हत्यारों, बलात्कारियों ,अपराधियों और डकैतों को इतिहास नायक बनाकर पेश करना भारत के दरबारी इतिहासकारों की देशघाती प्रवृत्ति रही है। इसी के चलते इतिहास के खलनायक देश की युवा पीढ़ी के आदर्श बना दिए गए। आज जिन युवाओं को ‘भटका हुआ नौजवान’ कहा जाता है, उन सबकी सोच इन्हीं खलनायकों की सोच में जाकर अटक […]
श्रेणी: संपादकीय
बिहार में हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में सीमांचल ने ओवैसी के जिन 5 विधायकों को चुनकर भेजा था उन्होंने अपना रंग पहले दिन ही दिखा दिया , जब उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि वे हिंदुस्तान के संविधान के नाम पर शपथ नहीं लेंगे। इस छोटी सी घटना से उन छद्म […]
स्वतंत्र भारत में धर्मनिरपेक्षता की अवधारणा को जिस प्रकार अपने राजनीतिक चिंतन का मूल केंद्र बनाकर भारत ने आगे बढ़ना आरंभ किया वह हमारे देश के लिए बहुत ही घातक सिद्ध हुआ है । हमारे राजनीतिज्ञों ने स्वाधीनता प्राप्ति के तत्काल पश्चात मुस्लिम तुष्टीकरण का नाम ही धर्मनिरपेक्षता मान लिया । राजनीति के विषय […]
हमारे देश के लिए बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण तथ्य है कि यदि सरकारें अच्छा काम करती हैं तो उनका कुछ लोग विरोध करते हैं , परंतु उनके विरोध को शांत करने के लिए सरकार के समर्थन में सड़कों पर उतरना गलत माना जाता है । जबकि देश की मुख्यधारा में विश्वास रखने वाली देश की […]
भारत के संविधान के आपत्तिजनक अनुच्छेदों पर यदि विचार किया जाए तो जहां भारत के विधानमंडलों के किसी प्रतिनिधि के लिए अर्हता या योग्यता की बात कही गई है , वहां पर केवल इतना कह दिया गया है कि :- 1 -वह भारत का नागरिक हो, 2 – दिवालिया घोषित ना हो 3 – 25 […]
11 नवंबर 2017 से 18 फरवरी 2018 तक मुंबई में भारत के 20 लाख वर्षों के इतिहास से जुड़ी एक प्रदर्शनी लगी थी। इस प्रदर्शनी को उस समय इंडिया एंड वर्ल्डः ए हिस्ट्री इन नाइन स्टोरीज़ का नाम दिया गया था। इसमें 228 मूर्तियों, बर्तनों और तस्वीरों को इनके समय के अनुसार नौ वर्गों […]
भारत की न्यायपालिका विश्व की सर्वाधिक सशक्त न्यायपालिकाओं में से एक है । यहाँ तक कि अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय से भी कहीं अधिक बेहतर ढंग से अपने कर्तव्यों का निर्वाह करने में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने विश्व का ध्यान आकर्षित किया है । जब राजनीति पथभ्रष्ट,धर्मभ्रष्ट और कर्तव्यभ्रष्ट हो जाती है, तब […]
बिहार चुनावों के परिणामों से कई संदेश निकलते दिखाई दे रहे हैं । सबसे पहले तो नितीश बाबू के सुशासन को लोगों ने नकारकर भी उन्हें प्रदेश की कमान सौंप दी है । यह केवल इसलिए संभव हो पा रहा है कि भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करने के बावजूद भी मुख्यमंत्री के चेहरे के […]
भारत के वर्तमान प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 26 मई 2014 को अपने प्रधानमन्त्रित्व काल का शुभारम्भ किया था । उस समय उन्होंने अपने सभी पड़ोसी देशों के समकक्ष शासनाध्यक्षों को अपने शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया था। ऐसा करके प्रधानमन्त्री श्री मोदी ने अपनी सरकार की विदेश नीति की दिशा का स्पष्ट […]
पेरिस में एक शिक्षक की गला काटकर जिस प्रकार हत्या की गई और उसके पश्चात फ्रांस सरकार ने इस्लामिक आतंकवाद और आतंकवादियों के विरुद्ध जिस प्रकार के कड़े तेवर दिखाए हैं, उससे विश्व राजनीति में भूचाल आ गया है । इस्लामिक आतंकवाद के इतिहास में यह कोई नई घटना नहीं थी कि जब उसने […]