हरि शंकर शर्माकुत्ते का तालाब! जी हां एक दम सच।गाजियाबाद के लालकुआं से लगभग एक से डेढ़ किलोमीटर दूर चिपियाना ग्राम में स्थित है कुत्ते का तालाब एवं समाधि। इस देश को भगवान का वरदान कहें या अंधविश्वास अथवा आस्था कि कहीं कोढ़ को, कहीं बाय को तो कहीं कुत्ते के काटे को ठीक करने […]
Category: भारतीय संस्कृति
देश आईसीयू के सहारे चल रहा है
मनीराम शर्माशेयर बाजार में हुए घोटालों में देश के निवेशक कई बार अपने हाथ जला चुके हैं और देश की जनता का धन कहीं भी सुरक्षित नहीं है। सरकार इन घोटालों से अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाडऩे के लिए किसी न किसी आयोग, मंडल, प्राधिकरण, कमिटी आदि का गठन कर देती है परन्तु इनका दायित्व […]
राजीव अग्रवालरेवाड़ी, शिक्षा और संस्कार किसी भी समाज के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए अध्यापकों को चाहिए कि वे बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ संस्कारों व नैतिक शिक्षका का भी पाठ पढाएं, यह विचार हरियाणाा के बिजली मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने रविवार को स्थानीय पुष्प वाटिका में विश्वकर्मा वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के 22वें […]
सतीश तलवाड़भारतीय संस्कृति में गुरु-शिष्य की परम्परा का विशेष महत्व है। जितनी भौतिक विद्याएँ है उतने ही गुरु हो सकते हैं। भौतिक वस्तुआकृ के विषय में ज्ञान प्रदाता को शिक्षा-गुरु भी कहा जाता है जो शिष्य को आत्मानुभूति की ओर नहए ले जा सकता। सत्य की अनुभूति के लिये दीक्षा-गुरु की आवश्यकता होती है। सर्वव्यापक, […]
पियुष द्विवेदी ‘भारत’हजारों सालों से चली आ रही अपनी परम्परा के गौरवशाली इतिहास के अनुरूप एकबार फिर महाकुंभ का आरम्भ हो चुका है । वार्षिक कुम्भ का आयोजन तो प्रतिवर्ष किया जाता है, पर प्रत्येक बारह वर्ष में, एक विशेष ग्रह स्थिति आने पर, आयोजित होने वाले इस महाकुंभ का विशेष महत्व है । वहाँ […]
आशीष वशिष्ठविश्व का सबसे बड़ा गणतंत्र राष्ट्र कहलाने वाले हमारे इस देश की स्वतंत्रता व गणतंत्रता, स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले महानायकों का स्वप्न था, जिसे उन्होंने हमारे लिए यथार्थ में परिवर्तित कर दिया। स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले महानायकों में से एक नायक सुभाषचंद्र बोस ने कभी कहा था कि ‘तुम मुझे […]
आईडी गुलाटी (बुलंदशहर)हमारा देश विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्रीय देश है किंतु मतदान का प्रतिशत बड़ा लोकतंत्रीय देश है किंतु मतदान का प्रतिशत औसतन 65 प्रतिशत ही रहता है। यह शुभ संकेत नही है। राजनीति दलों में अपराधी तत्वों व स्वार्थी तत्वों के अच्छी संख्या में आ जाने से काफी लोग मत देना पसंद नही […]
विनोद बंसलश्रीयुत् श्री कान्त जोशी जी का स्मरण करते ही एक सहज स्वभाव का स्वछंद मन, हंस मुख चहरा व अपनी ध्येय साधना के प्रति एक धृण निश्चयी व्यक्तित्व स्वत: मेरी आखों के सम्मुख आ जाता है। शायद ही कोई व्यक्ति होगा जो उनसे मिलने के बाद निराश लौटा हो। ध्येय साधना और कर्तव्य परायणता […]
नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा में कटक के एक संपन्न बंगाली परिवार में हुआ था। बोस के पिता का नाम जानकीनाथ बोस और माँ का नाम प्रभावती था। जानकीनाथ बोस कटक शहर के मशहूर वक़ील थे। प्रभावती और जानकीनाथ बोस की कुल मिलाकर 14 संतानें थी, जिसमें 6 बेटियाँ […]
सामाजिक उल्लास का पर्व है पोंगल
अनिता महेचाउत्सव प्रिया: मानवा: यानि मानव उत्सव प्रिय होते हैं। महाकवि कालिदास का यह कथन मानव-स्वभाव पर पूर्णत: लागू होता है क्योंकि पर्वों से हमारे जीवन की एकरसता और नीरसता दूर होती है तथा रोचकता, उल्लास और आनन्द की अभिवृद्धि होती है।लोक जीवन में लाता है उल्लास का ज्वारभारत धार्मिक एवं आध्यात्मिक देश हैं। भारत […]