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संपादकीय

नेहरू गांधी का भारत और भारत का तेजस्वी राष्ट्रवाद

देश के वीर क्रांतिकारियों और महान योद्धाओं के अनेकों बलिदानों के बाद जब  15 अगस्त 1947 को हमें आजादी मिली तो गांधी के ‘आशीर्वाद’ से देश का पहला प्रधानमंत्री बनने का ‘सौभाग्य’ पंडित जवाहरलाल नेहरू को मिला। देश के पहले प्रधानमंत्री के रूप में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने तब आधी रात को मिली आजादी की […]

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संपादकीय

काटजू जी ! देश में क्रांति तो होनी चाहिए

भारत के सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू कई बार अपनी विवादित टिप्पणियों के कारण चर्चा में आते रहते हैं। चर्चा में बने रहने के लिए लगता है वे स्वयं भी ऐसी बातें कहते रहते हैं। यद्यपि भारत के संविधान ने भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रदान कर प्रत्येक व्यक्ति को बोलने का संवैधानिक […]

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संपादकीय

ईश्वर कांग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी को सद्बुद्धि दे

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रहे राहुल गांधी के बारे में सबसे बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण तथ्य यह है कि वे अपनी पार्टी को इस समय अपने पैरों पर खड़ा करने में असफल रहे हैं। राजनीतिक रूप से लड़खड़ाती कांग्रेस किसी ऐसे नेता की बाट जोह रही है जो उसे वर्तमान दलदल से बाहर निकाल सके, लेकिन राहुल […]

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संपादकीय

देश की आजादी की जंग और मां के गीतों के वे बोल …

. देश अपनी आजादी की 75 वीं वर्षगांठ मनाने की तैयारियों में जुट गया है। किसी भी देश व समाज को खड़ा करने के लिए 74 वर्ष बहुत होते हैं। यद्यपि राष्ट्र के सनातन स्वरूप को देखते हुए 74 वर्ष एक अरब 40 करोड़ की जनसंख्या को सही दिशा देने और उसकी सभी समस्याओं का […]

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संपादकीय

पाक अधिकृत कश्मीर के भारत में विलय के दिन अब दूर नहीं

पाकिस्तान चाहे भले ही भारत पर इस समय ड्रोन हमलों में व्यस्त हो, पर भीतर ही भीतर पाकिस्तान और पाकिस्तान का नेतृत्व भारत से भयभीत है। क्योंकि उसे स्पष्ट संदेश दे दिया गया है कि पीओके पर उसका अधिकार पूर्णतया अवैधानिक है। सारा पीओके भारत की है और अब उसे पीओके खाली करने के लिए […]

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संपादकीय

संसद में सांसदों की संख्या बढ़ाना जरूरी है या फिर ……?

  भारत के लोकसभा सांसदों की संख्या बढ़ाकर 1000 करने के लिए मोदी सरकार गंभीरता से विचार कर रही है । इस बाबत समाचार पत्रों में खबरें निरंतर प्रकाशित हो रही हैं। प्रधानमंत्री मोदी संसद में अपने बहुमत के आधार पर कोई भी निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं। उनके विषय में यह भी कहा […]

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संपादकीय

ये लोकतंत्र, ये राजनीति मेरे काम की नहीं

देश में इस समय राजनीति के गिरे हुए और घृणास्पद स्वरूप को देखकर देश के प्रति गंभीर लोग बहुत अधिक चिंतित हैं। कांग्रेस ने अपने शासनकाल में जिन अलोकतांत्रिक मूल्यों और कुसंस्कारों का बीजारोपण किया था वह अब फलीभूत हो रहे होते दिखाई दे रहे हैं। दुर्भाग्य का विषय है कि कांग्रेस ने जिन पापों […]

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संपादकीय

दिनेश चंद्र त्यागी : इतिहास का विद्वान स्वयं बन गया ‘इतिहास’

अखिल भारत हिंदू महासभा के पूर्व अध्यक्ष, वरिष्ठ हिंदूवादी चिंतक ,महान इतिहासकार और भारतीय संस्कृति के उद्भट प्रस्तोता दिनेश चंद्र त्यागी का देहांत सचमुच बौद्धिक जगत के लिए अपूर्णनीय क्षति है। उनका पावन सानिध्य जब भी मिला तभी उन्होंने अपनी विद्वता की अद्भुत छाप मेरे मानस पर छोड़ी। श्री त्यागी जीवन भर ”राजनीति का हिंदूकरण […]

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महत्वपूर्ण लेख संपादकीय

योगी सरकार की जनसंख्या नीति और ‘हिंदू अस्तित्व’

भारत में ‘हिंदू अस्तित्व’ को बचाए रखने के लिए दीर्घकाल से एक कठोर जनसंख्या नियंत्रण कानून की आवश्यकता अनुभव की जाती रही है। इस दिशा में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने देश के सर्वाधिक जनसंख्या वाले प्रदेश का ‘उत्तर प्रदेश जनसंख्या विधेयक – 2021’- का प्रारूप […]

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देश विदेश संपादकीय

सम्पादकीय : अफगानिस्तान में भारत की भूमिका

  यदि इतिहास के दृष्टिकोण से देखा जाए तो भारत और अफगानिस्तान के संबंध युगों पुराने हैं। संपूर्ण अफगानिस्तान कभी आर्यावर्त का ही एक भाग हुआ करता था। महाभारत काल में भी भारत और कंधार के रिश्ते बहुत ही मजबूत रहे । कालांतर में इस्लाम के आक्रमणों ने अफगानिस्तान का वैदिक हिंदू अतीत समाप्त कर […]

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