संतोषी स्वभाव अपनाएँ सत्य और ईमान पर चलने वाले – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com निरन्तर प्रतिस्पर्धा और फैशन के अंधानुकरण, भौतिकवादी सोच और दिखावों के चलन के साथ विकास की चकाचौंध में रमते जा रहे मौजूदा युग में सत्य, ईमान और धर्म का अवलंबन करते हुए जीवन विकास के क्रम को बनाये रखना मुश्किल […]
Category: प्रमुख समाचार/संपादकीय
आज का चिंतन-07/10/2013
आज का चिंतन-07/10/2013 क्या औचित्य है ऎसे स्वागत का जो दिखावे के लिए हो – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com जनसंख्या विस्फोट की वजह से आजकल कई समस्याएँ पैदा हो गई हैं। सबसे बड़ी समस्या गुणवत्ता की उभर कर सामने आयी है। लोगों की भीड़ खूब बढ़ रही है लेकिन उस अनुपात में गुणात्मकता नहीं […]
आज का चिंतन-06/10/2013
मन से स्वीकारें स्त्री के वजूद को तभी है देवी उपासना का अधिकार – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com देवी उपासना का सीधा संबंध स्त्री के वजूद और परम व्यापक अस्तित्व की मन से स्वीकार्यता से जुड़ा है जहाँ स्त्री को अपने से ऊपर और अपेक्षाकृत अधिक शक्तिमान स्वीकारा गया है और यह साफ-साफ कह […]
आज का चिंतन-05/10/2013
शोरगुल से खुश नहीं होती देवी श्रद्धा-भक्ति व शांति अपनाएँ – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com आज से पूरा देश नवरात्रि में लग जाएगा। शक्ति उपासना का यह परम पर्व देवी मैया को खुश करने और शक्ति संचय करने का मौका है जिसमें विविध उपचारों और विधि-विधानों से देवी मैया की साधना होती है। हम […]
आज का चिंतन-04/10/2013
पितरों के प्रति श्रद्धा समर्पित करें अमावास्या का श्राद्ध जरूर करें – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com श्रद्धा से लेकर श्राद्ध तक की यात्रा में अब संवेदनशीलता और कौटुम्बिक आत्मीयता की गंध गायब होती जा रही है। अब हम जो कुछ कर रहे हैं उसमें न परंपराओं और विधि-विधानों का पालन हो रहा है, […]
आज का चिंतन-03/10/2013
इंसान से भी गए बीते हैं वे जो खुद को भगवान समझते हैं – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com पिछले कुछ समय से स्वयंभू लोगों की हमारे यहाँ जबरदस्त बाढ़ आयी हुई है। इनमें सभी धंधों, गोरखधंधों, वर्गों, क्षेत्रों और हुनरों वाले लोग हैं जो स्वयंभू बने हुए अपने आपको भगवान से कम नहीं समझते […]
इसलाम और जीव दया-1
गतांक से आगे…उक्त पशु की कुरबानी होगी, यह तो एक वास्तविकता है, लेकिन उसे जिन रास्तों से गुजरना पड़ता है उसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। एक ट्रक में कितने बकरे, भेड़ अथवा गऊ वंश ले जाए जा सकते हैं, उनके लिए सरकार ने नियम बनाए हैं। लेकिन यदि आप किसी ट्रक को […]
आज का चिंतन-01/10/2013
जीवन में अनुकूलता पाने करें वैचारिक तरंगों का इस्तेमाल – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com हमारा पूरा जीवन अदृश्य अनुनादों और तरंगों पर केन्दि्रत है जिनका ऊपरी तौर पर कोई संबंध नहीं दिखता लेकिन सूक्ष्म धरातल पर जाने पर अक्षर ब्रह्म, तरंगों और अनुनादों की अवधारणा को पूरी तरह स्वीेकारना ही होगा। अदृश्य तरंगों से […]
आज का चिंतन-29/09/2013
सुखों का अस्तित्व टिका है दुःखों की बुनियाद पर – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com सुख और दुःख दोनों समय सापेक्ष एवं अनित्य हैं। दोनों का अस्तित्व मिटने वाला ही है। किसी भी व्यक्ति के जीवन में सुख और दुःखों का होना स्वाभाविक है और इनका न्यूनाधिक क्रम हमेशा बना रहता है। कभी सुख […]
हिंदू समाज के कुछ धर्माचार्य तथा मठ-परंपराओं में यह प्रचारित किया जाता रहा है कि स्त्रियों और शूद्रों को वेद का अध्ययन व पठन पाठन नही करना चाहिए। तर्क दिया जाता है कि शास्त्रों में इसका निषेध किया गया है। आदि शंकराचार्य द्वारा कहा गया बताते हैं कि स्त्रीशूद्रो नाधीयताम। ये निर्देश केवल शब्दों तक […]