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गांधी जी का चौथा बंदर !

Jassi Marwah एक बार कुछ पत्रकार और फोटोग्राफर गांधी जी के आश्रम में पहुंचे। वहां उन्होंने देखा कि गांधी जी के तीन बंदर हैं। एक आंख बंद किए है, दूसरा कान बंद किए है, तीसरा मुह बंद किए है। एक बुराई नहीं देखता, दूसरा बुराई नहीं सुनता और तीसरा बुराई नहीं बोलता। पत्रकारों को स्टोरी […]

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लव जिहाद की सच्चाई

महोदयनवभारत टाइम्स  समाचार पत्र 11/9/14 में छपे लेख :”किस पर चलेगा लव जिहाद का डंडा” लेखिका फौजिया रियाज जिस समाज से आती है उसमे महिलाओं की कितनी दुर्दशा होती है उससे तो वो भलीभाति परिचित ही होंगी।आज आनर किलिंग के नाम पर हत्याऐ ,प्रेम विवाह में किरकरी, लडकी का कोई स्वतंत्र अस्तित्व  नहीं , महिलाओं […]

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अशांति की आग में झुलस रहा मानव

जगत में ऐसा कोई नहीं जिसे शांति पसंद नहीं हो। प्रत्येक सजीव खुबसूरत जिंदगी को शांति से व्यतीत करने की चाहत रखता है लेकिन हकीकत यही है कि इस आधुनिक दुनिया में हर कोई बेचैन और अशांत है और शांति की जुगत करता रहता है जिसके लिए मानव जीवन का अपना अधिकांश समय न्यौछावर कर […]

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उन्हें राय न दें जो गंभीर न हों

राय वही है जो वक्त जरूरत अत्यन्त आवश्यक समझकर दी जाए और मार्गदर्शन करते हुए सकारात्मक परिवर्तन का सशक्त माध्यम बने। असल में यही ज्ञान का सदुपयोग है। आमतौर पर बिना मांगे जो दी जाती है वह राय न होकर बकवास ही है और इसका कोई उपयोग नहीं है। यही कारण है कि सदियों से […]

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पिछले जन्मों के भिखारी ही हैं आज के ये रिश्वतखोर

पूर्वजन्म के संस्कारों का इंसान पर खूब प्रभाव रहता ही है। चित्त के संस्कारों में से काफी कुछ संस्कार अपने पिछले जन्मों से जुड़े हुए होते हैं और इनका प्रभाव अपने वर्तमान जन्म पर भी पड़ता है। कुछ लोगों का स्वभाव, व्यवहार और सोच आदि पूर्वजन्मों से न्यूनाधिक रूप से मेल खाती है चाहे वे […]

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कितना अच्छा होता ये लोग न होते

हममें से हर कोई ऎसा है जो जीवन की ढेरों राहों पर चलते हुए किसी न किसी इंसान के बारे में ऎसा सोचता ही है कि कितना अच्छा होता यदि ये लोग नहीं होते। आम तौर पर इंसानियत का व्यवहार करने वाले, लोगों की भलाई और सेवा-परोपकार करने वाले लोगों के बारे में कोई ऎसा […]

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संबंध समाप्ति का सूचक है कृतघ्नता और विश्वासघात

समूचा संसार दो तरह के लोगों से भरा पड़ा है- कृतज्ञ और कृतघ्न। जो लोग अपने पर किए हुए अहसान का बदला चुकाने को सदैव तैयार रहते हैं,उपकारी के प्रति आदर-सम्मान और दिली भावना रखते हैं तथा अवसर आने पर उन लोगों का धन्यवाद अदा करना नहीं भूलते जिनसे उन्हें किसी न किसी रूप में […]

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किस काम के ये खुदगर्ज जो किसी के काम न आएं

जो सामाजिक प्राणी कहा जाता है उसका सीधा रिश्ता और जवाबदेही समाज अर्थात समुदाय से होता है।  जिस इंसान के सामाजिक सरोकार नहीं होते उसे सच्चा इंसान नहीं कहा जा सकता। ऎसे लोग किसी पुतले से कम नहीं हुआ करते जिनके प्रति लोग अपेक्षा, आकांक्षा और आशाओं को पूरी तरह यह समझ कर त्याग दिया […]

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साल भर बना रहना चाहिए हिन्दी का ध्यान

हम सभी ने जाने कितनी औपचारिकताओं के साथ हिन्दी दिवस मना लिया और खुश हो गए चलो एक आयोजन निपटा। हिन्दी सप्ताह और हिन्दी पखवाड़ा को छोड़ दें तो आज हम सभी ने हिन्दी के नाम पर कहीं पूरा और कहीं आधा दिन समर्पित कर दिया है। हिन्दी दिवस और हिन्दी के प्रति हम कृतज्ञ […]

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हिन्दी के लिए दिखावा नहीं समर्पण है जरूरी

हम सभी के लिए आज गर्व का दिवस है क्योंकि आज हिन्दी दिवस है। हिन्दी दिलों को जोड़ने और आत्मीय भावों का निरन्तर संचार करने वाली भाषा है जिसकी अहमियत हर आम और खास भारतवासी को समझने की जरूरत है।  हिन्दी हमारे रग-रग  और जन मन में रची-बसी भाषा है जिसका अब तक इतना उन्नयन […]

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