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संपादकीय

हमारे अब तक के राष्ट्रपतियों का कार्यकाल और कुछ महत्वपूर्ण घटनाएं

1.  डॉ राजेन्द्र प्रसाद स्वतंत्र भारत के पहले राष्ट्रपति बनने का सौभाग्य डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद को मिला था। बहुत ही विनम्र ,सादगी के प्रतीक और भारतीयता से पूर्णतया ओतप्रोत डॉक्टर प्रसाद भारत के एकमात्र ऐसे राष्ट्रपति हैं जिन्हें इस पद पर निरंतर दो बार रहने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इसके अतिरिक्त वही एकमात्र ऐसे राष्ट्रपति […]

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संपादकीय

राष्ट्रपति की आपातकालीन शक्तियां और द्रौपदी मुर्मू

हम सभी ने अभी हाल ही में अपने देश के नए राष्ट्रपति का चुनाव होते हुए देखा है। भाजपा और उसके साथी दलों की ओर से द्रौपदी मुर्मू को अपना प्रत्याशी बनाया गया था। जिन्होंने शानदार जीत दर्ज कर इतिहास रचा है। द्रौपदी मुर्मू देश की ऐसी दूसरी महिला हैं जो रायसिना हिल्स स्थित भारत […]

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संपादकीय

देश पर सांस्कृतिक हमला और दुर्योधन की चौपाल के विधायक

कुछ समय पहले शिक्षा बचाओ आंदोलन समिति के द्वारा भारत के उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दाखिल की गई थी। जिसमें समिति ने माननीय न्यायालय से अनुरोध किया था कि बी0ए0 (ऑनर्स) इतिहास के द्वितीय वर्ष में पढ़ाया जाने वाला वह निबंध प्रतिबंधित किया जाए जिसका शीर्षक ‘थ्री हंड्रेड रामायण वीथ फाइव एग्जांपल’ था। इस […]

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संपादकीय

हिंदू शब्द की प्राचीनता और वर्तमान समय में इसका महत्व

एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका के 15 वें संस्करण में हिंदुत्व का अर्थ करते हुए स्पष्ट किया गया है कि :- ‘हिंदुओं की सभ्यता जो लगभग 2000 वर्षों में वेदों से विकसित हुई , इसमें परस्पर विपरीत मत तथा तत्व निहित है। यह एक विराट अविच्छिन्न समग्र का अत्यंत जटिल संपुंजन है।…. हिंदुत्व में समस्त जीवन का समावेश […]

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संपादकीय

शरिया लागू करने की मांग सरकार को माननी चाहिए

अजमेर की दरगाह पर हिंदू सबसे अधिक चादर चढ़ाते हैं। धार्मिक पाखंड और अंधविश्वासों में हिंदू का जितना विश्वास है उतना किसी अन्य मतावलम्बी का नहीं है। सैकड़ों वर्षो से इस दरगाह पर चादर चढ़ाते हुए हिंदू ने भरसक प्रयास कर लिया कि किसी प्रकार से सर्व संप्रदाय समभाव का राज्य भारत में स्थापित हो, […]

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संपादकीय

इस देश का यारों क्या कहना ?

संसार का सबसे उत्तम देश- भारत। संसार का सबसे पराक्रमी देश – भारत। संसार का सबसे शौर्य संपन्न देश – भारत। पर क्या कारण है कि इस सबके उपरांत भी भारत के लोग अपने शौर्य संपन्न पराक्रमी इतिहास को नहीं जानते ? कारण केवल एक है कि दीर्घकाल से इस देश के पराक्रमी, शौर्य संपन्न […]

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राजनीति संपादकीय

उद्धव ठाकरे का अहंकार और भाजपा की चुनौतियां

आचार्य चाणक्य राजनीति के महान पंडित हुए हैं। उन्हें भारत के इतिहास के साथ – साथ संसार के इतिहास में भी एक महान कूटनीतिज्ञ ,राष्ट्रनिष्ठ और महाबुद्धिमान राजनेता के रूप में देखा जाता है। आचार्य चाणक्य का कहना है कि किसी भी कार्य को करने से पहले अपने अंतर्मन में तीन प्रश्नों के उत्तर अवश्य […]

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संपादकीय

उदयपुर हत्याकांड और ओवैसी बंधुओं की देशभक्ति ?

अमित शाह जी ! इलाज वही होना चाहिए जो सरदार पटेल ने नवाब हैदराबाद का किया था असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन की कार्यशैली प्रारंभ से ही देश के विरोध में काम करने की रही है। जिस समय नवाब हैदराबाद के विरुद्ध 1938 में आर्य समाज और हिंदू महासभा के द्वारा संयुक्त […]

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संपादकीय

शिंदे की बगावत और महाराष्ट्र की राजनीति

जब आप किसी के साथ छल बल का प्रयोग करते हुए अनैतिक आचरण अपनाकर बेईमानी से कोई सफलता प्राप्त करते हैं तो ऐसी सफलता बहुत अधिक दिनों तक नहीं चल पाती है। कांग्रेस और एनसीपी के सहयोग से महाराष्ट्र में जब शिवसेना ने सत्ता प्राप्ति की जल्दबाजी दिखाते हुए अनैतिक गठबंधन कर उद्धव ठाकरे का […]

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इतिहास के पन्नों से संपादकीय

इसलिए आवश्यक है इतिहास का पुनर्लेखन ? आर्य राजाओं का चरित्र बनाम मुगलों का चरित्र

स्वामी दयानंद जी भारत में राजा को चारित्रिक गुणों में बहुत ही उत्तम देखने के पक्षधर थे। उनकी इच्छा थी कि जिस प्रकार आर्य राजाओं के भीतर गुण हुआ करते थे वैसे ही गुण आज के राजनीतिज्ञों के भीतर भी होने चाहिए। महाभारत में राजा के भीतर 36 गुणों का वर्णन किया गया है। उन […]

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