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देश विदेश धर्म-अध्यात्म

महाकुम्भ बना दक्षिण एशिया में भारतीय सॉफ्ट पावर का प्रतीक

दुनिया की सबसे बड़ी धार्मिक सभा, महाकुंभ मेला, 13 जनवरी 2025 को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में शुरू हो गया है। कुंभ मेला दक्षिण एशिया में भारतीय सॉफ्ट पावर का अद्वितीय उदाहरण है। यह विश्व की सबसे बड़ी धार्मिक सभा होने के साथ-साथ भारत की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और आर्थिक शक्ति का प्रतीक है। कुंभ मेला […]

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धर्म-अध्यात्म

मनुष्य की पूर्ण शारीरिक एवं आत्मिक उन्नति वेदज्ञान के आचरण से ही सम्भव

मनुष्य का शरीर जड़ प्रकृति से बना होता है जिसमें एक सनातन, शाश्वत, अनादि, नित्य चेतन सत्ता जिसे आत्मा के नाम से जाना जाता है, निवास करती है। जीवात्मा को उसके पूर्वजन्मों के कर्मों का भोग कराने के लिये ही सर्वव्यापक एवं सच्चिदानन्दस्वरूप परमात्मा उसे जन्म व शरीर प्रदान करते हैं। शुभ व पुण्य कर्मों […]

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भ्रांति निवारण

प्रयागराज, तीर्थराज और त्रिवेणी संगम की वास्तविकता, भाग – 2

महाकुंभ पर ज्योतिष पीठाधीश्वर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को चुनौती सनातन जीवन की एक शैली है । जिसे अपनाकर मनुष्य अपने परमध्येय अर्थात मोक्ष की प्राप्ति कर सकता है। हम बहुत सौभाग्यशाली हैं कि हम उन ऋषि पूर्वजों की संतानें हैं जिन्होंने हमारे जीवन का लक्ष्य मोक्षप्राप्ति रखा है। इसी मोक्ष की प्राप्ति के लिए मनुष्य को […]

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आर्य समाज भ्रांति निवारण

प्रयागराज, तीर्थराज और त्रिवेणी संगम की वास्तविकता, भाग – 1

इन दिनों प्रयागराज में सुप्रसिद्ध कुंभ का मेला आयोजित किया जा रहा है जिसकी भव्यतम तैयारी प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में संपन्न हुई है। निश्चित रूप से प्रयागराज का यह महाकुंभ इस बार अपने आप में कई अर्थों में निराला है। ऐसे में कई प्रश्न आपके मन मस्तिष्क में कौन […]

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धर्म-अध्यात्म

जीवात्मा का जन्म-मरण उसके कर्मों व ईश्वर के अधीन है

हम मनुष्य शरीरधारी होने के कारण मनुष्य कहलाते हैं। हमारे भीतर जो जीवात्मा है वह सब प्राणियों में एक समान है। प्राणियों में भेद जीवात्माओं के पूर्वजन्मों के कर्मों के भेद के कारण होता है। हमें जो जन्म मिलता है वह हमारे पूर्वजन्म के कर्मों के आधार पर परमात्मा से मिलता है। यदि हमने पूर्वजन्म […]

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वेद

वेद ईश्वर प्रदत्त ज्ञान व सत्य विद्या के ग्रन्थ हैं

संसार में जितनी भी ज्ञान की पुस्तकें हैं वह सब मनुष्यों ने ही लिखी व प्रकाशित की हैं। ज्ञान के आदि स्रोत पर विचार करें तो ज्ञात होता है कि सृष्टि की उत्पत्ति व मानव उत्पत्ति के साथ आरम्भ में ही मनुष्यों को वेदों का ज्ञान प्राप्त हुआ था। जो लोग नास्तिक व अर्ध नास्तिक […]

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आर्थिकी/व्यापार धर्म-अध्यात्म

प्रयागराज में आयोजित हो रहे महाकुंभ मेले का आध्यात्मिक एवं आर्थिक महत्व

हिंदू सनातन संस्कृति के अनुसार कुंभ मेला एक धार्मिक महाआयोजन है जो 12 वर्षों के दौरान चार बार मनाया जाता है। कुंभ मेले का भौगोलिक स्थान भारत में चार स्थानों पर फैला हुआ है और मेला स्थल चार पवित्र नदियों पर स्थित चार तीर्थस्थलों में से एक के बीच घूमता रहता है, यथा, (1) हरिद्वार, […]

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भ्रांति निवारण

कुम्भ मेला आयोजन रहस्य (भाग-2)

विशेष – ये लेख विद्वानों के प्रसिद्ध लेख और उनके विचारों पर आधारित हैं। कृपया अपने विचार बताये। विश्लेषण – वेदों के अनुसार सृष्टि की रचना की ईसाई वर्ष २०२५ में लगभग १,९६,०८,५३,१२५ वर्ष हो गए है।विक्रमी संवत् यानि हिन्दू नव वर्ष कहते हैं उसको २०८१ वर्ष हुए हैं और रामायण काल को लगभग १० […]

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भ्रांति निवारण

कुम्भ मेला आयोजन रहस्य (भाग-1)

विशेष – ये लेख विद्वानों के प्रसिद्ध लेख और उनके विचारों पर आधारित हैं। कुम्भ मेला का वर्तमान स्वरूप कुम्भ मेला हर 12 साल में भारत के चार स्थानों हरिद्वार, प्रयागराज (इलाहाबाद), उज्जैन और नासिक में आयोजित होता है। जिसमें करोड़ों श्रद्धालु हर बारहवें वर्ष प्रयाग, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में से किसी एक स्थान […]

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पाखंड खंडिनी भ्रांति निवारण

तैंतीस कोटि देव

भारतवर्ष में देवों का वर्णन बहुत रोचक है। देवों की संख्या तैंतीस करोड़ बतायी जाती है और इसमें नदी, पेड़, पर्वत, पशु और पक्षी भी सम्मिलित कर लिये गये है। ऐसी स्तिथि में यह बहुत आवश्यक है कि शास्त्रों के वचन समझे जाएँ और वेदों की वास्तविक शिक्षाएँ ही जीवन में धारण की जाएँ। देव […]

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