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विदेश नीति किसके भरोसे ?

  डॉ. वेदप्रताप वैदिक अफगानिस्तान से अमेरिकी फौजें जैसे सिर पर पाँव रखकर भागी हैं, क्या उससे भी भारत सरकार ने कोई सबक नहीं लिया। बगराम सहित सात हवाई अड्डों को खाली करते वक्त अमेरिकी फौजियों ने काबुल सरकार को खबर तक नहीं की। नतीजा क्या हुआ? बगराम हवाई अड्डे में सैकड़ों शहरी लोग घुस […]

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इंग्लैंड : राजनीति में चीन की साजिश, जिस मंत्री को ‘चुम्मा’ के कारण देना पड़ा इस्तीफा : वहां था चाइनीज सीसीटीवी

        मैट हैनकॉक ने ही गिना को स्वास्थ्य मंत्रालय में कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर नियुक्त किया था (साभार: Sky news) यूनाइटेड किंगडम के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक (Matt Hancock) ने ‘किसिंग स्कैंडल’ में फँसने के बाद इस्तीफा दे दिया है। अपने एक करीबी महिला साथी को किस करने के बाद उन पर […]

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चीन ‘कृषि प्रधान’ देश से ‘औद्योगिक’ राष्ट्र में तब्दील होते हुए

प्रणव प्रियदर्शी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी सौ साल पूरे कर रही है। चीन में इस मौके पर एक जुलाई को होने वाले शानदार जश्न की तैयारियां काफी पहले से चल रही हैं। यह स्वाभाविक भी है। 1949 में हुई क्रांति के बाद से चीन में इसी पार्टी का शासन है। इसी के नेतृत्व में चीन कृषि […]

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पाकिस्तान को अफगानिस्तान में शांति बहाली के लिए अपनी सोच को बदलना होगा

वेदप्रताप वैदिक अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी और सीईओ डॉ. अब्दुल्ला की अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से भेंट हो चुकी है। उसके बावजूद अमेरिकी सरकार अपने इस फैसले पर कायम है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी फौजें 11 सितंबर तक वापस चली जाएंगी। सिर्फ 650 जवान काबुल में टिके रहेंगे, जो अमेरिकी दूतावास की सुरक्षा के लिए […]

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क्या अफगानिस्तान को सँभाल सकते है भारत-पाक ?

डॉ. वेदप्रताप वैदिक अफगान-फौज में भी खलबली मची हुई है। काबुल में जिसका भी कब्जा होगा, फौज को अपना रंग पलटते देर नहीं लगेगी। ऐसे में काबुल से 13 साल तक राज करने वाले पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई अफगानिस्तान की वर्तमान स्थिति का सारा दोष अमेरिका के सिर मढ़ रहे हैं। अफगानिस्तान-संकट पर विचार करने […]

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भारत के नजरिये से देखें तो रूस और अमेरिका के बीच रिश्ते में तनाव और टकराव कम होना अच्छी बात

रंजीत कुमार रूस और अमेरिका के रिश्ते ऐसे नहीं हैं कि इनके राष्ट्रपति साथ बैठ कर खाना खाएं, लेकिन 16 जून को जिनीवा में राष्ट्रपति बाइडन और राष्ट्रपति पूतिन के बीच हुई चार घंटे की दो टूक बातचीत के बाद दोनों के बीच विश्वास का दायरा जरूर बढ़ा है। इसे और गहराई देने के लिए […]

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नंबर एक के पायदान पर अमेरिका है चीन नहीं

विजय गोखले नदी के पार चमकता शहर, जिसकी स्काईलाइन रात में रोशनी से नहाई हो और जिसका जोश देखते बनता हो। यह पढ़कर आपमें से कुछ लोगों को इस शहर के न्यूयॉर्क होने का भरम हो सकता है, लेकिन मेरा इशारा शंघाई की ओर है। इसी शहर में जुलाई, 1921 में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी […]

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इस्राइल में फिर नेतन्याहू प्रधानमंत्री पद पर….

वेदप्रताप वैदिक इस्राइल में जैसी सरकार अभी बनी है, पहले कभी नहीं बनी। 8 पार्टियों ने मिलकर यह सरकार बनाई है। ये आठों पार्टियां कम से कम तीन खेमों में बंटी हुई हैं। वामपंथी, दक्षिणपंथी और मध्यममार्गी। सबसे बड़ा अजूबा यह कि इन यहूदी पार्टियों में चार सदस्यों वाली अरब पार्टी, ‘राम’ भी शामिल है। […]

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ट्रंप समर्थकों की बेकाबू भीड़ वाली राजनीति

प्रणव प्रियदर्शी अमेरिका में पिछले साल नवंबर में हुए राष्ट्रपति चुनावों में प्रचार का दौर वैसा रोमांचक, नाटकीय और यादगार नहीं रहा, जैसा मतों की गिनती का आम तौर पर औपचारिक माना जाने वाला दौर। लेकिन सबसे ज्यादा हैरतअंगेज रहा चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद संसद की बैठक में जीत-हार के फैसले पर मुहर […]

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देश विदेश भयानक राजनीतिक षडयंत्र

क्या यीशु/ जीसस ही एकमात्र उद्धारक है?

  ईसाई लोगों की दृढ़ व प्रमुख मान्यता है कि मुक्ति केवल यीशु के माध्यम से ही मिल सकती है और ईसाई धर्मांतरण भी ठीक इसी बात पर आधारित है कि यीशु में विश्वास से सभी पाप धूल जाते है और हमेशा के लिए मुक्ति (salvation) मिल जाती है। इसलिए हिंदुओ व अन्य लोगों, जिसका […]

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