1905 में जब सांप्रदायिक आधार पर अंग्रेजों ने बंगाल प्रांत का विभाजन किया तो ‘बंग भंग’ के नाम से विख्यात हुई उस घटना के बारे में आज कांग्रेस चाहे अपने इतिहास में कुछ भी लिखे, परंतु सच यह है कि उस समय उसकी स्थिति कुछ भी नहीं थी। उसकी कोई आवाज नहीं थी और […]
Category: संपादकीय
हिंदू की यह विशेषता है कि यह उन बातों को शीघ्रता से ग्रहण कर लेता है जो देश,काल व परिस्थिति के अनुसार बहुत अनिवार्य हो गई होती हैं। जैसे जनसंख्या विस्फोट के बारे में जब सरकार और मीडिया की ओर से यह प्रचार प्रसार किया गया कि यदि हम बढ़ती जनसंख्या को रोक नहीं […]
आज भारत में भी हिंदुओं के लिए अपने अस्तित्व को बचाए रखना एक बड़ी समस्या बन चुकी है। भारत वर्ष के भीतर जहां – जहां मुस्लिम बहुल क्षेत्र हैं, वहाँ वहाँ हिंदू अपने अस्तित्व को बचाने के लिए मुगलिया काल से भी अधिक दयनीय स्थिति में जी रहा है। जिस पर इस समय एक गंभीर […]
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर भारतीय स्वाधीनता संग्राम के एक ऐसे नेता रहे हैं , जिन्होंने अपनी प्रतिभा और योग्यता के बल पर अपना विशेष सम्मानपूर्ण स्थान प्राप्त किया। वह भारतीय संविधान की प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे और प्रारूप समिति के अध्यक्ष के नाते उन्होंने संविधान में वही लिखा जो उनसे संविधान सभा के सदस्यों […]
माननीय योगी आदित्यनाथ जी मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार, लखनऊ विषय : प्रदेश के राजस्व अभिलेखों में मुगलों की गुलामी के प्रतीक के रूप में चले आ रहे हिजरी साल फसली को समाप्त कर वैदिक सृष्टि सम्वत और विक्रमी संवत को स्थापित कराने के संदर्भ में महोदय सादर प्रणाम। सर्वप्रथम आपको वैदिक हिंदू नव वर्ष की […]
बेशक चाहे दुनिया का आम आदमी अपनी रोजमर्रा की जिंदगी को खींचने के लिए कितनी ही बड़ी जंग क्यों न लड़ रहा हो और चाहे उसे वैश्विक राजनीति से अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए कितनी ही अपेक्षाएं क्यों न हों?- पर वैश्विक राजनीति के पंच या तथाकथित बड़े नेता संसार के आम […]
गाजियाबाद के डासना की शक्तिपीठ के महंत यति नरसिंहानंद इस समय अपनी स्पष्टवादिता और साहस के कारण विशेष चर्चा में हैं। यति नरसिंहानंद हिंदुत्व के लिए समर्पित व्यक्तित्व का नाम है। हिंदुत्व की मौलिक चेतना को जन-जन तक पहुंचाना और हिंदुत्व के शत्रुओं से उसकी प्रत्येक परिस्थिति में सुरक्षा करना वह अपने जीवन का […]
10 जनवरी को प्रत्येक वर्ष अंतर्राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है । 2 वर्ष पहले मैं उस दिन डायमंड पॉकेट बुक्स के चीफ श्री नरेंद्र वर्मा जी के आमंत्रण पर प्रगति मैदान में लगे विश्व पुस्तक मेले में एक वक्ता के रूप में पहुंचा । जिसमें कुछ पुस्तकों का विमोचन किया जाना था । […]
माननीय प्रधानमंत्री जी ! सादर प्रणाम । 2014 में जब आप देश के प्रधानमंत्री बने तो भारतीय धर्म संस्कृति और इतिहास की परंपराओं के प्रति आस्थावान हम जैसे करोड़ों लोगों को आपके प्रधानमंत्री बनने पर असीम प्रसन्नता का अनुभव हुआ था। तब लोगों को लगा था कि आप वैदिक (हिन्दू) इतिहास, संस्कृति और धर्म […]
आज के लोकतांत्रिक और वैज्ञानिक जमाने में भी जब किसी देश से सेना द्वारा तख्तापलट के समाचार आते हैं तो बड़ा कष्ट होता है । यह कष्ट उस समय और अधिक बढ़ जाता है जब हम देखते हैं कि तख्तापलट से पीड़ित हुए ऐसे देश के पड़ोसी देश या विश्व के बड़े देश और […]