निर्मम कानून निर्मम समाज बनाता है भारत का संविधान भारत में विधि का शासन स्थापित करता है। विधि को हमने कानून का पर्यायवाची मानकर स्थापित और व्याख्यायित किया है। जबकि कानून से कुछ बढ़कर है विधि। कानून मानवकृत है। विधि मानवकृत होकर भी सृष्टिï के विधायक परमपिता परमेश्वर के सृष्टि विधान का सम्पुंजन है। विधि […]
Category: प्रमुख समाचार/संपादकीय
कसाब:’अश्वत्थामा’ मारा गया
पाकिस्तानी नागरिक और 26/11 की आतंकी घटना का एकमात्र जीवित बचा अपराधी आमिर कसाब फांसी की सजा पा गया है। सारे घटनाक्रम में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की भूमिका सराहनीय रही। उन्होंने कसाब की दया याचिका को 5 नवंबर को ही निरस्त कर दिया था। वह अपने बोये कांटों में उलझी कांग्रेस के लिए एक बार […]
कसाब:’अश्वत्थामा’ मारा गया
पाकिस्तानी नागरिक और 26/11 की आतंकी घटना का एकमात्र जीवित बचा अपराधी आमिर कसाब फांसी की सजा पा गया है। सारे घटनाक्रम में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की भूमिका सराहनीय रही। उन्होंने कसाब की दया याचिका को 5 नवंबर को ही निरस्त कर दिया था। वह अपने बोये कांटों में उलझी कांग्रेस के लिए एक बार […]
संपादक की नई पुस्तक । इसे पढ़ने के लिए जाएँ इस लिंक पर भारतीय संविधन के कुछ आपत्तिजनक अनुच्छेद अमन आर्य
संपादक की नई पुस्तक । इसे पढ़ने के लिए जाएँ इस लिंक पर भारतीय संविधन के कुछ आपत्तिजनक अनुच्छेद अमन आर्य
राज्य की कार्यपालिका और मंत्रालयभारत का राष्ट्रपति संविधान के अनुच्छेद 77 के उपधारा (3) के अंतर्गत प्रधानमंत्री की सलाह पर मंत्रालय की स्थापना करता है तथा प्रत्येक मंत्री को कार्य सौंपता है। भारत वर्ष में कार्यपालिका की अवधारण बहुत प्राचीन है। भारत के राजनीतिक इतिहास और वेदों की राजनीतिक व्यवस्थाओं से अनभिज्ञ लोगों ने भारत […]
राज्य की कार्यपालिका और मंत्रालयभारत का राष्ट्रपति संविधान के अनुच्छेद 77 के उपधारा (3) के अंतर्गत प्रधानमंत्री की सलाह पर मंत्रालय की स्थापना करता है तथा प्रत्येक मंत्री को कार्य सौंपता है। भारत वर्ष में कार्यपालिका की अवधारण बहुत प्राचीन है। भारत के राजनीतिक इतिहास और वेदों की राजनीतिक व्यवस्थाओं से अनभिज्ञ लोगों ने भारत […]
अनुसूचित जाति, जनजाति की अवधारणा नितांत भ्रामकभारतीय समाज में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति शब्दों की उत्पत्ति अंग्रेजी काल से आयी है। इससे पूर्व महाभारत युद्घ के पश्चात भारत के पराभव के काल में भारत में जाति व्यवस्था का श्रीगणेश हुआ। उस जाति व्यवस्था ने भारत के एक बहुत बड़े समाज को अछूत बना दिया। […]
अनुसूचित जाति, जनजाति की अवधारणा नितांत भ्रामकभारतीय समाज में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति शब्दों की उत्पत्ति अंग्रेजी काल से आयी है। इससे पूर्व महाभारत युद्घ के पश्चात भारत के पराभव के काल में भारत में जाति व्यवस्था का श्रीगणेश हुआ। उस जाति व्यवस्था ने भारत के एक बहुत बड़े समाज को अछूत बना दिया। […]
भाजपा की वर्तमान दशा को देखते हुए रविन्द्र नाथ टैगोर का एक गीत याद आ गया ‘जोद़ी तोर डाक शुने कोई ना अशे तोबे एकला चलो रे’ अर्थात जब लोग तुम्हारी आवाज को अनसुना कर दे तो तुम अकेले चलो। राजनीति के ताजा घटनाक्रम को अगर ध्यान से देखा जाये तो ये पंक्तियां वास्तव में […]