मुजफ्फर हुसैनगतांक से आगे…….भारत में मांसाहार और पशु पक्षियों के कत्ल की कोई समस्या थी ही नही, लेकिन सरकार की अदूरदर्शिता ने इसे संकट में बदल दिया। मांसाहार करने वाला वर्ग कभी भी प्रताडऩा का शिकार नही होता था। उसे उदरपूर्ति में कोई कठिनाई नही आती थी। क्योंकि उस समय तक मांसाहार वह इसलिए करता […]
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आज का चिंतन-10/04/2014
जो काम नहीं हो पाए उनका तनाव न रखें – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com आदमी की आधी से ज्यादा जिंदगी इन चिंताओं में गुजर जाती है कि उसके सोचे हुए काम पूरे नहीं हुए और समय बीतता चला जा रहा है। ऎसा प्रत्येक इंसान के साथ होता ही है। शायद ही कोई बिरला ऎसा बचा […]
आज का चिंतन-08/04/2014
राम-राम करना ही काफी नहीं जरूरी है राम काज करना – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com आज मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव है। साल भर में इसी प्रकार भगवानों, युगपुरुषों और महान लोगों के जन्मदिन मनाकर हम उनके प्रति श्रद्धा भावों की इतिश्री कर लिया करते हैं। जिस किसी का दिन हो, हम […]
किस रोग में कौन सा रस लेना चाहिए।भूख लगाने हेतु-प्रात:काल खाली पेट नींबू का पानी पियें। खाने से पहले अदरक का कचूमर सैंधव-नमक के साथ लें।रक्तशुद्धि के लिए —नींबू, गाजर, गोभी, चुकन्दर, पालक, सेव, तुलसी, नीम और बेल के पत्तों का रस।दमा से मुक्ति के लिए- लहसुन, अदरक, तुलसी, चुकन्दर, गोभी, गाजर, मीठी द्राक्ष का […]
बिखरे मोती-भाग 44
कंगन शोभा न हाथ की, हाथ की शोभा दानगतांक से आगे….व्यक्ति को जब ज्ञान, भक्ति और प्रेम की समन्वित पराकाष्ठा प्राप्त होती है तो देवत्व का जागरण हेाता है, जिससे भगवत्ता प्राप्त होती है। तब यह सात्विक तेज दिव्य आत्माओं के मुखमण्डल पर आभामण्डल (ह्रक्र्र) बनके छा जाता है। इसे ही सौम्यता कहते हैं, दिव्यता […]
आज का चिंतन-05/04/2014
वे लोग मनोरोगी हैं जो बेवजह तंग करते हैं – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com दुनिया में दो तरह के लोग पाए जाते हैं। एक वे हैं जो अपने आप में इतने सक्षम और मौलिक प्रतिभावान हैं जो कोई सा काम सामने आ जाए, अपने दम पर खुद पूरा कर लिया करते हैं और […]
मुजफ्फर हुसैनगतांक से आगे…….लेकिन उसके लिए कुछ कड़े नियम थे। जब हमारा देश गुलाम था, उस समय अनेक रियासतों में तो कुछ दिन और महीने तय थे, जिनमें पशुओं के वध पर सख्त पाबंदी थी। लेकिन आजादी के बाद इस प्रकार के कानून नही रहे। लोकतंत्र और स्वतंत्रता का लाभ उठाकर भारत में सीमित मांस […]
आज का चिंतन-02/04/2014
हम सब कर रहे हैं आत्महत्या किश्तों-किश्तों में – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com अपने जीवन के महत्त्व से अपरिचित होकर आजकल हम जो कुछ कर रहे हैं वह जीवन न होकर मृत्यु का मार्ग है जिस पर हम सारे के सारे बिना सोचे-समझे आँखें मूँद कर आगे बढ़ते ही चले जा रहे हैं। हमारे […]
आज का चिंतन-31/03/2014
आओ प्रकृति के साथ मनाएँ सनातन नव वर्ष अपना – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com यों तो साल भर में अनेक नव वर्ष विभिन्न स्वरूपों में आते-जाते रहते हैं जिनका अपना-अपना वजूद है, परंपराएं हैं और मनाने के अंदाज हैं। एक वे नव वर्ष हैं जो इंसान अपनी सहूलियत से स्थापित करता है और उसे मनाकर आनंद […]
वर्षा शर्मामूसासी परिवार का सदस्य केला बहुत प्राचीन फल है। 326 ईसा पूर्व में सिंधु घाटी में केले का उल्लेख मिलता है। इसका वनस्पति नाम मूसा पारादिसिआका लिनिअस है। हमारे देश में यह सर्वत्र तराई वाले स्थानों, मंदिरों, धार्मिक स्थानों में खूब मिलता है। मांगलिक कार्यों में इसकी बड़ी उपयोगिता है। यह धार्मिक कृत्यों तोरण, […]