रंजीत कुमार रूस और अमेरिका के रिश्ते ऐसे नहीं हैं कि इनके राष्ट्रपति साथ बैठ कर खाना खाएं, लेकिन 16 जून को जिनीवा में राष्ट्रपति बाइडन और राष्ट्रपति पूतिन के बीच हुई चार घंटे की दो टूक बातचीत के बाद दोनों के बीच विश्वास का दायरा जरूर बढ़ा है। इसे और गहराई देने के लिए […]
श्रेणी: देश विदेश
विजय गोखले नदी के पार चमकता शहर, जिसकी स्काईलाइन रात में रोशनी से नहाई हो और जिसका जोश देखते बनता हो। यह पढ़कर आपमें से कुछ लोगों को इस शहर के न्यूयॉर्क होने का भरम हो सकता है, लेकिन मेरा इशारा शंघाई की ओर है। इसी शहर में जुलाई, 1921 में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी […]
वेदप्रताप वैदिक इस्राइल में जैसी सरकार अभी बनी है, पहले कभी नहीं बनी। 8 पार्टियों ने मिलकर यह सरकार बनाई है। ये आठों पार्टियां कम से कम तीन खेमों में बंटी हुई हैं। वामपंथी, दक्षिणपंथी और मध्यममार्गी। सबसे बड़ा अजूबा यह कि इन यहूदी पार्टियों में चार सदस्यों वाली अरब पार्टी, ‘राम’ भी शामिल है। […]
प्रणव प्रियदर्शी अमेरिका में पिछले साल नवंबर में हुए राष्ट्रपति चुनावों में प्रचार का दौर वैसा रोमांचक, नाटकीय और यादगार नहीं रहा, जैसा मतों की गिनती का आम तौर पर औपचारिक माना जाने वाला दौर। लेकिन सबसे ज्यादा हैरतअंगेज रहा चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद संसद की बैठक में जीत-हार के फैसले पर मुहर […]
ईसाई लोगों की दृढ़ व प्रमुख मान्यता है कि मुक्ति केवल यीशु के माध्यम से ही मिल सकती है और ईसाई धर्मांतरण भी ठीक इसी बात पर आधारित है कि यीशु में विश्वास से सभी पाप धूल जाते है और हमेशा के लिए मुक्ति (salvation) मिल जाती है। इसलिए हिंदुओ व अन्य लोगों, जिसका […]
चंद्रभूषण चीन में एक दंपति के लिए एक बच्चे की नीति 1980 से 2015 तक चली। फिर इसे दूरगामी रूप से समाज के लिए नुकसानदेह मानकर बदला गया और 2016 से प्रति दंपति दो बच्चों की नीति लागू की गई। इस बदलाव को लेकर उत्साह वहां सिर्फ एक साल देखा गया। सन 2017 में चीन […]
चीन अब विश्व स्तर पर अपनी होती बेइज्जती को समझने लगा है । उसे पता चल गया है कि दुनिया को खत्म कर दुनिया पर हुकूमत करने की जो उसने योजना बनाई थी, वह कितनी गलत हो सकती है ? और उसकी इस योजना के चलते उसे विश्व स्तर पर कितना अपमान झेलना पड़ रहा […]
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा चीन की जनगणना की हालिया रिपोर्ट भी कम चिंतनीय नहीं है। चीन ने बढ़ती जनसंख्या के कारण 1979 में एक बच्चे की नीति अपनाई और इसका परिणाम यह रहा कि जनसंख्या पर तो नियंत्रण हो गया पर अब चीन के सामने दोहरा संकट उत्पन्न हो गया है। दुनिया के कुछ देश […]
डॉ. वेदप्रताप वैदिक ‘न्यूयार्क टाइम्स’ अमेरिका का सबसे बड़ा अखबार है। यह यहूदियों का अखबार है। उसे भारत से यह शिकायत हो सकती है कि उसके प्रतिनिधि ने सुरक्षा परिषद में पहले फलस्तीनियों के पक्ष में तगड़ा बयान क्यों दे दिया था ? ‘न्यूयार्क टाइम्स’ ऐसी बेसिर-पैर की खबर छाप सकता है, इसका विश्वास मुझे […]
कोरोना महामारी ने पूरे विश्व के लगभग सभी देशों को प्रभावित किया है। कहीं कहीं तो इस महामारी का प्रभाव इतना बलशाली रहा है कि उस देश की जनसंख्या का बहुत बड़ा भाग इस बीमारी की चपेट में आकर संक्रमित हो गया है। लगभग सभी देशों की अर्थव्यवस्थाएं तो चौपट हो ही गई हैं। भारत […]