द वीकेंड ऑस्ट्रेलियन’ ने अपनी रिपोर्ट में यह खुलासा किया है कि चीन 2015 से कोरोना वायरस पर काम कर रहा है। चीन इसे जैविक हथियार की तरह इस्तेमाल करता चाहता था..!!! युद्ध के बदले हथियार- आज से नहीं बल्कि दशकों पहले से युद्ध में हथियार कई किस्म के होते हैं। ज़रूरी नहीं कि बम-बारूद […]
Category: देश विदेश
डॉ. वेदप्रताप वैदिक यूरोपीय संघ बनने के बाद या यों कहिए कि द्वितीय महायुद्ध के बाद के वर्षों में स्कॉटलैंड के लोगों ने महसूस किया कि व्यापार और राजनीति के हिसाब से वे लोग अंग्रेजों के मुकाबले नुकसान में रहते हैं। वे स्कॉटलैंड को इंग्लैंड से अलग करना चाहते हैं। ग्रेट ब्रिटेन ने 1947 […]
इजराइल : एक प्रश्न
इज़रायल-प्रश्न … 1940 के दशक के बीच में अचानक हंगारी, पोलैंड, जर्मनी, ऑस्ट्रिया के यहूदियों ने पाया था कि वे एक क़तार में खड़े हैं और क़तार ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। यहूदियों के घरों में गेस्टापो के जवान घुस जाते और कहते, “बाहर निकलकर क़तार में खड़े हो जाओ!” सड़क […]
बंगलादेश में हिन्दू-संहार और रिचर्ड बेंकिन कुछ पुस्तकें पढ़ना कष्टकर होता है। डॉ. रिचर्ड बेंकिन की ‘ए क्वाइट केस ऑफ एथनिक क्लीन्सिन्ग: द मर्डर ऑफ बंगलादेश’ज हिन्दूज’ (अक्षय प्रकाशन, नई दिल्ली) इतनी पीड़ादायक है कि इसे पढ़ने में कई बार प्रयास करना पड़ा। हर बार दो-चार पृष्ठ पढ़ते ही मन त्रस्त हो जाता। पुस्तक रख […]
आनंद प्रधान कोरोना महामारी ने मौजूदा वैश्विक व्यवस्था के रग-रग में समाई गैर-बराबरी, भेदभाव और अमीर देशों के दोहरे चेहरे को एक बार फिर उजागर कर दिया है। इसका सबसे बड़ा सबूत यह है कि विकसित अमीर देश जहां कोरोना की वैक्सीन की बड़े पैमाने पर जमाखोरी कर रहे हैं, उनकी बहुराष्ट्रीय दवा कंपनियां […]
भूटान की जमीन पर चीन की नजर क्यों?
उगता भारत फॉरन पॉलिसी में छपी रिपोर्ट के मुताबिक चीन को भूटान का यह इलाका नहीं चाहिए। वह भूटान पर दबाव बनाना चाहता है ताकि भारत का सामना करने के लिए उसे कहीं और जमीन चाहिए हो, तो मिल सके। चीन ने अक्टूबर 2015 में ऐलान किया कि तिब्बत ऑटोनॉमस रीजन (TAR) में ग्यालाफूग नाम […]
डॉ. वेदप्रताप वैदिक 2015 में खादिम रिज़वी ने इस संगठन को खड़ा किया था और अब उनका बेटा साद रिजवी इसे चला रहा है। इस संगठन का जन्म मुमताज कादरी पर चले मुकदमे के दौरान हुआ था। कादरी ने लाहौर के राज्यपाल सलमान तासीर की हत्या कर दी थी। पाकिस्तान में इमरान-सरकार की मुसीबतें एक […]
पाकिस्तान सरकार और खुद प्रधानमंत्री इमरान खान भी फ्रांसीसी राजदूत को वापस भेजे जाने के प्रस्ताव से सहमत नहीं हैं। पिछले दिनों उन्होंने टीवी पर प्रसारित एक संबोधन में कहा था कि फ्रांसीसी राजदूत को वापस भेजने का मतलब होगा पूरे यूरोपियन यूनियन (ईयू) से रिश्ते खत्म होना। अपनी गलत प्राथमिकताओं और समझौतापरस्त नीतियों के […]
कहते हैं, “समय बड़ा बलवान होता है”, जिसे सिद्ध कर रही सऊदी अरब से हैरान करने वाला समाचार कि अब वहां रामायण और महाभारत पढ़ाई जाएगी। उस सऊदी अरब में जहां “सत्यार्थ प्रकाश” प्रतिबंधित है। जहां मुंह से ॐ या राम निकालना भी अपराध था।(नीचे दिए लिंक को क्लिक करिए) लेकिन जब उसी देश में […]
डॉ. मनमोहन वैद्य समय और परिस्थिति ने भारत को विभाजित जरूर कर दिया, पर आज भी पड़ोसी देशों से उसके सांस्कृतिक संबंध हैं। इन संबंधों को बनाए रखने के लिए ही आज भी लोग अपने बच्चों और प्रतिष्ठानों के नाम अपने मूल स्थान पर रखते हैं। इस भावना को और धार देने की आवश्यकता […]