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संपादकीय

कांग्रेस का चिंतन और उसकी कार्यशैली चिंतनीय

अब यह बात पूरी तरह से स्पष्ट हो चुकी है कि कांग्रेस ने भारत में धर्मनिरपेक्षता (जो कि वास्तव में पंथनिरपेक्षता शब्द है ) का अनुचित अर्थ किया और इसका लाभ देश के अल्पसंख्यकों को देने का भरपूर प्रयास किया। शासन का स्वरूप पंथनिरपेक्ष होना चाहिए । पंथनिरपेक्षता का अर्थ है कि शासन में जो […]

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संपादकीय

22 जनवरी : हम श्रद्धा के दीप जलाएंगे…. और कांग्रेस …?

देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ने राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण ठुकरा दिया है। सोनिया गांधी की कांग्रेस अपने हिंदू विरोध के सही स्वरूप में सामने आ गई है। यह सच है कि सोनिया गांधी को भारतीयता से कोई प्रेम नहीं है। यही कारण था कि वह अपने शासनकाल में ( […]

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महत्वपूर्ण लेख संपादकीय

मालदीव को समझनी चाहिए भारत की महानता

भारत में स्वामी दयानंद जी महाराज और उसके पश्चात महात्मा गांधी के भी आंदोलनों में स्वदेशी, स्वराष्ट्र, स्वभाषा, स्वसंस्कृति और स्वराज्य जैसे शब्द विशेष रूप से स्थान प्राप्त करते रहे। इस दृष्टिकोण से देखें तो भारत के द्वारा स्वाधीनता ही ‘स्व’ बोध के लिए प्राप्त की गई थी। अब भारत के प्रधानमंत्री श्री मोदी ने […]

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महत्वपूर्ण लेख संपादकीय

कांग्रेस का राष्ट्र विरोधी आचरण और श्री राम मंदिर

कांग्रेस अपने जन्म काल से ही हिंदू विरोधी आचरण करती आई है । हिंदू विरोधी का अभिप्राय है – राष्ट्र विरोधी होना। कांग्रेस के ऐसे दोगले चरित्र के होने का कारण यह भी है कि इसे भारतीय सांस्कृतिक राष्ट्रवाद से प्रेरित होकर स्थापित नहीं किया गया था अपितु भारतीय राष्ट्रवाद को मिटाने या उसकी उठती […]

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संपादकीय

हमारा पुनरुज्जीवी पराक्रम और राम मंदिर निर्माण

किसी भी राष्ट्र को तेजस्विता उसके तेजस्वी नेतृत्व से प्राप्त होती है। यदि नेतृत्व अभाहीन है या अपने आप को ही स्थापित करने के प्रति लापरवाह है या अपने अतीत के गौरव को प्रस्तुत करने में भी उसे शर्म की अनुभूति होती है तो राष्ट्र की आत्मा कांतिहीन होने का आभास देने लगती है । […]

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संपादकीय

आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बनना चाहिए एक ऐसा विमर्श

हमारा भारत देश कभी आर्यावर्त या ब्रह्मावर्त के नाम से भी प्रसिद्ध था। यह ऋषियों, मुनियों और ईश्वर का साक्षात्कार करने वाले योगियों की पवित्र धर्म धरा रही है। इस पवित्र धर्म-धरा पर गौतम , कणाद , कपिल ,पतंजलि ,वाल्मीकि , व्यास सदृश महर्षियों ने ज्ञानामृत और योगामृत की गंगा प्रवाहित कर भारत की वास्तविक […]

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संपादकीय

आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बनना चाहिए एक ऐसा विमर्श

हमारा भारत देश कभी आर्यावर्त या ब्रह्मावर्त के नाम से भी प्रसिद्ध था। यह ऋषियों, मुनियों और ईश्वर का साक्षात्कार करने वाले योगियों की पवित्र धर्म धरा रही है। इस पवित्र धर्म-धरा पर गौतम , कणाद , कपिल ,पतंजलि ,वाल्मीकि , व्यास सदृश महर्षियों ने ज्ञानामृत और योगामृत की गंगा प्रवाहित कर भारत की वास्तविक […]

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संपादकीय

सांसदों के निलंबन की कार्यवाही और ‘लोकतंत्र की हत्या ‘

फोटो साभार संसद के शीतकालीन सत्र को विपक्ष ने विधिक कामों में अड़ंगा डालने की अपनी चिर परिचित शैली को समर्पित करते हुए संसद में सेंधमारी के प्रकरण को तिल का ताड़ बनाने में गंवाने का पूरा प्रबंध किया । सरकार ने भी इस बात को समझ लिया है। बस, इसी कारण 18 दिसंबर को […]

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संपादकीय

देश में विपक्ष की सोच को पाला मार गया है?.

अभी हाल ही में संपन्न हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम भाजपा के पक्ष में गए और बीजेपी राजस्थान, मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ में पूर्ण ही नहीं अपितु प्रचंड बहुमत लेने में सफल हुई । उसके बाद भाजपा ने जिस प्रकार अपने तीन नए मुख्यमंत्रियों के नामों की घोषणा की है उससे अच्छे-अच्छे राजनीतिक […]

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संपादकीय

धारा 370 को हटाने संबंधी निर्णय पर सुप्रीम मुहर

धारा 370 को हटाने के जिस फैसले को लेकर कांग्रेस सहित कई राजनीतिक दल बेकार की चीख चिल्लाहट दिखाते रहे हैं उस पर अब सुप्रीम कोर्ट की ‘सुप्रीम मुहर’ लगने के बाद यह स्थिति साफ हो गई है कि भविष्य में इस प्रावधान के दोबारा लौटने की कोई संभावना शेष नहीं बची है। अपने राष्ट्र […]

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