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देश विदेश

चीन की फितरत को समझना होगा

हाल में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की अरुणाचल प्रदेश की यात्रा से बीजिंग क्रोधित हो उठा है। चीन व भारत शायद ही कभी इस बात पर सहमत हुए हों कि वास्तविक सीमा रेखा कहां है। बीजिंग ने 1962 में भारत पर उस समय आक्रमण कर दिया, जब नई दिल्ली  ने अपना क्षेत्र वापस लेने की […]

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देश विदेश महत्वपूर्ण लेख मुद्दा

दोकलाम-विवाद: मोदी और शी बात करें

पिछले लगभग एक माह से भारत और चीन की फौजें आमने-सामने हैं। उन्होंने एक-दूसरे की सीमाओं का उल्लंघन नहीं किया है बल्कि भूटान के दोकलाम नामक एक पठार को लेकर दोनों देशों के फौजियों के बीच धक्का-मुक्की और कहा-सुनी हुई है। गनीमत है कि तोपें और बंदूकें नहीं चली हैं। भारत और चीन की सीमाएं […]

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आतंकवाद देश विदेश महत्वपूर्ण लेख राजनीति विधि-कानून

अविश्वास की गहरी खाई

एक क्षण के लिए मान भी लें कि जाधव भारत का जासूस है, लेकिन वह कैसी जासूसी कर सकता था। आज उपग्रहों के आने से तकनीक इतनी विकसित हो चुकी है कि आप गाडिय़ों की नंबर प्लेट पर लिखे अंकों तक को आकाश से पढ़ सकते हैं। इसलिए जाधव पर दोष मढक़र पाकिस्तान कोई और […]

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देश विदेश

ब्रिटेन में नस्लीय भेदभाव की वापसी

नागरिकता छीनने संबंधी  कानून 2005 में हुए विस्फोटों के बाद उपजी स्थितियों को ध्यान में रखते हुए 2006 में  लागू किया गया था। इन विस्फोटों में 52 लोगों की मृत्यु हो गई थी और 700 लोग घायल हो गए थे। लागू होने के बाद के चार वर्षों में इसका केवल चार बार उपयोग किया गया, […]

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देश विदेश महत्वपूर्ण लेख संपादकीय

ट्रम्प की सुरक्षा नीति और भारत

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रम्प ने अपनी नियुक्ति के तुरंत बाद सबसे पहला कार्य अपने देश में सात मुस्लिम देशों के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर रोक लगाने का किया है। उन्होंने कहा है कि यह रोक फिलहाल 90 दिन के लिए रहेगी। जिसे बाद में बढ़ाया भी जा सकता है। ट्रम्प के प्रशासन […]

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देश विदेश संपादकीय

अमेरिका चीन और विश्व शांति

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के अपने पद भार संभालने के दिन से ही वैश्विक राजनीति के समीकरणों में जोरदार परिवर्तन देखे जा रहे हैं। बराक ओबामा के काल में जहां रूस और अमेरिका के संबंधों में कुछ नरमी के संकेत देखे जा रहे थे वहीं चीन से भी अमेरिका कुछ दूरी पर रहकर ही […]

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आओ कुछ जाने देश विदेश संपादकीय स्वर्णिम इतिहास

क्या है ‘गणराज्य’ या गणतंत्र?

संविधान के अधीन सभी प्राधिकारों का स्त्रोत भारत के लोग हैं। भारत एक स्वाधीन राज्य है और अब वह किसी बाहरी प्राधिकारी के प्रति निष्ठावान नहीं है। हमारे देश का राष्ट्रपति अप्रत्यक्ष रूप से जनता द्वारा निर्वाचित राष्ट्रपति है। अब इस पद सहित किसी भी पद पर भारत के नागरिक की नियुक्ति होना संभव है। […]

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देश विदेश

सीरिया में शक्ति का निर्मम प्रदर्शन

एस. निहाल सिंह सीरिया में चार साल से चले आ रहे गृहयुद्ध में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की दखल की कई तात्कालिक वजहें हैं। रूस ने पहली बार हवाई जहाजों और क्रूज मिसाइलों के जरिये आतंकियों के ठिकानों पर हमले किये हैं। इस हस्तक्षेप की एक वजह यह है कि इस देश की किस्मत को […]

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देश विदेश

विदेशों में निरंतर बढ़ रही है भारत की धाक

सुरेश हिंदुस्थानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजीटल इंडिया का सपना अब साकार रूप में परिणत होता दिखाई दे रहा है। प्रधानमंत्री जब किसी विदेश यात्रा पर जाते हैं, तब उनके कार्यक्रमों में जो झलक प्रादुर्भित होती है, उसके मूल में भारत का डिजीटल स्वरूप दिखाई देता है। आज सारा विश्व इस बात को लेकर चकित […]

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देश विदेश

नेपाल की धर्मनिरपेक्षता पर सवालिया निशान

विश्व का एक मात्र हिन्दू राष्ट्र नेपाल अब धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य  हो गया है.तकरीबन सात साल के जद्दोजहद के बाद नेपाल में भी राजतंत्र के  पतन के बाद गणतंत्र का उदय हुआ है.239 साल पुराना राजवंश 2008 में खत्म कर दिया गया था.तब से ही नेपाल को इस दिन का बेसब्री से इंतजार था.नए संविधान […]

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