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प्रमुख समाचार/संपादकीय

आज का चिंतन-14/01/2014

रोशनी का पैगाम देता है आज का सूरज – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com   आज का सूरज सभी धरतीवासियों को नई रोशनी का परिचय देता है।  अंधेरों से घिरे जो लोग साल भर सूरज से लुकाछिपी करते रहते हैं वे भी छतों पर किसी न किसी बहाने आकर सूरज को अपनी पावन और शुभ्र जिस्म […]

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आज का चिंतन-13/01/2014

पागलपन से कम नहीं है दान-पुण्य के नाम पर यह बर्बादी – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com मकर संक्रांति के ये दो-तीन दिन हमारे यहाँ दान-पुण्य और धर्म के नाम पर उन्माद अभिव्यक्ति का वार्षिक पर्व हो चला है।  धर्म और दान-पुण्य करें मगर इसके नाम पर आजकल जो हो रहा है वह किसी भी दृष्टि […]

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आज का चिंतन-10/01/2014

आशातीत सफलता पाने श्रद्धा पैदा करें अपने लिए – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com सफलता पाना हर कोई चाहता है और उसके लिए प्रयत्न भी खूब करता है लेकिन जिन प्रयत्नों में नकारात्मकता का पुट होता है वे ऊपरी तौर पर दिखते तो सफल हैं मगर भीतर से खोखले ही होते हैं। ऎसे प्रयत्नों को बेहतर […]

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इस्लाम साहित्य में शाकाहार-5

गतांक से आगे….उन्हें एक विशेष कला के तहत छवा देते हैं, जिससे बालू व रेत की आंधी घर के अंदर तक नही पहुंचती। दिन की गरिमी से वे ठंडक देते हैं, लेकिन रात की ठंड में उनका स्वभाव गरम हो जाता है। इस समय अरबस्थान में 150 से अधिक खजूर की प्रजातियां हैं। जिनमें अंबरी, […]

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आज का चिंतन-09/01/2014

एक दूसरे के पूरक हैं खुलापन और खुला दिल – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com व्यक्ति का अन्तर्मन और परिवेश हर मामले में साम्यता रखता है। जिस किसी का मन जिन विचारों और वस्तुओं को पसंद करता है उसी के अनुरूप रूप-रंग और वैचारिक धरातल वह बाहर चाहता है। कई बार बाहरी उद्दीपनों से प्रभावित होकर […]

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आज का चिंतन-08/01/2014

दिल-दिमाग से कुछ उपजाएँ वरना इधर से उधर ही करते रहेंगे – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com अपने दिल और दिमाग का जितना अधिक उपयोग किया जाए उतना वे शरीर और उसके अंगों को चलाते हैं। जितना हमारा शरीर चलता है उतना ही ज्यादा स्वस्थ और मस्त रहता है। इसलिए जीवन में सदैव स्फूर्ति, आनंद और स्वास्थ्य […]

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यदि आज महामति चाणक्य होते तो..भाग-2

धर्म से निरपेक्ष अर्थात धर्महीन व्यक्तियों से अमर्यादित और असंयमित आचरण की ही अपेक्षा की जा सकती है। महामति महामानव चाणक्य इन अधर्मियों पर धर्म की नकेल डालने के लिए धर्म  सभा की स्थापना कर भारत की प्राचीन परंपरा का पुन: प्रचलन कराते। इनके मानसिक पापों का प्रक्षालन कराने के लिए इन पर मानवीय मूल्यों […]

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आज का चिंतन-06/01/2014

सबके बस में नहीं है पाना अधिकार और आनंद एक साथ – डॉ.  दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com आनंद हृदय से प्राप्त होते हैं और अधिकारों का संबंध शरीर से होता है। यह कतई जरूरी नहीं है कि जो व्यक्ति जितना अधिक अधिकार सम्पन्न है उसे उतने ही अधिक पैमाने पर आनंद की प्राप्ति हो ही। यह […]

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आज का चिंतन-05/01/2014

भगवान जब खुश होता है नालायकों से दूर कर देता है – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com जो लोग अपने ईमान, धर्म और सत्य पर चलते हैं उनके लिए जीवन की कई सारी समस्याओं को ईश्वर अपने आप दूर कर देता है। ईश्वर हमेशा अच्छे लोगों के साथ रहता है और उन्हें हर क्षण मदद भी करता […]

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आज का चिंतन-03/01/2014

असली  अपराधी और पापी  वे हैं जो झूठ बोलते-सुनते और लिखते हैं – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com   जीवन और परिवेश की तमाम समस्याओं का मूल कारण असत्य और दोहरा आचरण है। संसार का हर कर्म और व्यापार दिव्य और दैवीय हो सकता है यदि हम अपने पूरे जीवन से झूठ को निकाल दें, कथनी और […]

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