बात उन दिनों की है जब क्रांतिवीर सावरकर जी की योजना अनुसार महान क्रांतिकारी मदनलाल ढींगरा ने कर्जन वायली को गोली से उड़ा दिया था और कहा था कि कर्जन वायली स्वर्गधाम का नहीं , अपितु नरक धाम का अधिकारी है । इस हत्याकांड का केस लंदन की एक अदालत में विचाराधीन था । तभी […]
Category: संपादकीय
महात्मा गांधी ने कभी हमारे देश में ‘खिलाफत आंदोलन’ चलाया था। बहुत लोग हैं जो यह मानते हैं कि खिलाफत का अर्थ अंग्रेजों का विरोध करना था। जबकि सच यह नहीं था। सच यह था कि टर्की के खलीफा को अंग्रेजों ने जब उसके पद से हटा दिया तो उसकी खिलाफत अर्थात धार्मिक जगत में […]
हमारी सांझी विरासत और खालिस्तानी आंदोलन इतिहास इस बात का साक्षी है कि भारत की वैदिक हिंदू संस्कृति की रक्षा के लिए ही गुरु नानक जी ने नानक पंथ अर्थात सिक्ख मत की स्थापना की थी। उन्होंने अपने जीवन काल में कभी भी कोई भी ऐसा कार्य नहीं किया जो भारत की वैदिक संस्कृति और […]
अपने मौलिक इतिहास की मूल चेतना को खोजता हुआ भारत आज इतिहास लेखन को लेकर नई करवट लेता दिखाई दे रहा है। कई लोगों को इस बात से बड़ी बेचैनी हो रही है कि भारत में इतिहास के पुनर्लेखन की मांग क्यों हो रही है और क्यों इस पर कार्य हो रहा है? हमें अपने […]
आज से जब हमारा नया सृष्टि संवत आरंभ हो रहा है तो हम देख रहे हैं चारों ओर प्रकृति में नया उल्लास और नवजीवन का संचार हुआ अनुभव हो रहा है। प्रकृति के जर्रे जर्रे में, कण कण में पवित्रता का बोध हो रहा है। पशु पक्षी सभी हर्षित मुद्रा में हैं। इसके अतिरिक्त मनुष्य […]
सांसद वरुण गांधी का राजनीतिक स्वास्थ्य कैसा है? यदि इस पर विचार किया जाए तो वे भीतर ही भीतर अस्वस्थ दिखाई देते हैं। कभी-कभी उनकी अस्वस्थता उनकी बयानबाजी से झलक जाती है, जब वह अपनी पार्टी भाजपा के विरुद्ध मुखर होकर आलोचना करने लगते हैं। फिर कुछ समय बाद लगता है कि उनके सुर धीमे […]
सुहेलदेव भारतीय इतिहास के एक ऐसे महानायक हैं जिन पर प्रत्येक भारतीय को गर्व होना चाहिए। उन्हीं के नाम पर उत्तर प्रदेश में ओमप्रकाश राजभर नाम के एक नेता सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी चलाते हैं। वास्तव में सुहेलदेव इस समय राजनीतिक अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। उनका राजनीति में सिद्धांत क्या है ? – […]
इतिहास मिटा दिया तो क्या मिट जाने दें?
अभी हमारे सर्वोच्च न्यायालय की ओर से एक बहुत महत्वपूर्ण निर्णय आया है। जिस पर समाचार पत्रों में जितनी चर्चा होनी चाहिए थी, उतनी हो नहीं पाई है। इससे पता चलता है कि हम घटनाओं के प्रति कितने उदासीन और तटस्थ हो गए हैं ? माना कि सर्वोच्च न्यायालय पर हम बहुत अधिक टीका टिप्पणी […]
अब मत …धोखे में आना…… देशवासियों !
मंदिरों में रखी जाने वाली मूर्तियों में प्राण प्रतिष्ठा करने की भारत की पौराणिक परंपरा कितनी वैज्ञानिक है और कितनी अवैज्ञानिक है ?- इस पर हमें कोई चर्चा नहीं करनी है। पर आज हम इतना अवश्य कहना चाहते हैं कि हिंदू समाज की राष्ट्र और धर्म के प्रति बढ़ती जा रही निष्क्रियता और तटस्थता की […]
मदनी और अतिथि धर्म का अतिक्रमण
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और भाजपा के फायर ब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ ने मौलाना अरशद मदनी द्वारा ओ३म और अल्लाह के एक होने संबंधी दिए गए बयान के संदर्भ में यह कहना उचित ही है कि भारत हिंदू राष्ट्र था, है और आगे भी रहेगा। यह बात इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि हिंदू कोई मजहब […]