डॉ. वेदप्रताप वैदिक जो चीन बराबर तालिबान की पीठ ठोंक रहा है और जो मोटी पूंजी अफगानिस्तान में लगाने का वादा कर रहा है, वह भी आतंकवादरहित और मिली-जुली सरकार की वकालत कर रहा है लेकिन मैं समझता हूं कि सबसे पते की बात ईरान के नए राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने कही है। अफगानिस्तान की […]
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इस्लाम के नाम पर आतंक को प्रोत्साहित और प्रशिक्षित करने में पाकिस्तान विश्व में मशहूर है। अगर पाकिस्तान ने आतंक पर खर्च करने की बजाए देश के विकास पर खर्च किया होता, इधर-उधर देशों के आगे हाथ नहीं फैलाना पड़ता। तालिबान के खिलाफ लोहा ले रही अफगानिस्तान की पंजशीर घाटी में अब तालिबान पाकिस्तान के […]
🙏बुरा मानो या भला 🙏 —मनोज चतुर्वेदी “शास्त्री” माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने हाल ही में गोहत्या के एक मामले में टिपण्णी करते हुए कहा कि – “हमारे सामने ऐसे कई उदाहरण हैं जब हम अपनी संस्कृति को भूले हैं, तब विदेशियों ने हम पर आक्रमण कर गुलाम बनाया है। आज भी हम न चेते […]
भारत और तालिबान के बीच पहली औपचारिक बातचीत के मायने क्या हैं, इसे टाइमिंग से समझा जा सकता है। यह संयोग नहीं हो सकता कि मुलाकात उसी दिन हुई जिस दिन अफगानिस्तान से अमेरिका को विदाई लेना था। हालांकि, अमेरिकी सैनिक एक दिन पहले सोमवार को ही अफगानिस्तान छोड़ दिया। नई दिल्ली अमेरिकी सैनिकों की […]
अशोक मधुप तालिबान से दूसरे चैनल से बातचीत का ही परिणाम है कि भारत अफगानिस्तान से बड़ी सरलता है अपने नागरिक निकाल लाया। वहां से अपने दूतावास को बन्द कर अपने स्टाफ और नागरिकों को वापस भारत बुलाकर अफगानिस्तान की तालिबानी सरकार को अपनी नाराजगी भी प्रकट कर दी। कोई कुछ भी कहे किंतु यह […]
के.पी. नैयर जहां तालिबान ने अफगानिस्तान को तूफानी रफ्तार से अपने कब्जे में लेकर सत्ता हथिया ली वहीं पाकिस्तान अपने पुराने काम पर लग गया है, जिसे वह सबसे अच्छी तरह करना जानता है यानी दलाली। वैसे तो पाकिस्तान की जो भी प्रासंगिकता रही है, उसके मुताबिक दलाल कहना भी आंशिक रूप से न्यायोचित होगा। […]
तालिबान को समयानुकूल चुनौती देता पंजशीर
कमल सेखरी हर ऊंट पहाड़ के नीचे आता है और हर नहले पर दहला लगता है। यह कुदरत का नियम है। दुनिया में जिसने भी निरंकुशता से दबंगी करने की कोशिश की है उसे मुंह की खानी ही पड़ी है। इसके लिए इतिहास साक्षी है। अफगानिस्तान पर दबंगी से किए कब्जे के नशे में चूर […]
हिंदुओं को अपने दैनिक कामकाज से फुर्सत नहीं मिलती है… देश के लिए उनके पास वक्त नहीं होता है… मंदिरों में आजकल घंटा बजाने वाली मशीनें लग गई हैं… क्योंकि हिंदू काफी बिज़ी रहने लगा है… फिर भी अगर फुर्सत मिले तो ये जरूर सोचना कि आज जब इजराइल की रियासत मिडिल ईस्ट में मौजूद […]
मानव इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ होगा जब काबुल एयरपोर्ट पर मुसलमान अपनी जान बचाने के लिए अमेरिका के विमानों के पंखों पर बैठ गए… मौ त का खौफ क्या होता है ? मौत का डर किसे कहते हैं….जब जान जाने का डर सताता है तो इंसान सुध बुध कैसे खो देता है… […]
डॉ. वेदप्रताप वैदिक अब लगभग 20 साल बाद आज अमेरिका अफगानिस्तान से वापस लौट रहा है। विश्व का सबसे शक्तिशाली राष्ट्र आज किस मुद्रा में है? गालिब के शब्दों में ‘बड़े बेआबरु होकर तेरे कूचे से हम निकले।’ यदि अमेरिका की तालिबान से सांठ-गांठ नहीं होती तो काबुल छोड़ते वक्त हजारों अमेरिकी मारे जाते जैसे […]