जब प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 में पहली बार देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी तो उस समय उनके विरोधी और विशेष रूप से कांग्रेस के नेता यह कहते नहीं थक रहे थे कि उन्हें ना तो देश चलाने का ज्ञान है और ना ही देश की विदेश नीति का कुछ ज्ञान है। उनका […]
श्रेणी: संपादकीय
लोकतंत्र में विपक्ष की बहुत ही उपयोगिता और महत्व है। वर्तमान भारतीय राजनीति का यह दुर्भाग्य है कि देश के विधानमंडलों और विशेष रूप से संसद में विपक्ष कमजोर होता जा रहा है। विपक्ष की कमजोरी और सरकार के विधाई कार्यों में अड़ंगे डालने की प्रवृत्ति के चलते अभी हाल ही में चले संसद के […]
हमारी आरंभ से ही यह मान्यता रही है कि अफगानिस्तान में तालिबान का लौटना संसार के लिए शुभ संकेत नहीं है। सारे विश्व के देश और नेता भी इस बात को जानते हैं। इसके उपरांत भी बड़ी सहजता से और अप्रत्याशित ढंग से तालिबान को सत्ता में लौट जाने दिया गया है। ईसाई देशों ने […]
राजधर्म और राजनीति दोनों का गहरा संबंध है। राजनीति में रहकर राजधर्म का निर्वाह करना हर किसी के वश की बात नहीं है। जाति, संप्रदाय ,भाषा प्रांत आदि जैसे पूर्वाग्रह जब राजनीतिज्ञों को बहुत अधिक सीमा तक प्रभावित कर रहे हों, तब उनसे राजधर्म के सम्यक निर्वाह की अपेक्षा नहीं की जा सकती। वर्तमान भारत […]
सरस्वती नाम की नदी की चर्चा हमारे देश में पौराणिक साहित्य में कई स्थानों पर हुई है। प्राचीन काल से ही यह परंपरा एक विश्वास के रूप में भारत में बनी रही है कि प्रयागराज में जहां गंगा और यमुना जाकर मिलती हैं वहीं पर एक अदृश्य नदी सरस्वती भी आकर मिलती है। इसे प्लाक्ष्वती,वेद्समृति, […]
इतिहास एक पवित्र गंगा है। इसकी धारा शाश्वत है। सनातन है। इसमें निरंतरता है। इसकी प्रवाहमानता किसी राष्ट्र की संस्कृति और समाज की प्रवाहमानता को प्रमाणित करती है। यदि इतिहास की प्रवाहमानता कहीं बाधित , कुंठित या अवरुद्ध होती है तो समझो वह देश और समाज भी कहीं ना कहीं बाधित, कुंठित और अवरुद्ध होकर […]
देश के प्रति समर्पित एक योद्धा के रूप में जाने जाने वाले जनरल बिपिन रावत आज हमारे बीच नहीं हैं। उनके जाने की खबर से देश का हर वह व्यक्ति आहत है जो उनके जैसे व्यक्तित्व को देश की धरोहर समझकर उन पर गर्व करता था। उनकी असामयिक और अप्रत्याशित मृत्यु ने हम सबको झकझोर […]
प्रतिष्ठा में माननीय नरेंद्र मोदी जी प्रधानमंत्री, भारत सरकार – नई दिल्ली महोदय हिंदी, हिंदू, हिंदुस्तान अर्थात भारतीयता के प्रति आपकी सेवा, लगन, परिश्रम और निष्ठा सचमुच वंदनीय है। आपके महान सेवा कार्यों को करते हुए ‘उगता भारत’ समाचार पत्र की ओर से हम आपसे अनुरोध करते हैं कि हमें सामूहिक रूप से […]
जब अब से लगभग 2 वर्ष पहले महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव हुए तो वहां पर राजनीतिक स्थिति ऐसी बनी जो कि बहुत ही निराशाजनक कहीं जा सकती है। भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना में सत्ता को लेकर संघर्ष हुआ। केंद्र में भाजपा की सरकार होने के चलते राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया। जबकि […]
कांग्रेस को अपने वैचारिक मार्गदर्शक गांधी जी से संविधान और नियम-प्रक्रिया की धज्जियां उड़ाने का संस्कार उत्तराधिकार में प्राप्त हुआ है। गांधीजी के जीवन का अवलोकन करने से हमें यह तथ्य स्पष्ट हो जाता है कि उन्होंने अपनी मनमानी चलाने के लिए हर उस नैतिकता, मर्यादा , नियम- प्रक्रिया और पार्टी के संविधान के कायदे […]