ओ३म् =============== हमारी जीवात्माओं को मनुष्य जीवन ईश्वर की देन है। ईश्वर सच्चिदानन्दस्वरूप, सर्वव्यापक, सर्वशक्तिमान होने के साथ सर्वज्ञ भी है। उससे दान में मिली मानव जीवन रूपी सर्वोत्तम वस्तु का सदुपयोग कर हम उसकी कृपा व सहाय को प्राप्त कर सकते हैं और इसके विपरीत मानव शरीर का सदुपयोग न करने के कारण हमें […]
Category: धर्म-अध्यात्म
जीव ईश्वर का अंश है, तो ईश्वर के समान शक्ति उसमें क्यों नहीं हैं। 👆यह प्रश्न एक शिष्य ने गुरु से पूछा।गुरु ने विस्तार पूर्वक उत्तर दिया पर शिष्य की समझ में न आया, शंका बनी ही रही। एक दिन गुरु और शिष्य गंगा स्नान के लिये गये। शिष्य से कहा-एक लोटा गंगा जल भर […]
ओ३म् ========== [निवेदन- मई, 2017 में गुरुकुल पौंधा देहरादून में ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका स्वाध्याय शिविर आयोजित किया गया था। इस शिविर में वैदिक विद्वान डा. सोमदेव शास्त्री, मुम्बई ने ऋषि दयानन्द कृत चारों वेदों की भूमिका ग्रन्थ का अध्ययन कराया था। इस शिविर के तीसरे दिन के अपरान्ह के सत्र का विवरण इस लेख में प्रस्तुत कर […]
ओ३म् ========== हम मनुष्य हैं। हम वेदों एवं अपने पूर्वज ऋषियों आदि की सहायता से जानते हैं कि संसार में जितनी मनुष्येतर योनियां पशु, पक्षी, कीट-पतंग व जीव-जन्तु आदि हैं, उन सबमें हमारी आत्मा के समान ही एक जैसी जीवात्मा विद्यमान है। यह जीवात्मा शरीर से पृथक एक सत्य, सनातन एवं चेतन सत्ता है। जीवात्मा […]
ओ३म् ======== आर्ष गुरुकुल गौतमनगर, दिल्ली के अन्तर्गत सम्प्रति आठ गुरुकुलों का संचालन हो रहा है। गुरुकुल गौतमनगर अन्य सभी गुरुकुलों की केन्द्रीय शाखा है। हरयाणा राज्य के फरीदाबाद जिले में यमुना तट पर स्थित गुरुकुल गौतमनगर की पहली शाखा गुरुकुल मंझावली की स्थापना स्वामी प्रणवानन्द सरस्वती जी ने 5 जून, सन् 1994 को की […]
रामकृष्ण मिशन का विश्लेषण
(राम कृष्ण परमहंस के सिद्धांतो के विपरीत ,राम कृष्ण के नाम पर भ्रमित मिशन ) Dr D K Garg *स्थापना : रामकृष्ण मिशन की स्थापना १ मई सन् १८९७ को रामकृष्ण परमहंस के शिष्य स्वामी विवेकानन्द ने की। इसका मुख्यालय कोलकाता के निकट बेलुड़ में है। इस मिशन की स्थापना के केंद्र में वेदान्त दर्शन […]
ओ३म् मनुष्य का निर्माण माता-पिता के पालन पोषण सहित उनके द्वारा दिये जाने वाले संस्कारों से होता है। माता-पिता हमें जो संस्कार देते हैं उन्हें वह विरासत में अपने माता-पिता व आचार्यों से प्राप्त होते हैं। हमारी यह सृष्टि 1.96 अरब वर्ष पुरानी है। इतने ही वर्ष पूर्व भारत वा आर्यावर्त के वर्तमान स्थान तिब्बत […]
विंध्यवासिनी सिंह अगर आप बहुत कुछ नहीं भी कर पाते हैं, तो भारतीय विरासत से निकला ‘ॐ’ शब्द का 5 मिनट 7 मिनट अपनी सुविधा के अनुसार उच्चारण करें। बता दें कि इससे निकली ध्वनि तरंगे न केवल आपके मन को नियंत्रित करेंगी, बल्कि आपके उत्साह में भी वृद्धि करेंगी। तनाव अपने चरम पर है, […]
आज 21 जून है। आज के दिन उत्तरी गोलार्ध में पृथ्वी की गति के कारण सूर्य का प्रकाश अधिकतम समय के लिए पृथ्वी पर पड़ेगा ।इसलिए यह उत्तरी गोलार्ध का सबसे बड़ा दिन होगा। भारतवर्ष के लिए यह सबसे बड़ा एवं महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि इसका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योग दिवस के रूप में हमारे […]
प्रियांशु सेठ (विश्व योग दिवस पर विशेष रूप से प्रकाशित) आज की विकट सामाजिक परिस्थिति में वैदिक धर्म संस्कृति, सभ्यता, रीति-नीति, परम्पराएं आदि लुप्तप्राय: हो गयी हैं। इसके विपरीत केवल भोगवादी और अर्थवादी परम्पराओं का अत्यधिक प्रचार-प्रसार हो रहा है। ब्रह्म विद्या दुर्लभ होने का यह एक प्रमुख कारण है। स्थायी सुख-शान्ति की प्राप्ति […]