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धर्म-अध्यात्म

जीवन क्या है ?

लेखक – आर्य सागर तिलपता ग्रेटर नोएडा जब हम इस सवाल के जवाब में जुटते हैं तो पता चलता है दुनिया भर के विविध मनुष्य जो कुछ भी जानकर या मानकर कर रहे हैं ,उनके अनुसार वही जीवन का विविध रूप है। हमारे संस्कार, हमारा परिवार, जिस शहर में हमारा पालन पोषण हुआ है, हमारा […]

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धर्म-अध्यात्म

मानव जाति की सबसे उत्तम सम्पत्ति ईश्वर एवं वेद हैं

मनमोहन कुमार आर्य वर्तमान समय में मनुष्य का उद्देश्य धन सम्पत्ति का अर्जन व उससे प्राप्त होने वाले सुख व सुविधाओं का भोग करना बन गया है। इसी कारण से संसार में सर्वत्र पाप, भ्रष्टाचार, अन्याय, शोषण, अभाव, भूख, अकाल मृत्यु आदि देखने को मिलती हैं। इसके अतिरिक्त कुछ अविद्यायुक्त संगठन व सम्प्रदाय अपने प्रसार […]

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भ्रांति निवारण शंका-समाधान

क्या हनुमान आदि वानर बन्दर थे ?

(हनुमान जयंती के शुभ अवसर पर विशेष रूप से प्रचारित ) वाल्मीकि रामायण में मर्यादा पुरुषोतम श्री राम चन्द्र जी महाराज के पश्चात परम बलशाली वीर शिरोमणि हनुमान जी का नाम स्मरण किया जाता हैं। हनुमान जी का जब हम चित्र देखते हैं तो उसमें उन्हें एक बन्दर के रूप में चित्रित किया गया हैं […]

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धर्म-अध्यात्म

वेदों की रक्षा व प्रचार से ही विश्व में मानवता की रक्षा सम्भव है

मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य को दुर्गुणों व दुर्व्यसनों, अज्ञान, अन्धविश्वास, पाखण्ड, मिथ्या सामाजिक परम्पराओं के साथ साथ अन्याय व शोषण से रहित अपने जीवन की रक्षा के लिये सदाचारी विद्वानों, देवत्वधारी पुरुषों सहित वेदज्ञान की भी आवश्यकता होती है। यदि समाज में सच्चे ज्ञानी व परोपकारी मनुष्य न हों तो समाज में अज्ञान की वृद्धि […]

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आर्य समाज हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

महर्षि दयानन्द, सत्यार्थ प्रकाश और आर्यसमाज हमें क्यों प्रिय हैं ?

मनमोहन कुमार आर्य सृष्टि के आरम्भ से लेकर अद्यावधि संसार में अनेक महापुरूष हुए हैं। उनमें से अनेकों ने अनेक ग्रन्थ लिखे हैं या फिर उनके शिष्यों ने उनकी शिक्षाओं का संग्रह कर उसे ग्रन्थ के रूप में संकलित किया है। हम अपने जीवन में उत्तम महान पुरूष को प्राप्त करने के लिए निकले तो […]

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धर्म-अध्यात्म

‘अग्नि’ किस प्रकार हमारे मन, बुद्धि और बल के लिए लाभकारी है?

परमात्मा के प्रति समर्पण का क्या महत्त्व है? का त उपेतिर्मनसो वराय भुवदग्ने शन्तमा का मनीषा। का वा यज्ञैः परि दक्षं त आप केन वा ते मनसा दाशेम।। ऋग्वेद मन्त्र 1.76.1 (कुल मन्त्र 823) (का) क्या (ते) आपका (उपेतिः) उपाय, तरीका, पूजा (मनसः) मन का (वराय) वरण किया (सुधार के लिए) (भुवत्) हो (अग्ने) सर्वोच्च […]

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आर्य समाज धर्म-अध्यात्म

नव-सम्वत्सर अर्थात् नववर्ष आरम्भ, आर्यसमाज स्थापना दिवस एवं रामनवमी वैदिक धर्मियों के तीन महनीय पर्व

मनमोहन कुमार आर्य रविवार दिनांक 30 मार्च, 2025 को चैत्र शुक्ल प्रतिपदा है। इसी दिन से विक्रमी सम्वत्सर 2082 तथा वेद और सृष्टि सम्वत्सर 1,96,08,53,126 का आरम्भ हो रहा है। जिस प्रकार हम अपने जन्म दिवस एवं महत्वपूर्ण पर्वों को मनाते हैं उसी प्रकार से इस दिवस को भी आर्य पर्व के रूप में मनाया […]

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आर्य समाज

ऋषि दयानन्द ने सत्यार्थ प्रकाश ग्रन्थ की रचना क्यों की ?

कोई भी विद्वान जिस विषय को अच्छी प्रकार जानता है, उसको लोगों को जनाने व उस ज्ञान व विद्या से अपरिचित लोगों को परिचित कराने के लिये उस विषयक अपने ग्रन्थ वा पुस्तक की रचना करता है। संसार में इसी उद्देश्य से सहस्रों व लाखों ग्रन्थ लिखे गये हैं। इसके विपरीत कुछ लोग धनोपार्जन व […]

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धर्म-अध्यात्म

ईश्वर हमारा माता, पिता और आचार्य भी है

मनमोहन कुमार आर्य ईश्वर सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वज्ञ, सर्वशक्तिमान, न्यायकारी, दयालु, अजन्मा, अनादि, अनन्त, अनुपम, सर्वाधार, सर्वेश्वर, सर्वव्यापक, सर्वान्तर्यामी, अजर, अमर, अभय एवं सृष्टिकर्ता है। वह जीवात्माओं के जन्म-जन्मान्तर के कर्मों के अनुसार न्याय करते हुए उन्हें भिन्न-भिन्न योनियों में जन्म देकर उनको सुख व दुःख रूपी भोग व फल प्रदान करता है। संसार में असंख्य […]

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धर्म-अध्यात्म

ईश्वर से प्रार्थना क्यों?

सर्व-प्रथम तो यह जानने की बात है कि ‘प्रार्थना’ किसे कहते हैं,तथा प्रार्थना कब करनी चाहिए।जो व्यक्ति प्रार्थना की परिभाषा व लक्षण को नहीं जानते,वे ही ऐसी शंकाएं किया करते हैं। ऋषि दयानन्द ने ‘प्रार्थना’ का स्वरुप निम्न प्रकार दर्शाया है-“अपने पूर्ण पुरुषार्थ के उपरान्त,उत्तम-कर्मों की सिद्धि के लिए परमेश्वर वा किसी सामर्थ्य वाले मनुष्य […]

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