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भ्रांति निवारण

कुम्भ मेला आयोजन रहस्य (भाग-1)

विशेष – ये लेख विद्वानों के प्रसिद्ध लेख और उनके विचारों पर आधारित हैं। कुम्भ मेला का वर्तमान स्वरूप कुम्भ मेला हर 12 साल में भारत के चार स्थानों हरिद्वार, प्रयागराज (इलाहाबाद), उज्जैन और नासिक में आयोजित होता है। जिसमें करोड़ों श्रद्धालु हर बारहवें वर्ष प्रयाग, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में से किसी एक स्थान […]

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पाखंड खंडिनी भ्रांति निवारण

तैंतीस कोटि देव

भारतवर्ष में देवों का वर्णन बहुत रोचक है। देवों की संख्या तैंतीस करोड़ बतायी जाती है और इसमें नदी, पेड़, पर्वत, पशु और पक्षी भी सम्मिलित कर लिये गये है। ऐसी स्तिथि में यह बहुत आवश्यक है कि शास्त्रों के वचन समझे जाएँ और वेदों की वास्तविक शिक्षाएँ ही जीवन में धारण की जाएँ। देव […]

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आर्य समाज

आर्यसमाज वेदज्ञान से युक्त शुद्ध आचरण करने वाले मनुष्य का निर्माण करता है

देश और समाज की सबसे बड़ी आवश्यकता है कि सभी मनुष्यों की बुद्धि व शरीर के बल का पूर्ण विकास कर उन्हें शुद्ध ज्ञान व शक्ति सम्पन्न मनुष्य बनाया जाये। ऐसे व्यक्ति ही देश व समाज के लिये उत्तम, चरित्रवान, देशभक्त तथा परोपकार की भावना से युक्त होते हैं व देश व समाज के लिए […]

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धर्म-अध्यात्म

सुख और दुख रहस्य (भाग 2)

विशेष – ये लेख प्रसिद्ध वैदिक विद्वानों के लेख और उनके विचारों पर आधारित ४ भाग में है। कृपया अपने विचार बतायें। जन्म लेने पर दुख क्यों आता है? एक व्यक्ति ने पूछा कि जन्म लेने पर दुख क्यों आता है, इसका जन्म लेने से क्या संबंध है? तो ऋषियों ने उत्तर दिया, कि प्रकृति, […]

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धर्म-अध्यात्म

सुख और दुख रहस्य (भाग 1)

विशेष – ये लेख प्रसिद्ध वैदिक विद्वानों के लेख और उनके विचारों पर आधारित ४ भाग में है। सुख का विपरीत दुःख है। सभी को किसी ना किसी दुख ने पकड़ रखा है. जिसके इलाज के लिए उल्टे सीधे रास्ते अपनाकर और जीवन की राह को दुर्गम बना रहे हैं. यहां तक कि दुख निवारण […]

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आज का चिंतन भ्रांति निवारण

ब्रह्मराक्षस विवेचना

आपने ब्रह्मराक्षस शब्द सुना होगा और कल्पना की होगी कि ये किसी दुष्ट व्यक्ति का नाम है,और मंदिरों में इसकी प्रतिमा देखकर इसके विषय में समझने की जिज्ञासा हो सकती है। मडिकेरी के ओंकारेश्वर शिव मंदिर की क्षेत्रीय किंवदंती के अनुसार,मंदिर का निर्माण एक राजा द्वारा ब्रह्मराक्षस द्वारा उत्पन्न बुराई को दूर करने के लिए […]

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आर्य समाज हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

पिछले पांच हजार वर्षों में दयानन्द के समान ऋषि नहीं हुआ

महाभारत का युद्ध पांच हजार वर्ष से कुछ वर्ष पहले हुआ था। महाभारत युद्ध के बाद भारत ज्ञान-विज्ञान सहित देश की अखण्डता व स्थिरता की दृष्टि से पतन को प्राप्त होता रहा। महाभारत काल के कुछ ही समय बाद ऋषि जैमिनी पर आकर देश से ऋषि परम्परा समाप्त हो गई थी। ऋषि परम्परा का आरम्भ […]

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भ्रांति निवारण

क्या वेदों में पशुबलि, माँसाहार आदि का विधान है?

त्रिपुरा सरकार ने मंदिरों में दी जाने वाली पशुबलि पर रोक लगा दी। हम उनके इस निर्णय का स्वागत करते हैं। धर्म के नाम पर पशुबलि अन्याय है। ईद पर भी इसी प्रकार से पशुबलि का निषेध होना चाहिए। कुछ लोग सरकार के निर्णय के विरुद्ध वेदों में पशुबलि के विधान होने की बात कर […]

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आर्य समाज हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

ऋषि दयानन्द के जीवन के अन्तिम प्रेरक शिक्षाप्रद क्षण

महर्षि दयानन्द की मृत्यु जोधपुर में वैदिक धर्म का प्रचार करते हुए उनके विरोधियों के षडयन्त्र के अन्तर्गत उन्हें संखिया जैसे विषैले पदार्थ का सेवन कराने से अजमेर में दीपावली 30 अक्तूबर, 1883 मंगलवार सायं लगभग 6:00 बजे हुई थी। मृत्यु के दिन मृत्यु से आधे घण्टे पूर्व की उनकी जीवन की प्रमुख घटनाओं का […]

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आर्य समाज

आर्य समाज ईश्वरीय ज्ञान वेद का प्रचारक संसार का अद्वितीय संगठन है

संसार में अनेक संगठन है जिनके अपने-अपने उद्देश्य व लक्ष्य हैं तथा जिसे पूरा करने के लिये वह कार्य व प्रचार करते हैं। सभी संगठन या तो धार्मिक होते हैं या सामाजिक। इनसे इतर भी अनेक विषयों को लेकर अनेक संगठन बनाये जाते हैं। देश की रक्षा करने के लिये भी सभी देशों की सरकारें […]

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