भक्ति में मांगो नहीं,जो चाहो कल्याण भक्ति में मांगो नहीं, जो चाहो कल्याण । बिन मागें ही देत ब है, दाता करुणा निधान॥2041॥ आयु की दौलत घटे, सांस – सांस हर रोज । उनसे प्रीति: जग की सेवा, करले मैं की खोज॥2042॥ पंचभूत से जग रचा, यत्र तत्र सर्वत्र । सबके लिए रच दिए, रविचंद्र […]
भक्ति में मांगो नहीं,जो चाहो कल्याण
