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महत्वपूर्ण लेख संपादकीय

हामिद अंसारी के दोगले राष्ट्रवाद का उभरता रोग और उसका उपचार

  स्वतंत्र भारत में धर्मनिरपेक्षता की अवधारणा को जिस प्रकार अपने राजनीतिक चिंतन का मूल केंद्र बनाकर भारत ने आगे बढ़ना आरंभ किया वह हमारे देश के लिए बहुत ही घातक सिद्ध हुआ है । हमारे राजनीतिज्ञों ने स्वाधीनता प्राप्ति के तत्काल पश्चात मुस्लिम तुष्टीकरण का नाम ही धर्मनिरपेक्षता मान लिया । राजनीति के विषय […]

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महत्वपूर्ण लेख संपादकीय

यदि ओवैसी राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर का विरोध कर सकते हैं तो राष्ट्र की सज्जन शक्ति को उसका समर्थन क्यों नहीं करना चाहिए ?

  हमारे देश के लिए बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण तथ्य है कि यदि सरकारें अच्छा काम करती हैं तो उनका कुछ लोग विरोध करते हैं , परंतु उनके विरोध को शांत करने के लिए सरकार के समर्थन में सड़कों पर उतरना गलत माना जाता है । जबकि देश की मुख्यधारा में विश्वास रखने वाली देश की […]

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संपादकीय

उगता भारत का संपादकीय : बिहार के शिक्षामंत्री को याद नहीं है राष्ट्रगान ….. आखिर कमी कहां है ?

भारत के संविधान के आपत्तिजनक अनुच्छेदों पर यदि विचार किया जाए तो जहां भारत के विधानमंडलों के किसी प्रतिनिधि के लिए अर्हता या योग्यता की बात कही गई है , वहां पर केवल इतना कह दिया गया है कि :- 1 -वह भारत का नागरिक हो, 2 – दिवालिया घोषित ना हो 3 – 25 […]

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संपादकीय

लोंगेवाला से प्रधानमंत्री ने दिया संदेश : बदल रही है भारत की तस्वीर

  11 नवंबर 2017 से 18 फरवरी 2018 तक मुंबई में भारत के 20 लाख वर्षों के इतिहास से जुड़ी एक प्रदर्शनी लगी थी। इस प्रदर्शनी को उस समय इंडिया एंड वर्ल्डः ए हिस्ट्री इन नाइन स्टोरीज़ का नाम दिया गया था। इसमें 228 मूर्तियों, बर्तनों और तस्वीरों को इनके समय के अनुसार नौ वर्गों […]

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संपादकीय

अर्णब गोस्वामी ,उद्धव ठाकरे और भारत का सर्वोच्च न्यायालय

  भारत की न्यायपालिका विश्व की सर्वाधिक सशक्त न्यायपालिकाओं में से एक है । यहाँ तक कि अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय से भी कहीं अधिक बेहतर ढंग से अपने कर्तव्यों का निर्वाह करने में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने विश्व का ध्यान आकर्षित किया है । जब राजनीति पथभ्रष्ट,धर्मभ्रष्ट और कर्तव्यभ्रष्ट हो जाती है, तब […]

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संपादकीय

बिहार विधानसभा चुनावों के संदेश

  बिहार चुनावों के परिणामों से कई संदेश निकलते दिखाई दे रहे हैं । सबसे पहले तो नितीश बाबू के सुशासन को लोगों ने नकारकर भी उन्हें प्रदेश की कमान सौंप दी है । यह केवल इसलिए संभव हो पा रहा है कि भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करने के बावजूद भी मुख्यमंत्री के चेहरे के […]

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महत्वपूर्ण लेख संपादकीय

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की ‘पड़ोस पहले’ की विदेश नीति

  भारत के वर्तमान प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 26 मई 2014 को अपने प्रधानमन्त्रित्व काल का शुभारम्भ किया था । उस समय उन्होंने अपने सभी पड़ोसी देशों के समकक्ष शासनाध्यक्षों को अपने शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया था। ऐसा करके प्रधानमन्त्री श्री मोदी ने अपनी सरकार की विदेश नीति की दिशा का स्पष्ट […]

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देश विदेश संपादकीय

पेरिस की घटना से मिला संकेत : इस्लामिक आतंकवाद के विरुद्ध दुनिया कमर कस चुकी है

  पेरिस में एक शिक्षक की गला काटकर जिस प्रकार हत्या की गई और उसके पश्चात फ्रांस सरकार ने इस्लामिक आतंकवाद और आतंकवादियों के विरुद्ध जिस प्रकार के कड़े तेवर दिखाए हैं, उससे विश्व राजनीति में भूचाल आ गया है । इस्लामिक आतंकवाद के इतिहास में यह कोई नई घटना नहीं थी कि जब उसने […]

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संपादकीय

सवाल आखिर अस्तित्व का है

  जम्मू कश्मीर की परिस्थितियां विस्फोटक होती जा रही हैं। हाल ही में जम्मू कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती जिस प्रकार अपनी दुश्मनी भूलकर एक हुए हैं और भारत के विरुद्ध जहर उगल रहे हैं उसको कम करके आंकना बहुत बड़ी गलती होगी। राजनीति के लिए सीधा सा […]

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संपादकीय

संघ प्रमुख मोहन भागवत का बयान और शिवसेना

  शिवसेना ने महाराष्ट्र में जोड़-तोड़ कर सरकार तो बना ली और अब जैसे तैसे उसे चला भी रही है, परंतु उसे अपने भविष्य की चिंता भी है । क्योंकि उसने हिंदुत्व के साथ जिस प्रकार दूरी बनाने का निर्णय लिया उससे महाराष्ट्र में ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र से बाहर भी उसकी किरकिरी हुई है। […]

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