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संपादकीय

देश की बेटी ने जगा दिया देश

जिन लोगों ने अपनी कलम बेची उन्होंने ही ईमान बेचा और जिन्होंने ईमान (धर्म परिवर्तन किया) बेचा उन्होंने ही हिंदुस्तान बेचा। बाहर से आने वाले विदेशी लोगों से देश को कभी खतरा नही रहा-बल्कि देश के भीतर रहकर विदेशियों के मित्र बनकर रहने वालों से देश को खतरा रहा है। अमरीका सहित विश्व के सभी […]

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संपादकीय

25 करोड़ बनाम एक अरब

1857 की क्रांति के पश्चात अंग्रेजों ने भारत के लिए 1858 का भारत शासन अधिनियम लागू किया। इसके बाद 1861 में भारत परिषद अधिनियम, 1892 में भारत परिषद अधिनियम, 1909 में मार्लेमिंटो सुधार और भारतीय परिषद अधिनियम, 1919 में भारत सरकार अधिनियम, और 1935 में पुन: भारत शासन अधिनियम, कुल छह अधिनियम लागू किये। दूसरे […]

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25 करोड़ बनाम एक अरब

1857 की क्रांति के पश्चात अंग्रेजों ने भारत के लिए 1858 का भारत शासन अधिनियम लागू किया। इसके बाद 1861 में भारत परिषद अधिनियम, 1892 में भारत परिषद अधिनियम, 1909 में मार्लेमिंटो सुधार और भारतीय परिषद अधिनियम, 1919 में भारत सरकार अधिनियम, और 1935 में पुन: भारत शासन अधिनियम, कुल छह अधिनियम लागू किये। दूसरे […]

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बड़ा दिन अर्थात भीष्म पितामह का निर्वाण पर्व

महाभारत का युद्घ संसार का प्राचीन काल का विश्व युद्घ था। इस युद्घ को कुछ लोगों ने भारतीय इतिहास को अंधकारमयी सिद्घ करने के लिए काल्पनिक करार दिया। लेकिन वैज्ञानिक शोधों से अब प्रमाणित हो चुका है कि महाभारत का युद्घ हुआ था। अब प्रश्न ये आता है कि यह युद्घ हुआ कब? सचमुच जानने […]

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बड़ा दिन अर्थात भीष्म पितामह का निर्वाण पर्व

महाभारत का युद्घ संसार का प्राचीन काल का विश्व युद्घ था। इस युद्घ को कुछ लोगों ने भारतीय इतिहास को अंधकारमयी सिद्घ करने के लिए काल्पनिक करार दिया। लेकिन वैज्ञानिक शोधों से अब प्रमाणित हो चुका है कि महाभारत का युद्घ हुआ था। अब प्रश्न ये आता है कि यह युद्घ हुआ कब? सचमुच जानने […]

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भारतवर्ष का नाम भारतवर्ष कैसे पड़ा?

हमारे लिए यह जानना बहुत ही आवश्यक है भारतवर्ष का नाम भारतवर्ष कैसे पड़ा? एक सामान्य जनधारणा है कि महाभारत एक कुरूवंश में राजा दुष्यंत और उनकी पत्नी शकुंतला के प्रतापी पुत्र भरत के नाम पर इस देश का नाम भारतवर्ष पड़ा। लेकिन वही पुराण इससे अलग कुछ दूसरी साक्षी प्रस्तुत करता है। इस ओर […]

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भारतवर्ष का नाम भारतवर्ष कैसे पड़ा?

हमारे लिए यह जानना बहुत ही आवश्यक है भारतवर्ष का नाम भारतवर्ष कैसे पड़ा? एक सामान्य जनधारणा है कि महाभारत एक कुरूवंश में राजा दुष्यंत और उनकी पत्नी शकुंतला के प्रतापी पुत्र भरत के नाम पर इस देश का नाम भारतवर्ष पड़ा। लेकिन वही पुराण इससे अलग कुछ दूसरी साक्षी प्रस्तुत करता है। इस ओर […]

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मोदी के बढ़ते कदम

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए समय सर्वथा अनुकूल चल रहा है। इसलिए उनकी हर बात को प्रमुखता मिल रही है। जब लोग किसी उदीयमान व्यक्तित्व के गुणों की चर्चा और अवगुणों की उपेक्षा करने लगें तब मानना चाहिए कि प्रारब्ध की कोई बदरी जमकर बरसना चाहती है और यह भी कि यह व्यक्ति […]

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मोदी के बढ़ते कदम

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए समय सर्वथा अनुकूल चल रहा है। इसलिए उनकी हर बात को प्रमुखता मिल रही है। जब लोग किसी उदीयमान व्यक्तित्व के गुणों की चर्चा और अवगुणों की उपेक्षा करने लगें तब मानना चाहिए कि प्रारब्ध की कोई बदरी जमकर बरसना चाहती है और यह भी कि यह व्यक्ति […]

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तुलसी की नारी ताडऩ की नही ”तारन” की अधिकारी है

तुलसी के राम बाल्मीकि के राम से कई रूपों में भिन्न हैं। ऐसा प्रक्षेपों के कारण तो हुआ ही है साथ ही अर्थ का अनर्थ कर देने से भी हुआ है। असंगत अर्थों को और अतार्किक बातों को हमने पत्थर की लकीर मान लिया और लकीर के फकीर बनकर उन असंगत अर्थों को तोता की […]

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