एक षडय़ंत्र के अंतर्गत भारत को नष्ट करने के लिए जो मिथ्या और भ्रामक कथा-कहानियां गढ़ी गयी है उनमें सबसे प्रमुख है-आर्यों का विदेशी होना। प्रश्न है कि ऐसी कहानियां गढ़ी क्यों गयीं? इसका उत्तर ये है कि भारतीयों के प्राचीन धर्म और इतिहास को मिटाकर भारत में ईसाइयत का प्रबलता से प्रचार प्रसार करना […]
Category: संपादकीय
गुर्जर जाति भारत की क्षत्रिय जातियों में गिनी जाती है इसके शौर्य और वीरता की भाग विदेशी आक्रमण कार्यो ने भी मानी थी। इसकी वीरता और शौर्य का उल्लेख करते हुए पाकिस्तान के रिटायर्ड मेजर जनरल मुकीश खान ने अपनी पुस्तकcrisis of leadership ’ में लिखा है कि, भारतीय सेना का एक अभिन्न अंग होते […]
हरियाणा की जनता ने बचाया देश का सम्मान
मैंने अभी कुछ समय पूर्व अपने एक लेख में लिखा था कि हरियाणा के लोगों ने लोकसभा चुनाव के समय भाजपा को 46 सीटों पर बढ़त दी थी। जिससे भाजपा को कम करके आंकने की आवश्यकता नहीं है। मेरा अनुमान था कि भाजपा विधानसभा चुनाव में तीसरी बार भी सत्ता में आ सकती है। […]
पिता द्यौ और माता पृथ्वी है
ज्येष्ठ माह में सूर्य की तेज रश्मियों से समुद्र में बड़ी तेजी से वाष्पीकरण होता है। अनंत जलराशि सूर्य की किरणों पर सवार होकर आकाश में चली जाती है, फिर एक निश्चित समय पर मेघों के माध्यम से यह जल वर्षा के रूप में धरती पर बिखर जाता है। चारों ओर हरियाली छा जाती है। […]
क्या है महिला सशक्तिकरण?
राकेश कुमार आर्य महिला सशक्तिकरण की बात समाज में रह रहकर उठती रही है। महिला सशक्तिकरण का अर्थ कुछ इस प्रकार लगाया जाता है कि जैसे महिलाओं को किसी वर्ग विशेषकर पुरूष वर्ग का सामना करने के लिए सुदृढ किया जा रहा है। भारतीय समाज में प्राचीनकाल से ही नारी को पुरूष के समान अधिकार […]
ममता बनर्जी और नारी शक्ति
राकेश कुमार आर्य पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी अपने ‘हठीले’ स्वभाव के कारण चर्चा में बनी रहती हैं। हठीले व्यक्ति के विषय में यह सर्वमान्य सत्य होता है कि वह विवेकहीन होता है, वह स्वार्थी होता है और अपने ‘स्वार्थ’ के सामने उसे और कुछ भी नहीं दिखता है। कहने के लिए वह स्वयं […]
अमेरिका कभी भी वैश्विक राजनीति में भारत का मित्र नहीं रहा है। हर मोड़ पर इसने भारत को पटखनी देने का हर संभव प्रयास किया है। पाकिस्तान और चीन को भारत के विरुद्ध उकसाने की गतिविधियों में भी अमेरिका की सीआईए सक्रिय रही है। इसके साथ-साथ वहां के नेतृत्व ने भी भारत को नीचा दिखाने […]
हमारे देश का संविधान पंथनिरपेक्ष राज्य की अवधारणा को स्थापित करता है। इसका अभिप्राय है कि राज्य नागरिकों के मध्य किसी मजहब के आधार पर भेदभाव नहीं करेगा। भेदभाव नहीं करने का अभिप्राय है कि किसी एक पंथ के लोगों का तुष्टिकरण नहीं किया जाएगा। परंतु देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के शासनकाल […]
जातिगत जनगणना की जंग में आरएसएस
यह बहुत ही विडंबनापूर्ण है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी अब जातिगत जनगणना की मांग कर डाली है। संघ के बारे में अभी तक मान्यता थी कि यह हिंदू समाज में समरसता उत्पन्न करने की दिशा में ठोस कार्य करेगा और जिस प्रकार वर्तमान परिस्थितियों में देश के हिंदू समाज को तोड़ने की कोशिशें […]
मेरे एक मित्र कह रहे थे कि राजनीतिज्ञ वही होता है जो बड़ी भारी भीड़ को अपने पीछे खींचकर दूर जंगल में ले जाए और फिर वहां एक ऊंचे पेड़ पर चढ़कर चारों ओर देखकर अपने साथ आई भीड़ को अचानक यह निर्देश दे कि हम गलत दिशा में चले आए, चलो उल्टे चलते हैं। […]