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इतिहास के पन्नों से संपादकीय

संविधान सभा की बहस से संबंधित तथ्य

आज देश अपना ७६ वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। २६ जनवरी १९५० भारतीय संविधान के लागू होने की तिथि है। उस दिन हमारे सनातन राष्ट्र भारतवर्ष ने अपने गणतंत्र का दिशा पथ निर्धारित किया था। सदियों तक लाखों करोड़ों बलिदान देने के पश्चात जिस गणतंत्र के राष्ट्रपथ पर देश ने चलने का निर्णय लिया […]

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आर्य समाज संपादकीय हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

सर्वत्र व्याप रहा है ऋषि का आलोक

स्वामी दयानंद जी महाराज द्वारा स्थापित आर्य समाज जैसी पवित्र संस्था को स्थापित हुए अब 150 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। इस कालखंड में हमारे देश के राष्ट्रीय इतिहास में अनेक घटनाएं घटित हुई हैं। यदि सूक्ष्मता से अवलोकन किया जाए तो आर्य समाज ने भारत के राष्ट्रीय इतिहास को इस कालखंड में बड़ी गहराई […]

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देश विदेश संपादकीय

बांग्लादेश – पाकिस्तान बनाम भारत

बांग्लादेश के निर्माण में भारत की भूमिका पर अपनी पीठ थपथपाते हुए कांग्रेस इसे तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की महान उपलब्धि के रूप में प्रचारित प्रसारित करती रही है। उसका कहना रहा है कि श्रीमती गांधी ने इन दोनों देशों को अलग-अलग करके भारत की सुरक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण और साहसिक निर्णय लिया […]

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संपादकीय

राहुल गांधी के देश विरोधी खतरनाक बोल

राहुल गांधी अब अपनी पप्पू वाली छाप को बहुत पीछे छोड़ चुके हैं। जहां लोग उनकी ‘ पप्पू मानसिकता ‘ पर अपने राजनीति में बच्चा मानकर उन पर व्यंग्य किया करते थे, वे अब उनकी सोच की भयानकता को समझने लगे हैं । देश की राजधानी नई दिल्ली में कांग्रेस के नए मुख्यालय के उद्घाटन […]

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इतिहास के पन्नों से संपादकीय

संसार का विनाश और विश्व नेता

इतिहास की पड़ताल पुस्तक से … बेशक चाहे दुनिया का आम आदमी अपनी दैनिक जीवन चर्या को खींचने के लिए कितनी ही बड़ी जंग क्यों न लड़ रहा हो और चाहे उसे वैश्विक राजनीति से अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए कितनी ही अपेक्षाएँ क्यों न हों? पर वैश्विक राजनीति के पंच या तथाकथित […]

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इतिहास के पन्नों से संपादकीय

तैमूर लंग का आतंकी अभियान

इस्लाम के नाम पर विजय अभियानों का आयोजन करने वाले प्रत्येक आक्रमणकारी ने मज़हबी जुनून और उग्रवाद का परचम लहराकर सारे संसार को आतंकित करने का कार्य किया। इस दृष्टिकोण से यदि देखा जाए तो इस्लामिक आतंकवाद कल परसों की बात नहीं है, यह इस्लाम के जन्म के साथ ही पैदा हुआ है। यह अलग […]

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संपादकीय

नेहरू जी का राजहठ और भारतीय लोकतंत्र

पंडित जवाहरलाल नेहरू लोकतंत्र में विश्वास रखने के उपरांत भी साम्यवादी विचारधारा से प्रेरित थे। जब वह स्वाधीन भारत के पहले प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने लोकतंत्र को समाजवादी देशों की भांति हांकने का प्रयास किया। हम सभी जानते हैं कि साम्यवादी अर्थात कम्युनिस्ट देशों में कोई एक नेता होता है, वही अपनी पार्टी का नेता […]

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संपादकीय

कश्यप ऋषि और कश्मीर का सम्बन्ध

भारत के गृहमंत्री अमित शाह जी ने पिछले दिनों कश्मीर के इतिहास से जुड़ी एक पुस्तक के विमोचन के अवसर पर संकेत दिया कि कश्मीर को कश्यप ऋषि के साथ जोड़ा जा सकता है। उन्होंने अपने संबोधन में यह भी संकेत दिया कि जो कुछ हमने खोया था, उसे प्राप्त करने का समय अब बहुत […]

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संपादकीय

अविमुक्तेश्वरानंद जी आर्य समाज की चुनौती स्वीकार करो

ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी का कहना है कि प्रयागराज में 14 जनवरी से चलने वाले महाकुंभ के मेले के अवसर पर आर्य समाजियों, बौद्धों और जैनियों को भी डुबकी नहीं लगानी चाहिए, क्योंकि उनकी मान्यता है कि गंगा में डुबकी लगाने से किसी के पाप नहीं धुल जाते। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी के इस […]

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इतिहास के पन्नों से संपादकीय

माँ के गीतों के वे बोल …

इतिहास की पड़ताल पुस्तक से …. अध्याय – 17 देश अपनी आजादी की 75 वीं वर्षगाँठ मनाने की तैयारियों में जुट गया है। किसी भी देश व समाज को खड़ा करने के लिए 74 वर्ष बहुत होते हैं। यद्यपि राष्ट्र के सनातन स्वरूप को देखते हुए 74 वर्ष एक अरब 40 करोड़ की जनसंख्या को […]

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