भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करेंगे, समान नागरिक संहिता लाएंगे, जनसंख्या नियंत्रण के लिए कठोर कानून लाया जाएगा, मुस्लिम तुष्टिकरण की चल रही राजनीतिक परंपरा को समाप्त किया जाएगा , ‘यदि भारत में रहना होगा तो वंदेमातरम कहना होगा’ – इन जैसे अन्य कई नारे या जनता को दिए गए वचन लगता है आरएसएस और […]
श्रेणी: संपादकीय
भारत का वैदिक हिंदू धर्म कभी संपूर्ण भूमंडल के लोगों का धर्म हुआ करता था। तब धर्म की नैतिक शक्ति से सामाजिक व्यवस्था से ही चला करती थी। कालांतर में जब संसार की वैदिक व्यवस्था में किन्ही कारणों से घुन लगने लगा और विभिन्न राष्ट्रीयताओं का जन्म हुआ तो अनेकों संप्रदाय, मत, पंथ, मजहब […]
प्रधानमंत्री श्री मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उनके कई अधिकारियों के साथ जम्मू कश्मीर के राजनीतिक दलों की बैठक दिल्ली में संपन्न हो गई है। जिसमें केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि धारा 370 की बहाली को लेकर पीछे मुड़ने का कोई सवाल नहीं है । इस बैठक में उपस्थित […]
अधिकतर भारतीय राजनेताओं की परिवार पोषक नीतियों के चलते उनकी प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों अर्थात पॉलीटिकल पार्टीज की स्थिति या तो उनके सामने या उनके बाद लड़खड़ा कर भूमिसात हो जाती है या उनकी विरासत पर ऐसी तकरार होती है जिससे उस राजनीतिज्ञ और राजनीतिक पार्टी की परिवार पोषक नीतियों का तो खुलासा हो ही […]
यह एक अच्छी बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू कश्मीर के राजनीतिक दलों की बैठक आहूत कर राजनीतिक परिस्थितियों को सामान्य करने का संकेत दिया है, परंतु इसमें सम्मिलित होने से पहले ही ‘गुपकार गठबंधन’ ने धारा 370 को पूर्ववत स्थापित करने की बात कह कर यह स्पष्ट किया है कि वह […]
भारत ने किसी भी विदेशी सत्ताधारी को कभी भी अपना शासक स्वीकार नहीं किया। अनमने मन से या किसी मजबूरी के चलते यदि कहीं कुछ देर के लिए इन विदेशी सत्ताधारियों को अपना शासक स्वीकार कर भी लिया गया तो भारत के लोगों ने समय आते ही उसकी सत्ता पलटने या उसका सर्वनाश करने […]
पिछले दिनों भाजपा उत्तर प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर गंभीर दिखाई दी। परंतु बाद में यह निर्णय लिया गया कि आगामी विधानसभा चुनाव वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। अब प्रश्न यह है कि भाजपा ने ऐसा मन क्यों बनाया कि पूरे देश में हिंदुत्व के चेहरे के रूप में […]
भारत के संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो मुसलमानों को अल्पसंख्यक घोषित करता हो, लेकिन राजनीति में ‘सेकुलर गैंग’ ने इस शब्द को अपने राजनीतिक लाभ के लिए गढ़ लिया है । यद्यपि इतना अवश्य है कि भारत के संविधान की धारा 29 व 30 भारतवर्ष में अल्पसंख्यक शब्द और तदजनित विसंगतियों […]
एलफिंस्टन का कहना है-”जावा का इतिहास कलिंग से आये हिन्दुओं की बहुत सी संस्थाओं के इतिहास से भरा पड़ा है। जिससे पता चलता है कि वहां से आये हुए सभ्य लोगों द्वारा स्थापित किये गये निर्माण कार्य जो ईसा से 75 वर्ष पूर्व बनाये गये थे, आज भी वैसे के वैसे ही खड़े हैं।” […]
चीन अब विश्व स्तर पर अपनी होती बेइज्जती को समझने लगा है । उसे पता चल गया है कि दुनिया को खत्म कर दुनिया पर हुकूमत करने की जो उसने योजना बनाई थी, वह कितनी गलत हो सकती है ? और उसकी इस योजना के चलते उसे विश्व स्तर पर कितना अपमान झेलना पड़ रहा […]