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संपादकीय

देश का विभाजन और सावरकर : अध्याय 1, नए संसद भवन का उद्घाटन और विपक्ष

नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार के बहाने विपक्ष 2024 के लोकसभा चुनावों की अपनी भूमि और भूमिका तैयार कर रहा है। जितने भर भी राजनीतिक दल नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार कर रहे हैं उन्हें 2024 के चुनावों की राजनीति ऐसा करने के लिए बाध्य कर रही है। माना […]

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इतिहास के पन्नों से संपादकीय

देश विभाजन और सावरकर, अध्याय 3 सर सैयद अहमद खान का द्विराष्ट्रवाद

14 मार्च 1888 को मेरठ में दिए गए अपने भड़काऊ भाषण में सर सैयद अहमद खान ने स्पष्ट कर दिया था कि हिंदू-मुस्लिम मिलकर इस देश पर शासन नहीं कर सकते । अपने भाषण में उन्होंने कहा- “सबसे पहला प्रश्न यह है कि इस देश की सत्ता किसके हाथ में आनेवाली है ? मान लीजिए, […]

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संपादकीय

पीएम 2024 के चुनाव से पहले करें देश को हिंदू राष्ट्र घोषित

राष्ट्र के संदर्भ में जननायकों को किसी भी स्थिति परिस्थिति में पर-राष्ट्र के समक्ष झुकना नहीं चाहिए। ‘राष्ट्र-प्रथम’ को लक्ष्य में रखकर उसी के अनुसार आचरण करना चाहिए। स्वाधीनता के उपरांत यदि इसी तथ्य को दृष्टिगत रखकर राष्ट्र निर्माण में सरकारें जुटी रहतीं तो हमारा देश अब तक निश्चित रूप से ‘विश्व गुरु’ बन चुका […]

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संपादकीय

नारी को करनी होगी अपने सम्मान की खुद ही संभाल

आजकल नारी सशक्तिकरण की बातें भारत में बहुत होती हैं। वामपंथी इतिहासकारों या विचारकों ने नारी सशक्तिकरण शब्द को इस प्रकार महिमामंडित किया है कि यह केवल और केवल उनके चिंतन से ही निकल कर आया हुआ शब्द है। इससे पहले भारत के लोग नारी सशक्तिकरण के बारे में कुछ नहीं जानते थे। भारतीय संस्कृति […]

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संपादकीय

1857 की क्रांति की जयंती के अवसर पर विशेष: एक और क्रांति की दरकार अनुभव करता देश

1857 की क्रांति की जयंती के अवसर पर विशेष: एक और क्रांति की दरकार अनुभव करता देश 18 57 की क्रांति कोई आकस्मिक घटना नहीं थी। देश के लोगों के भीतर 1757 के प्लासी के युद्ध के पश्चात से ही लावा धधक रहा था। अंग्रेज गवर्नर जनरल मैटकॉफ ने लिखा था कि भारत के लोग […]

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संपादकीय

चार्ल्स डार्विन नहीं, हमें आचार्य कपिल चाहिए

कुछ दिन पूर्व एनसीईआरटी के द्वारा लिया गया यह निर्णय बहुत ही सराहनीय था कि अब एनसीईआरटी कक्षा 10 की किताब से प्रसिद्ध वैज्ञानिक चार्ल्स डार्विन से जुड़े विकासवाद के सिद्धांत को हटाया जाएगा। एनसीईआरटी की संबंधित पुस्तक में हुए इस बदलाव के बाद बड़ी संख्या में अध्यापकों और वैज्ञानिकों ने इसका विरोध किया। इसके […]

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महत्वपूर्ण लेख संपादकीय

राजनाथ सिंह ने दिया चीन को कड़ा संदेश

राजनीति में कूटनीति और कूटनीति में रणनीति का होना बहुत आवश्यक होता है। जिस राजनीति में कूटनीति और रणनीति ना हो वह राजनीति लूली लंगड़ी हो जाती है। प्रत्येक देश की विदेश नीति में इन तीनों चीजों का ही समन्वय होना बहुत ही आवश्यक होता है। जहां तक चीन के साथ भारत की विदेश नीति […]

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संपादकीय

भारत के गौरवशाली इतिहास को प्रस्तुत करने वाली फिल्म के 28 अप्रैल को जारी होने के अवसर पर : ‘पोन्नियिन सेल्वन 2’ अर्थात भारत की गौरव गाथा को प्रकट करने वाली फिल्म

पोन्नियिन सेल्वन पार्ट – 1 की सफलता के पश्चात अब पोन्नियिन सेल्वन 2 ,28 अप्रैल को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है। भारत की गौरव गाथा को प्रस्तुत करने वाली यह मूवी निश्चित रूप से नई पीढ़ी को अपने अतीत के बारे में बहुत कुछ समझाने में सफल होगी। पार्ट – 1 के माध्यम से […]

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संपादकीय

‘घर वापसी’ से पहले ‘घर चौकसी’

सोशल मीडिया पर ‘हिंदी-हिंदू-हिंदुस्तान’ के शुभचिंतकों की अच्छी बहस होती देखी जाती है। उनमें से कई ऐसे भी होते हैं जो पी0एम0 मोदी और सी0एम0 योगी को भी यह कहकर कोसते मिलते हैं कि इन दोनों ने भी हिंदुत्व के लिए कुछ नहीं किया। अब बात हिंदुत्व की ही करते हैं। हिंदुत्व इस देश की […]

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महत्वपूर्ण लेख संपादकीय

संविधान में दिए गए चित्र और उनके संदेश

हमारे देश के संविधान को बनाने के लिए 29 अगस्त 1947 को डॉ अंबेडकर की अध्यक्षता में 7 सदस्यीय प्रारूप समिति का गठन किया गया था। संविधान की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को डॉक्टर सच्चिदानंद सिन्हा की अध्यक्षता में हुई थी। 11 दिसंबर 1946 को डॉ राजेंद्र प्रसाद को संविधान सभा का स्थाई अध्यक्ष […]

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