बात कई सौ वर्ष पुरानी है।उड़ीसा के पुरी राज्य के महाराजा अपने मंत्री के साथ घोड़े पर सवार हो शिकार के लिए जंगल में निकल पड़े ओर हिंसक-जीव शेर आदि की तलाश में वे बीयावान जंगल में बढ़ते ही चले गये।मई जून की भीषण गर्मी थी। सूर्य की तेज किरणों ने उनके शरीर को पसीने […]
श्रेणी: भारतीय संस्कृति
भोपाल आजकल मध्य प्रदेश की राजधानी है। इस नगर का प्राचीन काल से ही विशेष महत्व रहा है। 1010ईं में इसे परमार वंशीय राजा भोज के द्वारा बसाया गया था। यही कारण है कि इसका पुराना नाम भोजपाल था। इसीलिए इसका नाम प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा राजा भोज की प्रतिमा […]
भोपाल आजकल मध्य प्रदेश की राजधानी है। इस नगर का प्राचीन काल से ही विशेष महत्व रहा है। 1010ईं में इसे परमार वंशीय राजा भोज के द्वारा बसाया गया था। यही कारण है कि इसका पुराना नाम भोजपाल था। इसीलिए इसका नाम प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा राजा भोज की प्रतिमा […]
डॉ. साहब समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं। उन्होंने भारत की वित्तीय सेवाओं में रहते हुए तो सेवा की ही है साथ ही अब भी सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक गतिविधियों में सक्रियता से भाग लेते हैं और जीवन के अंतिम पड़ाव में भी बड़ी तन्मयता से राष्ट्रसेवा का पुनीत कार्य कर रहे हैं।पिछले दिनों उनकी सहधर्मिणी […]
डॉ. साहब समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं। उन्होंने भारत की वित्तीय सेवाओं में रहते हुए तो सेवा की ही है साथ ही अब भी सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक गतिविधियों में सक्रियता से भाग लेते हैं और जीवन के अंतिम पड़ाव में भी बड़ी तन्मयता से राष्ट्रसेवा का पुनीत कार्य कर रहे हैं।पिछले दिनों उनकी सहधर्मिणी […]
हिन्दुओं और राष्ट्रवादियों के मानस पटल पर छा रहे हैं डॉ. सुब्रहमण्यम स्वामी। ये हिंदुत्व के नायक ऐसे ही नहीं बन गए हैं। भारत के शुद्ध हिंदुत्ववादी और धुर राष्ट्रवादी लोगो को बहुत दिनों से एक ऐसे व्यक्तित्व की तलाश थी जो ज्ञान और कर्म से भी अपनी क्षमता साबित कर सके और भारत को […]
प्रमोद भार्गवविश्वविख्यात काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के एक सींग वाले गैंडों पर बंगलादेश से आए अवैध घुसपैठिए कहर ढा रहे हैं। यहां पिछले 10 महीने के भीतर 39 गैंडों को मार गिराने की घटनाएं सामने आई हैं। जाहिर है इस दुर्लभ वन्य प्राणी पर पहले से कहीं ज्यादा संकट के बादल गहरा गए हैं। उद्यानों के […]
हिंदी और भारतीय भाषाओं को लेकर समाज में एक अजीब सा सन्नाटा है। संचार व मीडिया की भाषा पर कोई बात नहीं करना चाहता। उसके जायज-नाजायज इस्तेमाल और भाषा में दूसरी भाषाओं खासकर अंग्रेजी की मिलावट को लेकर भी कोई प्रतिरोध नजर नहीं आ रहा है। ठेठ हिंदी का ठाठ जैसे अंग्रेजी के आतंक के […]
अथर्ववेद के आठवें काण्ड के सूक्त संख्या दो मंत्र संख्या 8 का एक मंत्र है-आरादरातिं निऋतिं परोग्राहिं क्रव्याद:पिशाचान। रक्षा यत्सर्वं दुर्भूतं तत्तम इवाप हन्मसि।।जिन व्यक्तियों में दान न देने की वृत्ति होती है, जो अदानी होते हेँ वह दानव हैं, क्योंकि दान न देने की वृत्ति भोगप्रवण बनाती है, यही भोगप्रवणता मृत्यु की ओर ले […]
चारों वेदों में यज्ञों का महत्व दर्शाया गया है। यज्ञ भी अनेक प्रकार के होते हैं। जैसे अश्वमेध यज्ञ, वृष्टिïयज्ञ आदि सब यज्ञ अग्निहोत्र के द्वारा ही सम्भव होते हैं।महर्षि मनु लिखते हैं-अग्नौ प्रस्ताहुति सम्यक आदित्यं उपतिष्ठति:।आदित्यात जायते वृष्टि: प्रजा:।।यज्ञ में अग्नि के अंदर डाली हुई घी-सामग्री की आहूतियां अग्नि के द्वारा सूक्ष्म होकर सूर्य […]