योगेश कुमार गोयल दुनिया के सबसे खतरनाक लड़ाकू विमान माने वाले जाने वाले राफेल की दूसरी खेप भी बुधवार रात भारत पहुंच गई है। चीन से बढ़ते तनाव के दौर में इन राफेल विमानों का भारत पहुंचना काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ गई है। इससे पहले 29 जुलाई को पांच […]
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नष्ट किया गया मस्जिद का गुंबद पिछले कुछ वर्षों में चीन के भीतर उइगर मुस्लिम समुदाय के लोगों पर होने वाला अत्याचार काफी बड़े पैमाने […]
इस्लामोफोबिया और यूरोपीय देश
संतोष पाठक यूरोप में पिछले एक सप्ताह के भीतर फ्रांस के बाद यह दूसरा आतंकी हमला है। ऐसे में यह सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या यूरोपीय देशों में इस्लामिक आतंकवाद फिर से सर उठाने लगा है ? क्या यूरोपीय देशों ने खुले दिल से मुस्लिम शरणार्थियों को अपने देश में शरण देकर गलत […]
पेरिस में एक शिक्षक की गला काटकर जिस प्रकार हत्या की गई और उसके पश्चात फ्रांस सरकार ने इस्लामिक आतंकवाद और आतंकवादियों के विरुद्ध जिस प्रकार के कड़े तेवर दिखाए हैं, उससे विश्व राजनीति में भूचाल आ गया है । इस्लामिक आतंकवाद के इतिहास में यह कोई नई घटना नहीं थी कि जब उसने […]
भारत में मोदी सरकार द्वारा आतंकवादियों पर सर्जिकल और एयर स्ट्राइक करने पर बेशर्म विपक्ष सबूत मांगता है। लेकिन मोदी की राह चलते आतंकवादियों पर विमान से मिसाइलें दाग 50+ आतंकवादियों को हूरों के पास पहुँचाने पर किसी विपक्ष ने सरकार शंका नहीं की, कंधे से कन्धा मिलाकर सरकार के साथ खड़ा है, लेकिन भारत […]
प्रियंका सौरभ —-प्रियंका सौरभ पड़ोस में शांति हो, तो इन्सान चैन की नींद सोता है, लेकिन यह शांति तभी बनी रह सकती है, जब पड़ोसी के साथ-साथ हम भी शांति के पक्षधर हों और ये समझ आ जाये कि क्या पडोसी शांति के लायक है? वर्चस्व की जंग हमेशा शांति को मारने का काम करती […]
लेखिका:- प्रो0 कुसुमलता केडिया 5 अप्रैल 1952 को चाउ एन लाई ने नेहरू जी के (भारत सरकार के) राजदूत से कहा कि हमें तिब्बत में अपनी सेनाओं के लिये खाद्यान की आपूर्ति के लिये भारत पर निर्भर रहना पड़ेगा। हम चाहते हैं कि भारत इस मामले में हमारी सहायता करे। पणिक्कर ने नेहरू को यह […]
लेखिका :- प्रो. कुसुमलता केडिया प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1949 ईस्वी के अक्टूबर तक तिब्बत को लगातार एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में देखा और पत्राचार किया। स्तालिन के संकेत पर जब उन्होंने एशियाई मैत्री सम्मेलन बुलाया तो उसमें स्वतंत्र तिब्बत राष्ट्र का प्रतिनिधि मंडल भी आमंत्रित हुआ। प्रतिनिधि मंडल को भारत के प्रधानमंत्री ने […]
लेखिका :- प्रो. कुसुमलता केडिया जैसा मैंने पूर्व के अपने उद्बोधनों मंे बताया है, हुआंगहुआ, जिसे विगत 100 वर्षों से यूरोप के लोगों ने पहली बार भारत के द्वारा प्राचीन काल से प्रयुक्त चीन शब्द को ग्रहण कर ‘चाईना’ कहना शुरू किया है और जिसे वे पहले ‘कैथे’ और ‘सेरे’ कहते रहे हैं, प्रशांत महासागर […]
ललित गर्ग जलवायु परिवर्तन के लिए अमेरिका बहुत हद तक जिम्मेदार है, लेकिन वह ट्रंप के नेतृत्व में अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़कर दूसरों को दोष दे रहा है। कोरोना महामारी में सर्वाधिक विकसित देश ने जिस तरह की विनाशलीला देखी, वह भी वहां की शासन-व्यवस्था पर एक बड़ा प्रश्न बनी है। अमेरिका में राष्ट्रपति […]