तिब्बत शरणार्थियो अपना देश माँगो भारत अशरण-शरण की प्राचीन परंपरा के प्रति आज भी संकल्पित है | अपने प्राण,धन और राज्य का बलिदान देकर भी हमारे राजाओं ने अपने शरणार्थी को नहीं त्यागा, किन्तु अधिकांश शरणार्थियों ने ही समय आने पर या तो विश्वासघात किया या फिर अपने आश्रय दाता के प्राण संकट में […]
श्रेणी: देश विदेश
( भारत चीन संबंधों पर ) डा. अरविन्द कुमार सिंह क्या चीन ने गलवान घाटी पर कब्जा कर लिया है? क्षमा कीजिएगा ये प्रश्न मेरा नहीं है, किसी जिज्ञासु का भी नहीं है। दरअसल ये प्रश्न देश के प्रधानमंत्री से पूछा है, भविष्य मेंप्रधानमंत्री बनने की आकंाक्षा रखने वाले एक व्यक्ति ने। प्रश्न के बुनियादी […]
आनंद जोनवार वर्तमान दौर में पूरा विश्व कोरोना से पैदा हुई परिस्थितियों व संकटो से छुटकारा पाने के लिए संघर्षरत है, वहीं दूसरी ओर चीन अपनी विस्तारवादी सोच को लेकर जगह जगह अपनी सैन्य गतिविधियों को संचालित कर रहा है .चीन भारत से सटी पूर्वी और उत्तरी पूर्वी सीमाओं पर कई बार हरकत कर […]
१९४७ में जब भारत स्वाधीन हुआ तो उसका आकार चीन के दो गुना से अधिक था। कुछ लोगों ने माउंटबेटन तथा उनकी पत्नी की खुशामद कर देश का विभाजन कराया तथा बिना किसी बहुमत के सत्ता हथिया ली। उसके तुरंत बाद पाकिस्तान को भारत पर आक्रमण में सहायता के लिए ५५ करोड़ रुपए दिये तथा […]
चीन में कुछ लोग Falun Gong पंथ को मानते हैं। यह बुद्धिज़्म का ही एक शांतिप्रिय सबसेट है। फालुन गोंग को फॉलो करने वाले लोग शाकाहारी, नॉन स्मोकर और नॉन ऐल्कॉहॉलिक होते हैं। प्रतिदिन योग व प्राणायाम भी करते हैं। संक्षेप में बोलें तो चीन में सबसे स्वस्थ व सेहतमंद लोग यही हैं। अब चीन […]
प्रतीकात्मक आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार भारत […]
⚊⚊⚊⚊⚊⚊⚊⚊⚊⚊⚊⚊⚊——– इजराइल दुनिया का एकमात्र यहूदी राष्ट्र है तथा इजरायल की यह नीति है कि पूरी दुनिया में अगर कहीं भी कोई भी यहूदी रहता है तो वह इजरायल का नागरिक माना जाएगा।दुनिया के सबसे नए राष्ट्रों में इजराइल राष्ट्र है जिसकी उम्र केवल ६८ वर्ष है। इजराइल के धर्म के बाद अब बात करते […]
*डॉ. वेदप्रताप वैदिक* चीन को लेकर भारत में अत्यंत विचित्र स्थिति है। आज के दिन यह पता लगाना मुश्किल है कि भारत चाहता क्या है ? क्या वह चीन के साथ फौजी संघर्ष चाहता है या बातचीत से सीमाई तनातनी खत्म करना चाहता है या कोई उसकी भावी लंबी-चौड़ी रणनीति है ? भारत के प्रधानमंत्री […]
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के भविष्य का फैसला आज हो सकता है। सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी की स्थायी समिति की होने वाली बैठक में इस संबंध में फैसला होने की उम्मीद है। भारत विरोधी रुख और चीन के बढ़ते दखल को लेकर ओली के खिलाफ पार्टी के भीतर काफी नाराजगी है। पिछले हफ्ते नेपाल […]