भारत ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के माध्यम से अपने पड़ोसी शत्रुओं को यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि कोई देश शांतिप्रिय भारत को छेड़ेगा तो भारत उसको छोड़ेगा नहीं । भारत की इस नीति पर अब किसी को शंका या सन्देह करने की आवश्यकता नहीं है , क्योंकि भारत अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय […]
श्रेणी: संपादकीय
पिछले लगभग एक वर्ष से चल रहा तथाकथित किसान आंदोलन सभी राष्ट्रवादियों के लिए चिंता का विषय बना हुआ था। इसका कारण केवल एक था कि इस आंदोलन के सूत्रधारों ने इसका चेहरा तो राकेश टिकैत को बना लिया परंतु इसकी योजना संभवत: टिकैत को भी मालूम नहीं होगी कि वास्तव में इस आंदोलन के […]
मानव समाज जब – जब आतंकवाद और आतंकवादियों के हमलों से आहत हुआ है तब – तब उसने इस प्रकार के हमलों से सदा – सदा के लिए मुक्ति पाने का कोई न कोई रास्ता खोजने का प्रयास किया है। संसार के जिस – जिस क्षेत्र में अज्ञान, अविद्या, पाखंड, छल, छद्म और अत्याचार चरम […]
——————————————— राजनीति पूरी तरह खूनी हो चुकी है। इसके अनेकों उदाहरण हमें समाचार पत्रों में सुनने को मिलते रहते हैं। पश्चिम बंगाल से हाल ही में वहाँ के सबसे वरिष्ठ नेता सुब्रत मुखर्जी के विषय में भी जो शंका आशंकाएं व्यक्त की जा रही हैं इससे स्पष्ट होता है कि वह भी मरे नहीं […]
हमारे देश में कई लोगों को ऐसी भ्रांति रहती है कि जैसे 25 जून 1975 को ही देश में पहली बार आपातकाल घोषित किया गया था । आज हम यहां यह बताना चाहेंगे कि देश में पहली बार आपातकाल जैसी स्थिति 13 सितंबर 1948 को उत्पन्न हुई थी। यद्यपि उस समय हमारे देश का संविधान […]
संसार के सभी वासियों को अपना मानना और एक ही पिता की संतान मानकर उनके प्रति आत्मीयता का बर्ताव करना भारत की प्राचीन नीति – संस्कृति रही है । अपनी इसी पवित्र नीति और संस्कृति भाव के कारण भारत ने संसार के लोगों के हृदय पर शासन किया है। भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी […]
भारत में स्वतंत्रता पूर्व महात्मा गांधी ने रामराज्य की परिकल्पना की थी। उनका सपना था कि जब देश आजाद हो जाएगा तो रामराज्य की स्थापना कर राम के आदर्श राज्य को लोक हितकारी नियमों और विधान के अनुसार चलाया जाएगा। यह अलग बात है कि जब देश आजाद हुआ तो गांधी की कांग्रेस के नेताओं […]
बात 1960 के दशक की है। जब देश के प्रधानमंत्री पंडित नेहरु थे। पंडित जी कहने को ‘पंडित’ थे पर धर्मनिरपेक्षता का भूत उन पर इस कदर चढ़ गया था कि स्वयं को ‘दुर्भाग्यवश’ हिंदू मानते थे। उन पर इस्लामिक संस्कृति का रंग चढ़ा था और ईसाइयत के ढंग से जीने को वह अपना सौभाग्य […]
जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनातनी बढ़ते हुए युद्ध की स्थिति पैदा हो गई थी हुए और पाकिस्तान ने भारत के अभिनंदन को पकड़ लिया था तो उस समय अमेरिका के राष्ट्रपति ने भारत के प्रधानमंत्री मोदी के तल्ख तेवर देखकर कहा था कि ‘भारत अब कुछ बड़ा करने वाला है।’ यह पहली बार […]
अफगानिस्तान में पिछले दिनों जो कुछ भी हुआ है उस पर अब अधिक कुछ लिखने की आवश्यकता नहीं है। वहां पर फिर तालिबानी आतंकवादियों के हाथों में सत्ता चली गई है और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के अंतर्गत मिलने वाले मानवीय मौलिक अधिकारों को वहां पर फिर ग्रहण लग गया है। जिससे अंतरराष्ट्रीय जनमत अफगानिस्तान की नई […]