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देश विदेश

किसी भी समय युद्ध के लिए तैयार रहे चीनी सेना : शी जिनपिंग

  चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग पर युद्ध का भूत किस प्रकार सवार है इसे वे रह-रहकर दिखाते रहते हैं । उनकी नीतियों ने जिस प्रकार संसार को कोरोना से रुलाया है उस पर भी अब कुछ अधिक कहने लिखने की कोई आवश्यकता नहीं रह गई है। अब उन्होंने अपने सेना के लिए कहा है […]

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आतंकवाद देश विदेश

आतंकियों को अपने यहाँ शरण देना और चीन का पिछलग्गू बनना पाकिस्तान को पड़ सकता है भारी

  पाकिस्तान जैसा शातिर देश सारे संसार में नहीं है यह अपनी चालों से सारे संसार का मूर्ख बनाने का प्रयास करता रहा है । कुछ समय के लिए इसने अमेरिका , ब्रिटेन और चीन जैसी बड़ी शक्तियों को मूर्ख बनाकर भारत के विरुद्ध प्रयोग करने में सफलता भी प्राप्त की थी । परंतु अब […]

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देश विदेश विश्वगुरू के रूप में भारत

अनेक प्राच्य भारतीय विद्याओं के अधिकृत जानकार रहे हैं श्वेत ऋषियों के देश सोवियत रूस में

  स्व हरवंशलाल ओबेरॉय   रूस आर्यों की पश्चिम यात्रा का यूरोप में प्रथम पड़ाव है। मनु के जल प्लावन के समय जब भारत, अरब ईरान का अधिकांश भाग, मध्यपूर्व के देश आदि जलमग्न हो गए थे तब आर्यों की पश्चिमोन्मुखी शाखा को, जहाँ काकेशस पर्वत की तलहटी में, कश्यप सागर के तट पर शरण […]

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आतंकवाद देश विदेश

पाकिस्तान की घबराहट का कारण क्यों बनी करीमा बलोच ?

राष्ट्र-चिंतन* *विष्णुगुप्त* करीमा बलोच से क्यों डरता था पाकिस्तान? पाकिस्तान ने करीमा बलोच की हत्या क्यों करायी? करीमा बलोच क्या पाकिस्तान की कूटनीति के लिए बड़ा खतरा थी? क्या पाकिस्तान की कूटनीति करीमा बलोच की वैश्विक सक्रियता से हमेशा दबाव महसूस करती थी? क्या करीमा बलोच की वैश्विक सक्रियता से पाकिस्तान की राष्ट्रीय अस्मिता और […]

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देश विदेश

नेपाल में बनते हुए काम को बिगड़ता देख चीन ने उतारी अपनी ‘फौज’

काठमांडू । नेपाल में बढ़ते ‘भारत प्रेम’ के चलते चीन की नींद उड़ गई है । चीन पिछले कुछ समय से जिस प्रकार नेपाल को भारत के विरुद्ध उकसाने का काम कर रहा था और वहां के प्रधानमंत्री ओली जिस प्रकार भारत के विरुद्ध जहर उगलने का काम कर रहे थे उसमें अचानक आए अप्रत्याशित […]

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इतिहास के पन्नों से देश विदेश

आर्थिक इतिहास में चीन और भारत

  अजित कुमार भारतीय इतिहास लेखन में मैक्स वेबर (1864-1920) और मार्क्स(1818-1883) का बहुत गहरा प्रभाव रहा है। भारत के इतिहास को लिखनेवाले अधिकतर इतिहासकार इनसे बहुत प्रभावित रहे हैं। इन दोनों पश्चिमी विद्वानों की विशिष्टता यह रही है कि अपने जीवन के कालखंड में ये दोनों भारत कभी नहीं आये और इनके समय में […]

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देश विदेश

लोकतंत्र से इतनी जल्दी निराश और हताश क्यों हो गई नेपाल की जनता

  संतोष पाठक नेपाली जनता इसलिए लोकतांत्रिक प्रणाली से हताश और निराश हो गयी है नेपाल में भी माओवादी ताकतों ने बंदूक के बल पर तो राजनीतिक दलों ने अहिंसा और जन आंदोलन के बल पर राजशाही से दशकों तक सिर्फ इसलिए संघर्ष किया कि वहां सही मायनों में लोकतंत्र की स्थापना हो लेकिन अब […]

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इतिहास के पन्नों से देश विदेश

तिब्बत कभी भी नहीं रहा चीन का एक हिस्सा

  भारत की सीमा तिब्बत से लगती है न की चीन से। तिब्बत प्राचीन भारतीय संस्कृति, धर्म और सभ्यता का एक प्रमुख केंद्र रहा है। चीन ने सन्न 1951 में इस पर कब्जा कर अपने नियंत्रण में ले लिया था तभी से तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने भारत में शरण ले रखी है। तिब्बत के […]

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इतिहास के पन्नों से देश विदेश

तिब्बत : चीखते अक्षर , भाग – 15

  आतंक का नया दौर अगस्त 1983 के अंत में चीनियों ने दमन की नयी पारी शुरू की। शिगात्से (27/9/83) और ल्हासा (30/9/83 और 1/10/83) में मृत्युदंड देने की घटनायें हुईं। इसके पश्चात कांज़े में मृत्युदंड दिये गये साथ ही चाम्डो और ग्यात्से में और लोग बन्दी बनाये गये। चीनी बन्दी बनाये गये और मृत्युदंड […]

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आतंकवाद देश विदेश

भारत में बन चुके हैं दर्जनों पाकिस्तान

डॉ. वेदप्रताप वैदिक हैदराबाद की नगर-निगम के चुनाव और उसके परिणामों की राष्ट्रीय स्तर पर विवेचना हो रही है लेकिन मुझे इस स्थानीय बिल में से एक अंतरराष्ट्रीय सांप निकलता दिखाई पड़ रहा है। यह स्थानीय नहीं, अंतरराष्ट्रीय चुनाव साबित हो सकता है। यह एक भारत को कई भारत बनानेवाली घटना बन सकता है। मोहम्मद […]

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