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धर्म-अध्यात्म

ईश्वर की सत्ता तर्क और निष्कर्ष

* वेद ईश्वर की सत्ता में विश्वास रखते हुए आस्तिकता का प्रचार करता है । परन्तु संसार में कुछ नास्तिक लोग हैं जो ईश्वर की सत्ता को स्वीकार नहीं करते । “न तं विदाथ य इमा, जजानाऽन्यद्युष्माकमन्तरं बभूव । नीहारेण प्रावृता जल्प्या चाऽसुतृप उक्थशासश्चयन्ति ।।” (ऋ० १०/८२/७) तुम उसको नहीं जानते जो इन सबको उत्पन्न […]

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धर्म-अध्यात्म

ध्यान का प्रपंच और भोली भाली जनता

डॉ डी के गर्ग भाग 7 विशेष=ये लेख माला जो कि पांच भागो में है,वैदिक विद्वानों के लेख और विचारों पर आधारित है।जनहित में आपके सम्मुख प्रस्तुत है,कृपया शेयर करे। अभी तक आपने योग के सात अंगों के विषय में जाना, इनमें महारत होने के बाद ही साधक समाधि की स्थिति में पहुंच सकता है। […]

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धर्म-अध्यात्म

यमदूत कौन? भ्रांति निवारण

Dr DK Garg यमदूत यानि यमराज की कल्पना किसी के लिए भी डरावनी हो सकती है।क्रोधवश किसी को भी यमदूत कहते हुए अपने सुना होगा ।खासतौर पर अत्याचार करने वाले के लिए यमदूत शब्द का प्रयोग किया जाता है।यमदूत का नाम सुनकर एक ऐसे व्यक्ति की छवि सामने आती है जो काफी मोटा ,काला , […]

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धर्म-अध्यात्म

*ध्यान का प्रपंच और भोली -भाली जनता* *भाग-6*

विशेष : आजकल आपको अधिकांश बड़े शहरों में ध्यान केंद्र और ध्यान गुरु मिलेंगे ,लेखी। ये ध्यान के नाम पर अपनी दुकान चला रहे है।ध्यान की स्थिति तक पहुंचने से पहले साधक को किस किस स्थिति से गुजरना होता है ,ये नहीं बताया जाता। ये लेख माला 7 भागों में है ,जो वैदिक विद्वानों के […]

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धर्म-अध्यात्म

ओ३म् “आर्यसमाज सत्य के प्रचार और असत्य को छुड़ाने का एक सार्वभौमिक आन्दोलन है”

============== आर्यसमाज विश्व का ऐसा एक अपूर्व संगठन है जो किसी मनुष्य व महापुरुष द्वारा प्रचारित मत का प्रचार नहीं करता अपितु सृष्टि में विद्यमान सत्य की खोज कर सत्य का स्वयं ग्रहण करता व उसके प्रचार द्वारा विश्व के सभी मनुष्यों से उसे अपनाने, ग्रहण व धारण करने का आग्रह करता है। ऋषि दयानन्द […]

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धर्म-अध्यात्म

ध्यान का प्रपंच और भोली -भाली जनता* *भाग-5*

* विशेष : आजकल आपको अधिकांश बड़े शहरों में ध्यान केंद्र और ध्यान गुरु मिलेंगे ,लेखी। ये ध्यान के नाम पर अपनी दुकान चला रहे है।ध्यान की स्थिति तक पहुंचने से पहले साधक को किस किस स्थिति से गुजरना होता है ,ये नहीं बताया जाता। ये लेख माला 7 भागों में है ,जो वैदिक विद्वानों […]

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धर्म-अध्यात्म

ध्यान का प्रपंच और भोली -भाली जनता* भाग- 2

* विशेष : ये लेख माला ५ भागों में है वैदिक विद्वानों के लेख और विचारों पर आधारित है। जनहित में आपके सम्मुख प्रस्तुत करना मेरा उद्देश्य है , इसलिए कृपया शेयर करें। डॉ डी के गर्ग योग का दूसरा अंग–नियम यम की तरह ‘नियम’ भी दुखों को छुड़ाने वाला है। पहले यम व नियम […]

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आओ कुछ जाने धर्म-अध्यात्म

ध्यान का प्रपंच और भोली -भाली जनता* *भाग-१*

* विशेष : ये लेख माला ५ भागों में है ,जो वैदिक विद्वानों के लेख और विचारों पर आधारित है। जनहित में आपके सम्मुख प्रस्तुत करने मेरा उद्देश्य है , इसलिए कृपया शेयर करे। डॉ डी के गर्ग पिछले कई वर्षोंसे मेरे पास अलग लग गुरुओं के शिष्य आ रहे है और उनके बाबा गुरु […]

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धर्म-अध्यात्म

हमारे जीवन में परमात्मा के क्या दृष्टिकोण हैं?

हमारे जीवन में परमात्मा के क्या दृष्टिकोण हैं? अपने जीवन में परमात्मा के प्रभाव को किस प्रकार महसूस करें, विश्वास करें और उसकी अनुभूति प्राप्त करें? पुष्टिर्न रण्वा क्षितिर्न पृथ्वी गिरिर्न भुज्म क्षोदो न शंभु। अत्यो नाज्मन्त्सर्गप्रतक्तः सिन्धुर्न क्षोदः क ईं वराते।। ऋग्वेद मन्त्र 1.65.3 (कुल मन्त्र 750) (पुष्टिः न) पोषण की तरह, स्वास्थ्य (रण्वा) […]

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धर्म-अध्यात्म

ओ३म् “क्या हमारा अगला जन्म मनुष्य योनि में होगा?”

=========== संसार में हम चेतन जीवात्माओं के अनेक योनियों में जन्मों को देखते हैं। मनुष्य जन्म में उत्पन्न दो जीवात्माओं की भी सुख व दुःख की अवस्थायें समान नहीं होती। मनुष्य योनि तथा पशु-पक्षी की सहस्रों जाति प्रजातियों में जीवात्मायें एक समान हैं जिनके सुख दुःख अलग-अलग हैं। इसका कोई तो कारण होगा? वैदिक धर्म […]

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