Categories
धर्म-अध्यात्म

वेदों में विश्व शांति के सूत्र

विश्वशान्ति केवल वेद द्वारा सम्भव वेद के कुछ मन्त्रों की दिव्य भावनाएं :- अज्येष्ठासो अकनिष्ठास एते सं भ्रातरो वावृधुः सौभाय । (ऋग्वेद ५/६०/५) ईश्वर कहता है कि हे संसार के लोगों ! न तो तुममें कोई बड़ा है और न छोटा । तुम सब भाई-भाई हो । सौभाग्य की प्राप्ति के लिए आगे बढ़ो । […]

Categories
धर्म-अध्यात्म

धर्म रक्षा ही राष्ट्र रक्षा है_

वर्तमान विपरीत परिस्थितियों में हम सभी श्रद्धालु हिन्दुओं को अपना यह परम कर्तव्य समझना चाहिए कि यदि हमारा धर्म सुरक्षित है तभी हमारा राष्ट्र “भारत” सुरक्षित है l जबकि यह भी अत्यंत सुखद है कि अपने धर्म लाभ के लिए हम सदा समर्पित, तत्पर और जागरुक रहते है, जिसके लिए…. ➡हम सब विभिन्न तीर्थ स्थलों […]

Categories
धर्म-अध्यात्म

मुरगन देवता पुजा रहस्य*

Dr D K Garg पौराणिक मान्यताये : मुरुगन देवता का दूसरा नाम कार्तिकेय है  जो  भारत के तमिलनाडु के  एक लोकप्रिय हिन्दु देव हैं। इसके अतिरिक्त विश्व में जहाँ कहीं भी तमिल निवासी/प्रवासी रहते हैं जैसे कि श्रीलंका, मलेशिया, सिंगापुर आदि में भी यह पूजे जाते हैं। ये मान्यता है की ये  भारत के तमिलनाडु […]

Categories
धर्म-अध्यात्म भारतीय संस्कृति

भारत तो आगे बढ़ रहा है पर संस्कार पीछे छूट रहे हैं

ललित गर्ग नये बन रहे समाज एवं पारिवारिक संरचना में माता-पिता का जीवन एक त्रासदी एवं समस्याओं का पहाड़ बनता जा रहा है, समाज में बच्चों के द्वारा बुजुर्ग माता-पिता की उपेक्षाओं एवं उनके प्रति बरती जा रही उदासीनता इतनी अधिक बढ़ गयी है कि अदालतों को दखल देना पड़ रहा है। माता-पिता भोजन-पानी, दवाई, […]

Categories
धर्म-अध्यात्म

संकष्टी चतुर्थी या संकट चौथ का व्रत

DR D K Garg पौराणिक मान्यता : यह व्रत भगवान गणेश को समर्पित होता है.संकष्टी चतुर्थी या संकट चौथ का व्रत संतान की लंबी उम्र व खुशहाल जीवन के लिए रखा जाता है साथ ही इस दिन विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा की जाती है। माना जाता है कि संकट चौथ का व्रत व इस […]

Categories
धर्म-अध्यात्म

ओ३म् “मृतक श्राद्ध का विचार वैदिक सिद्धान्त पुनर्जन्म के विरुद्ध है”

========== महाभारत युद्ध के बाद वेदों का अध्ययन-अध्यापन अवरुद्ध होने के कारण देश में अनेकानेक अन्धविश्वास एवं कुरीतियां उत्पन्न र्हुइं। सृष्टि के आरम्भ में ईश्वर से प्राप्त वैदिक सत्य सिद्धान्तों को विस्मृत कर दिया गया तथा अज्ञानतापूर्ण नई-नई परम्पराओं का आरम्भ हुआ। ऐसी ही एक परम्परा मृतक श्राद्ध की है। मृतक श्राद्ध में यह कल्पना […]

Categories
धर्म-अध्यात्म

*क्या शिव की सवारी बैल है?*

Dr DK Garg इस कथन के दो अर्थ निकालते है-एक भौतिक दूसरा आध्यात्मिक पहला अर्थ तो हिमालय के राजा शिव के विषय में है जो कि शरीरधारी थे और हिम पर्वत पर रहते थे । आपने देखा होगा कि हिमालय के निवासी सवारी और अन्य कृषि कार्यों के लिए याक (बैल) का उपयोग करते है […]

Categories
धर्म-अध्यात्म

परमहंस योगानन्द*

* Dr DK Garg भारतीय धर्मगुरू और मातांतर अध्ययन परमहंस योगानन्द का जन्म 1893 में हुआ और मृत्यु ५९ वर्ष की अल्प आयु १९५२ में हुई। इनका जन्म का जन्म गोरखपुर ,उत्तरप्रदेश में अहीर जाति में हुआ था ,ये एक आध्यात्मिक गुरू थे। योगानन्द के पिता भगवती चरण घोष बंगाल नागपुर रेलवे में उपाध्यक्ष के […]

Categories
धर्म-अध्यात्म

समाज सुधारक अर्थात रिफॉर्मर

◼️रिफ़ॉर्मर (सुधारक)◼️ ✍🏻 लेखक – स्वामी दर्शनानन्द जी प्रस्तुति – 🌺 ‘अवत्सार’ प्यारे मित्रो! हमारे प्राचीन ऋषि-मुनि जिसे आचार्य कहते थे, पाश्चात्य देशों में जिसे पैग़म्बर कहते थे और यूरोपीय लोग जिसे रिफ़ॉर्मर कहते हैं, ये वे लोग हैं जो अपने स्वार्थ सर्वसाधारण के हित पर न्यौछावर करके अपने तन और धन को दूसरे के […]

Categories
धर्म-अध्यात्म

यज्ञ/हवन में मंत्र के अंत में सामग्री यज्ञ कुंड में डालते समय स्वाहा क्यों बोलते है?*

प्रस्तुति: Dr DK Garg दुष्प्रचार: स्वः स्वाहा अग्नि-देवता अग्नि की पत्नी हैं। उनकी दो पत्नियाँ हैं – स्वाहा और स्वधा। प्रत्येक मंत्र के अंत में “स्वाहा” का जाप करता है ताकि अग्नि अपनी पत्नी के साथ चढ़ाए गए अनाज/घी को स्वीकार कर सके। इस प्रकार अनुष्ठान पूरा होता है। अन्य विचार : १)अग्निदेव की पत्नी […]

Exit mobile version