Categories
डॉ राकेश कुमार आर्य की लेखनी से देश विदेश

बांग्लादेश – पाकिस्तान बनाम भारत

बांग्लादेश के निर्माण में भारत की भूमिका पर अपनी पीठ थपथपाते हुए कांग्रेस इसे तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की महान उपलब्धि के रूप में प्रचारित प्रसारित करती रही है। उसका कहना रहा है कि श्रीमती गांधी ने इन दोनों देशों को अलग-अलग करके भारत की सुरक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण और साहसिक निर्णय लिया […]

Categories
डॉ राकेश कुमार आर्य की लेखनी से

राहुल गांधी के देश विरोधी खतरनाक बोल

राहुल गांधी अब अपनी पप्पू वाली छाप को बहुत पीछे छोड़ चुके हैं। जहां लोग उनकी ‘ पप्पू मानसिकता ‘ पर अपने राजनीति में बच्चा मानकर उन पर व्यंग्य किया करते थे, वे अब उनकी सोच की भयानकता को समझने लगे हैं । देश की राजधानी नई दिल्ली में कांग्रेस के नए मुख्यालय के उद्घाटन […]

Categories
इतिहास के पन्नों से डॉ राकेश कुमार आर्य की लेखनी से

संसार का विनाश और विश्व नेता

इतिहास की पड़ताल पुस्तक से … बेशक चाहे दुनिया का आम आदमी अपनी दैनिक जीवन चर्या को खींचने के लिए कितनी ही बड़ी जंग क्यों न लड़ रहा हो और चाहे उसे वैश्विक राजनीति से अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए कितनी ही अपेक्षाएँ क्यों न हों? पर वैश्विक राजनीति के पंच या तथाकथित […]

Categories
इतिहास के पन्नों से डॉ राकेश कुमार आर्य की लेखनी से

तैमूर लंग का आतंकी अभियान

इस्लाम के नाम पर विजय अभियानों का आयोजन करने वाले प्रत्येक आक्रमणकारी ने मज़हबी जुनून और उग्रवाद का परचम लहराकर सारे संसार को आतंकित करने का कार्य किया। इस दृष्टिकोण से यदि देखा जाए तो इस्लामिक आतंकवाद कल परसों की बात नहीं है, यह इस्लाम के जन्म के साथ ही पैदा हुआ है। यह अलग […]

Categories
डॉ राकेश कुमार आर्य की लेखनी से

नेहरू जी का राजहठ और भारतीय लोकतंत्र

पंडित जवाहरलाल नेहरू लोकतंत्र में विश्वास रखने के उपरांत भी साम्यवादी विचारधारा से प्रेरित थे। जब वह स्वाधीन भारत के पहले प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने लोकतंत्र को समाजवादी देशों की भांति हांकने का प्रयास किया। हम सभी जानते हैं कि साम्यवादी अर्थात कम्युनिस्ट देशों में कोई एक नेता होता है, वही अपनी पार्टी का नेता […]

Categories
डॉ राकेश कुमार आर्य की लेखनी से

कश्यप ऋषि और कश्मीर का सम्बन्ध

भारत के गृहमंत्री अमित शाह जी ने पिछले दिनों कश्मीर के इतिहास से जुड़ी एक पुस्तक के विमोचन के अवसर पर संकेत दिया कि कश्मीर को कश्यप ऋषि के साथ जोड़ा जा सकता है। उन्होंने अपने संबोधन में यह भी संकेत दिया कि जो कुछ हमने खोया था, उसे प्राप्त करने का समय अब बहुत […]

Categories
डॉ राकेश कुमार आर्य की लेखनी से

अविमुक्तेश्वरानंद जी आर्य समाज की चुनौती स्वीकार करो

ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी का कहना है कि प्रयागराज में 14 जनवरी से चलने वाले महाकुंभ के मेले के अवसर पर आर्य समाजियों, बौद्धों और जैनियों को भी डुबकी नहीं लगानी चाहिए, क्योंकि उनकी मान्यता है कि गंगा में डुबकी लगाने से किसी के पाप नहीं धुल जाते। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी के इस […]

Categories
इतिहास के पन्नों से डॉ राकेश कुमार आर्य की लेखनी से

माँ के गीतों के वे बोल …

इतिहास की पड़ताल पुस्तक से …. अध्याय – 17 देश अपनी आजादी की 75 वीं वर्षगाँठ मनाने की तैयारियों में जुट गया है। किसी भी देश व समाज को खड़ा करने के लिए 74 वर्ष बहुत होते हैं। यद्यपि राष्ट्र के सनातन स्वरूप को देखते हुए 74 वर्ष एक अरब 40 करोड़ की जनसंख्या को […]

Categories
डॉ राकेश कुमार आर्य की लेखनी से

अपने विनाश को मौन होकर देखता हिंदू समाज

अब से लगभग १०० वर्ष पूर्व महात्मा गांधी भारतीय स्वाधीनता आंदोलन में बढ़-चढ़कर भाग ले रहे थे। उनकी विचारधारा के अनुकूल कार्य करने वाले लोगों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही थी। कांग्रेस पर उनका लगभग एकाधिकार हो चुका था । उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने १९३७ में वर्धा में अपनी बैठक आयोजित की। […]

Categories
डॉ राकेश कुमार आर्य की लेखनी से

जिंदगी निकट से होकर चली गई…

हम संसारीजन जब परस्पर एक दूसरे से कुशल क्षेम पूछते हैं तो अक्सर कुशल क्षेम बताने वाला व्यक्ति यह कहता हुआ पाया जाता है कि ‘बस कर रहे हैं टाइम पास।’ युधिष्ठिर परिव्राजक जी इस विषय में अपने प्रवचनों में कहते हैं कि जैसे कोई व्यक्ति रेलवे स्टेशन पर जाता है और वहाँ जाकर उसे […]

Exit mobile version