पंचम किस्त। तेतिरियोपनिषद की आत्मा के संबंध में चर्चा चतुर्थ किस्त में की गई थी ।अब तैत्तिरीय उपनिषद के अग्रिम प्रष्ठों पर जो चर्चा आत्मा के विषय में की गई है उस पर दृष्टिपात करते हैं। आत्मा शरीर में कहां रहती है। गतांक से आगे। देखो प्रष्ठ संख्या 394 ,395 एकादशोपनिषद प्रख्यात वैदिक विद्वान महात्मा […]
श्रेणी: धर्म-अध्यात्म
गतांक से आगे चतुर्थ किस्त। मुंडकोपनिषद ,कठोपनिषद, ऐतरेय उपनिषद ,अथर्ववेद के आधार पर हमने आत्मा के शरीर में निवास स्थान का निर्धारण किया। आज हम तैत्तिरीय उपनिषद का उद्धहरण प्रस्तुत करेंगे। प्रसिद्ध वैदिक विद्वान व्याख्या कार महात्मा नारायण स्वामी द्वारा व्याख्यिय उपनिषद रहस्य एकादशोपनिषद नामक पुस्तक से हम प्रमाण ले रहे हैं। पृष्ठ संख्या 376। […]
अब ऐतरेय उपनिषद के अनुसार अध्ययन करते हैं। वैदिक विद्वान कई पुस्तकों के लेखक एवं प्रमुख व्याख्याकार नारायण स्वामी का एकादशोपनिषद का प्रष्ठ संख्या 343, “उस आत्मा के रहने के तीन स्थान हैं।और तीन ही स्वप्न है ।यह स्थान है ,यह स्थान है, यह स्थान है। यद्यपि यह तीन स्थान मात्र ऐसा कह देने से […]
अब ऐतरेय उपनिषद के अनुसार अध्ययन करते हैं। वैदिक विद्वान कई पुस्तकों के लेखक एवं प्रमुख व्याख्याकार नारायण स्वामी का एकादशोपनिषद का प्रष्ठ संख्या 343, “उस आत्मा के रहने के तीन स्थान हैं।और तीन ही स्वप्न है ।यह स्थान है ,यह स्थान है, यह स्थान है। यद्यपि यह तीन स्थान मात्र ऐसा कह देने से […]
एक गृहस्थी किस प्रकार अग्नि पुरुष के पदचिन्हों पर चल सकता है? क्राणा रुद्रेभिर्वसुभिः पुरोहितो होता निषत्तो रयिषाळमर्त्यः। रथो न विक्ष्वृृंजसान आयुषु व्यानुषग्वार्या देव ऋण्वति ।। ऋग्वेद मन्त्र 1.58.3 (कुल मंत्र 676) (क्राणा) प्रकृति के कर्मों का प्रतिनिधि (रुद्रेभिः) ज्ञान और ऊर्जा देने वाले के साथ (वसुभिः) वास देने वाले के साथ (पुरोहितः) ब्रह्माण्ड के […]
* डॉ डी क गर्ग –भाग-14 नोट : प्रस्तुत लेखमाला ९ भाग में है ,ये वैदिक विद्वानों के द्वारा समय समय पर लिखे गए लेखो के संपादन द्वारा तैयार की गयी है ,जिनमे मुख्य विद्यासागर वर्मा ,पूर्व राजदूत, कार्तिक अय्यर, गंगा प्रसाद उपाधयाय प्रमुख है। कृपया अपने विचार बताये और फॉरवर्ड भी करें । क्या […]
डॉ डी क गर्ग –भाग-13 नोट : प्रस्तुत लेखमाला 14 भाग में है ,ये वैदिक विद्वानों के द्वारा समय समय पर लिखे गए लेखो के संपादन द्वारा तैयार की गयी है ,जिनमे मुख्य विद्यासागर वर्मा ,पूर्व राजदूत, कार्तिक अय्यर, गंगा प्रसाद उपाधयाय प्रमुख है। कृपया अपने विचार बताये और फॉरवर्ड भी करें । क्या गोतम […]
लेखक- ब्रह्मचारी इन्द्रदेव “मेधार्थी” (गुरुकुल झञ्जर) प्रस्तुति- प्रियांशु सेठ समय-समय पर अनेक ऐसे लोकोत्तर महापुरुष हुये हैं जिन्होंने अपनी अद्भुत प्रतिभा एवं कर्मशीलता से संसार में मानवता की स्थापना की है। और ब्रह्मचर्य को अपने जीवन में धारण के साथ साथ लोक में भी प्रचार करने का यत्न किया है। किन्तु इस विषय में जितना […]
मनुष्य शरीर में आत्मा का सर्वोपरि महत्व है। शरीर को आत्मा का रथ कहा जाता है और यह है भी सत्य। जिस प्रकार हम रथ व वाहनों से अपने गन्तव्य स्थान पर पहुंचते हैं उसी प्रकार से मनुष्य शरीर मनुष्य की आत्मा को उसके लक्ष्य ईश्वर की प्राप्ति कराता है। ईश्वर सर्वव्यापक होने से आत्मा […]
(स्वामी गोपाल आनन्द बाबा – विभूति फीचर्स) हिमाचल प्रदेश की अत्यन्त मनोरम वादी मनाली व कुल्लू घाटी की महादेवी व इस क्षेत्र के शासकों की कुलदेवी हैं. हिडि़म्बा। जिनका सुप्रसिद्ध मंदिर मनाली में है। हि =अम्बा, डि=वनी और अम्बा = दुर्गा अर्थात् वन दुर्गा हैं हिडिम्बा। उक्त मंदिर विशाल प्राचीनता लिए हुए हैं। वर्तमान मंदिर […]