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धर्म-अध्यात्म

*बहुकुंडीय यज्ञ करना चाहिए या नहीं?*

उत्तर — जी हां, अवश्य करना चाहिए। जब किसी संस्था में वार्षिक उत्सव आदि अवसर पर 100 / 200 व्यक्ति उपस्थित हो जाते हैं, और आप उन्हें भोजन खिलाते हैं, तो उस समय वे सभी लोग क्या एक ही थाली में भोजन खाते हैं? या सबके लिए अलग-अलग 100 / 200 थालियां लगाई जाती हैं? […]

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धर्म-अध्यात्म

वैदिक ईश्वर स्तुति-प्रार्थना-उपासना मन्त्र

विश्वानि देव सवितर्दुरितानि परासुव । यद् भद्रं तन्न आ सुव ॥१॥ मंत्रार्थ – हे सब सुखों के दाता ज्ञान के प्रकाशक सकलजगत के उत्पत्तिकर्ता एवं समग्र ऐश्वर्ययुक्त परमेश्वर! आप हमारे सम्पूर्ण दुर्गुणों, दुर्व्यसनों और दुखों को दूरकर दीजिए, और जो कल्याणकारक गुण, कर्म, स्वभाव, सुख और पदार्थ हैं,उसको हमें भलीभांति प्राप्त कराइये। हिरण्यगर्भ: समवर्त्तताग्रे भूतस्य […]

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धर्म-अध्यात्म

बनारस हिंदुस्तान का काबा है

जब बाबरी ढांचा गिरा दिया गया था तो ओवैसी ने कहा कि अल्लाह का घर तोड़ दिया गया , एक तरह यह मक्का के काबा को अल्लाह का घर बताते हैं , फिर बाबरी ढांचा को अल्लाह का घर बता देते हैं , अगर अल्लाह काबा के आलावा कहीं और रह सकता है तो हिन्दू […]

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धर्म-अध्यात्म

प्रयाग राज के द्वादश माधव मन्दिर

आचार्य डॉ. राधे श्याम द्विवेदी आध्यात्मिक पृष्ठभूमि:- भगवान श्रीकृष्ण, हिंदू धर्म के प्रमुख भगवानों में से एक हैं. वे विष्णु के 8वें अवतार माने गए हैं. कन्हैया, श्याम, माधव, गोपाल, केशव, द्वारकाधीश, वासुदेव कई नामों से उनको जाना जाता है. भगवान कृष्ण का जन्म द्वापरयुग में हुआ था. महर्षि वेदव्यास की रचित श्रीमद्भागवत और महाभारत […]

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धर्म-अध्यात्म

अंत:करण चतुष्टय और बाह्यकरण किसे कहते हैं

तन्मात्रा किसे कहते हैं? अंतःकरण चतुष्टय अथवा कितने होते हैं? बाहृय करण क्या होते हैं? प्रकृति के तीन तत्व( पदार्थ, द्रव्य, चीज, वस्तु) सत ,रजस तमस होते हैं। प्रकृति से इन तत्वों को लेकर परमात्मा ने सर्वप्रथम महतत्व अर्थात बुद्धि का निर्माण किया। दूसरे नंबर पर अहंकार को बनाया। तीसरे नंबर पर पांच ज्ञानेंद्रियां ,पांच […]

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वैदिक धर्म की वैज्ञानिक मान्यताएं

🌷वैदिक धर्म की विशेषताएं 🌷 (१ ) वैदिक धर्म संसार के सभी मतों और सम्प्रदायों का उसी प्रकार आधार है जिस प्रकार संसार की सभी भाषाओं का आधार संस्कृत भाषा है जो सृष्टि के प्रारम्भ से अर्थात् १,९६,०८,५३,१२१ वर्ष से अभी तक अस्तित्व में है।संसार भर के अन्य मत,पन्थ किसी पीर-पैगम्बर,मसीहागुरु,महात्मा आदि द्वारा चलाये गये […]

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धर्म-अध्यात्म

समग्र श्रेष्ठता का द्योतक “पण्डित”

सृष्टि काल से भारत शिक्षा, संस्कृति, संस्कार साधन का साधक रहा है और उक्त ज्ञान विज्ञान को संसार को देकर कृण्वन्तोविश्वार्यम् को चरितार्थ किया है। यह कार्य आदि ऋषि ब्रह्मा से लेकर गौतम ,कपिल, कणाद ,विश्वामित्र ,भृगु वेदव्यास ,गार्गी, सुलभा, मदाल्सा, मैत्रेयी, अनुसूया ,श्रुतावती, शिवा, द्रोपदी, उत्तरा, भोज पत्नी विद्यावती, महर्षि वेदव्यास, जैमिनी पर्यंत को […]

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स्वामी दयानंद किसी की निंदा या आलोचना नहीं अपितु सत्य का मंडन और असत्य का खंडन करते थे

स्वामी दयानंद जी महाराज द्वारा रचित अमर ग्रन्थ सत्यार्थ प्रकाश का सबसे अधिक प्रचार आर्यसमाज से सम्बन्ध रखने वाले सदस्यों की अपेक्षा आर्यसमाज से सम्बन्ध न रखने वाले जनमानस ने अधिक किया हैं चाहे वह सनातन धर्म,सिख ,कबीर पंथी,जैन, बौद्ध,सिख, ईसाई, इस्लाम आदि किसी भी मत से क्यूँ न सम्बंधित हो। सत्यार्थ प्रकाश के खंडन […]

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सत्यार्थप्रकाश से पाँच प्रकार की परीक्षा

** परीक्षा पाँच प्रकार से होती है | १) जो जो ईश्वर के गुण, कर्म, स्वभाव और वेदों से अनुकूल हो, वह सत्य और जो उससे विरुद्ध है, वह असत्य है | २) जो जो सृष्टिक्रम के अनुकूल है, वह सत्य है और जो सृष्टिक्रम से विरुद्ध है, वह सब असत्य है | जैसे कोई […]

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श्रद्धा से किए हुए यज्ञादि कार्य शिव, श्रद्धा रहित होकर किए गए कार्य शव बन जाते हैं”

” वैदिक विदुषी साध्वी प्रज्ञा लेखक आर्य सागर खारी ✍ वैदिक संस्कृति संस्कारों को समर्पित आपकी अपनी संस्था चिम्मन आर्य आर्षवेद गुरूकुल मुरसदपुर ग्रेटर नोएडा में आज पांच दिवसीय सामवेद पारायण महायज्ञ का विधिवत् शुभारंभ हो गया है।पुष्पों ओम ध्वज पताका से सुसज्जित गुरुकुल की परम्परागत यज्ञशाला में यह यज्ञ किया जा रहा है। यज्ञ […]

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