(पिछले दिनों 29 दिसंबर को राजस्थान के नागौर जिले के कुचामन सिटी में गौ रक्षा अधिवेशन का आयोजन गौ-पुत्र सेना के तत्वावधान में किया गया। जिसमें लेखक को मुख्य वक्ता के रूप में बोलने के लिए आमंत्रित किया गया। प्रस्तुत लेख उसी अधिवेशन में दिये गये भाषण और चिंतन पर आधारित है, इसका पहला भाग […]
श्रेणी: संपादकीय
आज की राजनीति में कांट-छांट, उठापटक, तिकड़मबाजी से काम निकालने की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ी है। कुटिल नीतियों से, छल-बल से, दम्भ से, पाखण्ड से अन्याय से, अत्याचार से किसी भी उचित अनुचित ढंग से अपने वैचारिक विरोधी को नीचा दिखाने की इस प्रवृत्ति को ही आज के राजनीतिज्ञों ने कूटिनीति की संज्ञा दे दी […]
राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और दिल्ली प्रदेशों की विधानसभाओं के संपन्न हुए चुनावों ने जो परिणाम दिये हैं, उनसे स्पष्ट हो गया है कि देश की जनता परिवर्तन की पक्षधर है। लोकतंत्र में हम भूल जाते हैं कि जीत किसी पार्टी की नही हुआ करती है, अपितु जनापेक्षाओं की हुआ करती है। हां, जनापेक्षाओं को […]
आरूषि-प्रकरण में न्यायालय ने आरूषि और नौकर हेमराज की हत्या के आरोप में तलवार दंपत्ति को दोषसिद्घ करार देते हुए आजन्म कारावास का दण्ड है। तलवार-दंपत्ति ने न्यायालय के इस निर्णय को चुनौती देने की घोषणा करते हुए कहा है कि वह दिये गये निर्णय से न्याय से वंचित किये गये हैं, इसलिए सक्षम न्यायालय […]
महर्षि दयानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा है कि रेगिस्तान में अरण्ड का पौधा भी बड़ा पेड़ दिखाई देता है। यही स्थिति समाज और राष्ट्र के लिए उस समय बन जाया करती है जब वास्तव में राष्ट्र में बड़े नेता ना हों और छोटे छोटे दीपक स्वयं को सूर्य समझने लगें या समझाने का प्रयास […]
जब लार्ड मैकाले भारत आया था तो यहां की न्याय व्यवस्था, सामाजिक व्यवस्था और आर्थिक व्यवस्था को दखकर दंग रह गया था। उसके आने से पूर्व सदियों से भारत विदशी शासकों की दासता से लड़ रहा था, परंतु अपनी न्याय व्यवस्था, सामाजिक व्यवस्था और आर्थिक व्यवस्था को बचान में वह सफल रहा था। सैकड़ों वर्ष […]
भाजपा के पी.एम. पद के प्रत्याशी नरेन्द्र मोदी को कांग्रेस के रणनीतिकार और केन्द्रीय मंत्री पी. चिदंबरम् ने पहली बार कांग्रेस के लिए ‘चुनौती’ माना है। पी. चिदंबरम् ने कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी के राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा से बचने की प्रवृत्ति को भी पार्टी के लिए चिंताजनक कहा है। उन्होंने कहा है कि […]
गीता का अनमोल गीत भारत की अमूल्य सांस्कृतिक विरासत है। विश्व का कोई भी धर्म ग्रंथ इतने जीवनप्रद और ज्ञानप्रद संवादों को समाविष्ट कर ‘युद्घभूमि’ में खड़े होकर नही लिखा गया। सचमुच युद्घ में भी ‘जीवन और ज्ञान’ का उपदेश करना अनुपम और अद्वितीय है। क्योंकि जब सामने शत्रु सेना युद्घ के लिए उद्यत हो, […]
प्रकाश पर्व दीपावली हमें अपने भीतर झांक कर देखने अर्थात अंतरावलोकन कर अपने भीतर व्याप्त सभी बुराईयों को समूल नष्ट कर उनके स्थान पर अच्छाईयों को रोपित करने और उन्हें पल्लवित व पुष्पित करने का सुअवसर प्रदान करता है। इस प्रकार यह पर्व आत्म निरीक्षण का पर्व है। जीवन को उत्थानवाद की ओर धकेलकर उसे […]
राकेश कुमार आर्य अमेरिका ब्रिटेन और फ्रांस जैसे विकसित राष्ट्रों सहित विदेशों में भारतीय संस्कृति के प्रति लोगों का आकर्षण अप्रत्याशित रूप से बढ़ रहा है। बताया जा रहा है कि अमेरिका के समाज में वहां की कुल आबादी का 24 प्रतिशत भाग भारत और भारत की संस्कृति राम और कृष्ण के प्रति श्रद्धा रखने […]