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धर्म-अध्यात्म

*ध्यान का प्रपंच और भोली -भाली जनता* *भाग-6*

विशेष : आजकल आपको अधिकांश बड़े शहरों में ध्यान केंद्र और ध्यान गुरु मिलेंगे ,लेखी। ये ध्यान के नाम पर अपनी दुकान चला रहे है।ध्यान की स्थिति तक पहुंचने से पहले साधक को किस किस स्थिति से गुजरना होता है ,ये नहीं बताया जाता। ये लेख माला 7 भागों में है ,जो वैदिक विद्वानों के […]

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धर्म-अध्यात्म

ओ३म् “आर्यसमाज सत्य के प्रचार और असत्य को छुड़ाने का एक सार्वभौमिक आन्दोलन है”

============== आर्यसमाज विश्व का ऐसा एक अपूर्व संगठन है जो किसी मनुष्य व महापुरुष द्वारा प्रचारित मत का प्रचार नहीं करता अपितु सृष्टि में विद्यमान सत्य की खोज कर सत्य का स्वयं ग्रहण करता व उसके प्रचार द्वारा विश्व के सभी मनुष्यों से उसे अपनाने, ग्रहण व धारण करने का आग्रह करता है। ऋषि दयानन्द […]

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धर्म-अध्यात्म

ध्यान का प्रपंच और भोली -भाली जनता* *भाग-5*

* विशेष : आजकल आपको अधिकांश बड़े शहरों में ध्यान केंद्र और ध्यान गुरु मिलेंगे ,लेखी। ये ध्यान के नाम पर अपनी दुकान चला रहे है।ध्यान की स्थिति तक पहुंचने से पहले साधक को किस किस स्थिति से गुजरना होता है ,ये नहीं बताया जाता। ये लेख माला 7 भागों में है ,जो वैदिक विद्वानों […]

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धर्म-अध्यात्म

ध्यान का प्रपंच और भोली -भाली जनता* भाग- 2

* विशेष : ये लेख माला ५ भागों में है वैदिक विद्वानों के लेख और विचारों पर आधारित है। जनहित में आपके सम्मुख प्रस्तुत करना मेरा उद्देश्य है , इसलिए कृपया शेयर करें। डॉ डी के गर्ग योग का दूसरा अंग–नियम यम की तरह ‘नियम’ भी दुखों को छुड़ाने वाला है। पहले यम व नियम […]

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आओ कुछ जाने धर्म-अध्यात्म

ध्यान का प्रपंच और भोली -भाली जनता* *भाग-१*

* विशेष : ये लेख माला ५ भागों में है ,जो वैदिक विद्वानों के लेख और विचारों पर आधारित है। जनहित में आपके सम्मुख प्रस्तुत करने मेरा उद्देश्य है , इसलिए कृपया शेयर करे। डॉ डी के गर्ग पिछले कई वर्षोंसे मेरे पास अलग लग गुरुओं के शिष्य आ रहे है और उनके बाबा गुरु […]

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धर्म-अध्यात्म

हमारे जीवन में परमात्मा के क्या दृष्टिकोण हैं?

हमारे जीवन में परमात्मा के क्या दृष्टिकोण हैं? अपने जीवन में परमात्मा के प्रभाव को किस प्रकार महसूस करें, विश्वास करें और उसकी अनुभूति प्राप्त करें? पुष्टिर्न रण्वा क्षितिर्न पृथ्वी गिरिर्न भुज्म क्षोदो न शंभु। अत्यो नाज्मन्त्सर्गप्रतक्तः सिन्धुर्न क्षोदः क ईं वराते।। ऋग्वेद मन्त्र 1.65.3 (कुल मन्त्र 750) (पुष्टिः न) पोषण की तरह, स्वास्थ्य (रण्वा) […]

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धर्म-अध्यात्म

ओ३म् “क्या हमारा अगला जन्म मनुष्य योनि में होगा?”

=========== संसार में हम चेतन जीवात्माओं के अनेक योनियों में जन्मों को देखते हैं। मनुष्य जन्म में उत्पन्न दो जीवात्माओं की भी सुख व दुःख की अवस्थायें समान नहीं होती। मनुष्य योनि तथा पशु-पक्षी की सहस्रों जाति प्रजातियों में जीवात्मायें एक समान हैं जिनके सुख दुःख अलग-अलग हैं। इसका कोई तो कारण होगा? वैदिक धर्म […]

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धर्म-अध्यात्म

दिव्य लोगों के जीवन में परमात्मा किस प्रकार अभिव्यक्त होते हैं?

दिव्य लोगों के जीवन में परमात्मा किस प्रकार अभिव्यक्त होते हैं? आध्यात्मिक मार्ग पर सत्य का क्या महत्त्व है? ऋतस्य देवा अनुव्रता गुर्भुवत्परिष्टिर्द्यौर्न भूम। वर्धन्तीमापः पन्वा सुशिश्विमृतस्य योना गर्भे सुजातम्् ।। ऋग्वेद मन्त्र 1.65.2 (कुल मन्त्र 749) (ऋतस्य) सत्य का, वास्तविकता (देवाः) दिव्य लोग (अनु – गुः से पूर्व लगाकर) (व्रता) संकल्प (गुः – अनु […]

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धर्म-अध्यात्म

सांसारिक सुख और आध्यात्मिक सुख दोनों कैसे प्राप्त करें

परिवार का सुख और परमात्मा का सुख , सांसारिक सुख और आध्यात्मिक सुख दोनों कैसे प्राप्त करें …… (भाग -१) (परिवार में प्रेम कैसे बढ़ायें ) १.प्रत्येक दिन सायंकाल परिवार के सभी सदस्य मिलकर ईश्वर की उपासना करें और सुबह जल्दी उठकर स्नान करके अकेले अकेले व्यक्तिगत उपासना करें । २.सायं उपासना भजन करने के […]

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धर्म-अध्यात्म

*ऋग्वेद का मृत्यु सूक्त*

परोपकारिणी सभा अजमेर द्वारा प्रकाशित कीर्तिशेष डॉक्टर धर्मवीर द्वारा ऋग्वेद के दसवें मंडल के 18 वें सूक्त ‘ मृत्यु सूक्त’ पर दिए गए प्रवचनों का संग्रह इस पुस्तक में है।मृड् धातु जो मरने अर्थ में हैं उससे मृत्यु शब्द बना है। मृत्यु सामने आते ही अच्छे-अच्छों के गले सूख जाते हैं चींटी से लेकर हाथी […]

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