यह लोग स्वयं को न तो मुसलमान मानते हैं, न पारसी और न ईसाई। यह अपने को ‘यजीदी’ कहते हैं। इस समुदाय के उपासना-स्थल हिन्दू मंदिरों की तरह होते हैं, ये सूर्य की भी पूजा करते हैं और इनमें मोर की बहुत मान्यता है। उल्लेखनीय है कि मोर केवल दक्षिण एशिया में पाया जाता है। […]
श्रेणी: देश विदेश
लेखमाला भाग 2 प्रेषक- #डॉविवेकआर्य पिछले लेख में हमने कमल भूषण चौधरी की गाथा का वर्णन किया था। इस लेख में हम सुनील बसु की आपबीती के माध्यम से बंगलादेश में हिन्दुओं पर हुए अत्याचार की समीक्षा करेंगे। 1960 के दशक से पश्चिमी पाकिस्तान के हुकुमरानों द्वारा पूर्वी पाकिस्तान यानि वर्तमान बांग्लादेश पर बांग्लाभाषी […]
डॉ. वेदप्रताप वैदिक जब विदेश मंत्रियों का सम्मेलन हुआ था, तब भी चाहे अमेरिकी विदेश मंत्री ने चीन के विरुद्ध जब-तब कुछ बयान दिए थे लेकिन चारों विदेश मंत्रियों का कोई संयुक्त वक्तव्य जारी नहीं हो सका, क्योंकि भारत नहीं चाहता था कि यह चौगुटा चीन-विरोधी मोर्चा बन जाए। भारत, अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया, इन […]
अप्रैल 2019 में इस्लामिक आतंकवाद ने श्रीलंका को दहला दिया था। उसके बाद से ही वह इस्लामी कट्टरपंथ को लेकर लगातार सख्ती दिखा रहा है। इसी क्रम में वह अब बुर्का पर प्रतिबंध लगाने जा रहा है। साथ ही 1000 से ज्यादा इस्लामिक स्कूल (मदरसा) भी बंद किए जाएँगे। श्रीलंका के पब्लिक सिक्योरिटी मंत्री सरत […]
सुप्रीम कोर्ट से जम्मू-कश्मीर में हिरासत में लिए गए रोहिंग्या को तुरंत रिहा करने और उन्हें प्रत्यर्पित करने के आदेश को लागू करने से केंद्र सरकार को रोकने की गुहार लगाई गई है। इस संबंध में पिछले साल कोर्ट की अवमानना मामले में दोषी पाए गए वकील प्रशांत भूषण के माध्यम से गुरुवार (मार्च 11, […]
डॉ. वेदप्रताप वैदिक यहां सवाल यही उठता है कि आखिर इस्लामी देशों ने भी बुर्के पर प्रतिबंध क्यों लगाया ? इसका तात्कालिक कारण तो यह है कि बुर्का पहनकर कई आदमी जघन्य अपराध करते हैं। वे अपनी पहचान छिपा लेते हैं और अचानक हमला बोल देते हैं। स्विट्जरलैंड ताजातरीन देश है, जिसने बुर्के पर प्रतिबंध […]
दिव्या आर्य (दिल्ली) ये बंटवारे के बीच मोहब्बत की सच्ची कहानी है। अपना प्यार पाने के लिए धर्म बदलने और देश बदलने की जद्दोजहद के बाद भी सरकारों से झगड़ते प्रेमियों की कहानी। साल 1947। रावलपिंडी के पठान ख़ानदान की इस्मत तब सिर्फ़ 15 साल की थी। और अमृतसर के लालाजी के परिवार का जीतू […]
(पूर्वकाल में लिखा गया लेख, जिसकी प्रासंगिकता आज भी है | ) यह सत्य है कि, चीनी समान, जो पूर्ण भुगतान के साथ भारत के छोटे-बड़े व्यापारियों के पास पहूँच चुका है, और उनका भारी पूंजी भी लग चुका है, का क्या होगा ? भारत में पाकिस्तानी कलाकार के साथ सिनेमा का निर्माण हो चुका […]
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा वैक्सीन आने के बाद यह समझा जा रहा था कि अब कोरोना पर काबू पा लिया जाएगा पर कोरोना की लगभग एक साल की यात्रा के बाद स्थिति में वापस बदलाव आने लगा है और जिस तरह से कोरोना पॉजिटिव केसों में कमी आने लगी थी उस पर विराम लगने के […]
सत्ता भी अजब खेल है। कभी व्यक्ति शीर्ष पर होता है तो कभी फर्श पर होता है । अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान की बात करें तो यहां पर कभी भी किसी भी प्रधानमंत्री को सेना ने आराम से शासन नहीं करने दिया है । वर्तमान प्रधानमन्त्री इमरान खान जितनी देर भी शासन करते रहे हैं […]