सलाह को नेहरू मान लेते

मंचूरिया, दक्षिण मंगोलिया, यून्नान, पूर्वी तुर्कस्थान, मकाऊ, हांगकांग, पैरासेल्स और तिब्बत जैसे कई देश हैं जो चीन के पेट में जा चुके हैं । सारा विश्व देखता रहा और चीन इन्हें बड़े आराम से निगल गया। जब चीन अपनी विस्तारवादी नीतियों के अंतर्गत इन देशों को निगल रहा था तब का भारत का नेतृत्व आंखें […]

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संपादकीय

राजनीति को ‘गुलाम चला रहे हैं या राजनीति गुलामों को हांक रही है ?

देश में पंजीकृत और अपंजीकृत हजारों राजनीतिक दल इस समय कार्यरत हैं। यद्यपि कुछ लोग देश में त्रिदलीय राजनीतिक व्यवस्था की बात करते हैं, परंतु राजनीतिक दलों की संख्या निरंतर बढ़ती ही जा रही है । निश्चय ही राजनीतिक दलों की संख्या में हो रही यह वृद्धि हम सब के लिए चिंता और चिंतन का […]

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संपादकीय

जब शास्त्री जी ने ले लिया था हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने का निर्णय

  भारत के विषय में यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण तथ्य है कि इस देश की आज तक कोई राष्ट्रभाषा नहीं है । कई लोगों को यह भ्रान्ति है कि हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है , परंतु वास्तव में हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा न होकर राजभाषा है और आज तक यह राजभाषा के दर्जे से आगे बढ़कर राष्ट्रभाषा […]

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संपादकीय

सचिन पायलट के बागी तेवर : ‘हीरों’ से विहीन होती जा रही कांग्रेस

  कांग्रेस के लिए कुछ समय पहले जो मध्यप्रदेश में हुआ था वही अब राजस्थान में होने वाला है । मध्यप्रदेश में जिस प्रकार ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस का ‘हाथ’ झटक कर बीजेपी का दामन थामा था , अब उसी राह पर राजस्थान में सचिन पायलट भी चल पड़े हैं । सचिन पायलट और ज्योतिरादित्य […]

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संपादकीय

योगी जी व्यवस्था में बैठे ‘अपराधियों’ पर भी लगाम कसो – – तो कोई बात बने

योगी जी ! व्यवस्था में बैठे अपराधियों पर भी लगाम कसो , तो कोई बात बने यह अच्छा ही रहा कि खूंखार अपराधी विकास दुबे का अंत होने की सूचना हम सबको मिली है। हम इस बात का समर्थन करते हैं कि एक अपराधी , समाज विरोधी और व्यवस्था के साथ-साथ अपनी व्यवस्था खड़ी करने […]

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संपादकीय

सभी पड़ोसी देशों को मलाल है चीन का पड़ोसी होने का

जब 1947 की 14 अगस्त तक भारत अखंड देश के रूप में विश्व मानचित्र पर विद्यमान था तब के चीन का मानचित्र भारत के मानचित्र की अपेक्षा 2 गुना कम था । उसके पश्चात चीन ने अपनी साम्राज्यवादी और विस्तारवादी नीति के अंतर्गत अपना साम्राज्य बढ़ाना आरंभ किया । यह अत्यंत खेदजनक स्थिति है कि […]

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संपादकीय

‘उगता भारत’ का संपादकीय : भारत के भाल अजीत डोभाल का अभिनंदन

किसी भी देश की राजनीति को सुचारू रूप से संचालित करने में राजनयिकों का बहुत बड़ा योगदान होता है । राजनयिक लोग जितने अधिक सुलझे हुए गंभीर और अनावश्यक प्रचार प्रसार की भावना से अपने आपको बचाकर रखने वाले होते हैं उतने ही वह देश के लिए अधिक उपयोगी हो पाते हैं । सफल राजनय […]

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