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भारतीय संस्कृति

क्या आदियोगी भगवान शिव भांग का सेवन करते थे*?

सच्चाई तथा भांग कैसे दिमाग पर चढ़ती है यह जानने के लिए पढे यह लेख। भारतवर्ष में भांग के पौधे से अधिकांश जन परिचित है। पहाड़ हो या मैदान, उत्तर भारत हो या दक्षिण भारत भांग का पौधा खेतों की मेड, नदी -नालों’ जलीय स्रोतों के किनारे दिख ही जाता है। संस्कृत, हिंदी, अंग्रेजी में […]

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राजस्थान में कैला देवी मंदिर और पशुबलि की कुप्रथा

  #डॉविवेकआर्य राजस्थान के करौली जिले में कैला देवी मंदिर है। इस मंदिर में आज से कुछ दशक पहले धर्म के नाम पर भैंसे-बकरों की बलि दी जाती थी। अज्ञानियों द्वारा किया जाने वाला यह कृत्य न तो धर्म अनुकूल था न ही शास्त्रों के अनुकूल था। फिर भी परम्परा के नाम पर इस अन्धविश्वास […]

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ओ३म् -आगामी कृष्ण जन्माष्टमी पर्व दिनांक 26 अगस्त, 2024 पर- “अद्वितीय महापुरुष योगेश्वर कृष्ण जिनका जीवन अनुकरणीय है”

========== मनुष्य का जन्म आत्मा की उन्नति के लिये होता है। आत्मा की उन्नति में गौण रूप से शारीरिक उन्नति भी सम्मिलित है। यदि शरीर पुष्ट और बलवान न हो तो आत्मा की उन्नति नहीं हो सकती। आत्मा के अन्तःकरण में मन, बुद्धि, चित्त एवं अहंकार यह चार अवयव व उपकरण होते हैं। इनकी उन्नति […]

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वेदो में गाय के महत्व का वर्णन यों मिलता है

———————- एक अजूबा पशु सारे पशु जगत में केवल मात्र गाय ही ऐसा पशु है जिसका बछड़ा /बछडी गाय के गर्भ से बाहर निकलते ही छलांगे/फुदकने लग जाता है ( मैं इस दृश्य का स्वयं साक्षी रहा हूँ) मुझे गूजर जाति की एक महिला ने पाला है। बचपन में मैनें गाये चराई थी। हालांकि मैं […]

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*सत्यार्थप्रकाश ग्रंथ*, शेरनी का वो दुध हैं जो पियेगा वो दहाड़ेगा !

बकरी को शेर कैसे बनाए? डॉ विवेक आर्य मोहन गुप्ता पौराणिक हिन्दू परिवार से थे। आप पेशे से कंप्यूटर इंजीनियर थे। आपका मूर्ति पूजा एवं पौराणिक देवी देवताओं की कथाओं में अटूट विश्वास था। आप बहुराष्ट्रीय कंपनी में कार्यरत थे। आपको अनेक बार कंपनी की ओर से विदेश में कई महीनों के लिए कार्य के […]

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*गुरु बिन मुक्ति नाही* 1

डॉ डी के गर्ग इस लेख के ४ भाग है आजकल गुरु बनाने की परम्परा चल पड़ी है कि गुरु बिन मोक्ष नहीं, गुरु बिन ज्ञान नहीं, गुरु ईश्वर से बढ़कर है। गुरु भभूत निकालते है ,चमत्कार करते है।एक-एक गुरु ने लाखों की संख्या में चेले पाल रखे हैं। ये एक अजीब परम्परा शुरू हुई […]

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देव शयनी एकादशी रहस्य* 1

* Dr DK Garg भाग;१ पौराणिक विश्वास : आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को ही देवशयनी एकादशी कहा जाता है। कहीं-कहीं इस तिथि को ‘पद्मनाभा’ भी कहते हैं। देव शयनी एकादशी को भगवान विष्णु चार महीने के लिए सो जाते है । इस दिन से भगवान श्री हरि विष्णु क्षीरसागर में शयन करते […]

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गुरु गजानंद स्वामी दयानंद और गुरु दक्षिणा

◼️गुरु दक्षिणा◼️ (गुरुपूर्णिमा विशेष) प्रस्तुति – 🌺 ‘अवत्सार’ मथुरा में विराज रहे दण्डी स्वामी विरजानन्द जी की ख्याति उन दिनों लोक में प्रसिद्धि पा रही थी। दयानन्द उनकी विद्वत्ता से परिचित थे। सन् 1855 में उनका सामीप्य उन्हें प्राप्त हो चुका था। उन्होंने तुरन्त मथुरा की राह पकड़ ली। संवत् 1917 कार्तिक शुदी 2 (सन् […]

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शिव पुराण के अनुसार जलाभिषेक क्या है ?

सभी शिव भक्तों को श्रावण माह के पहले सोमवार की बहुत बहुत शुभकामनाएं, शिवपुराण’ के अनुसार भगवान शिव स्वयं ही जल हैं। सावन मास में सबसे अधिक वर्षा होती है जो शिव जी के गर्म शरीर को ठंडक प्रदान करती है। महादेव ने सावन मास की महिमा बताते हुए कहते है कि मेरे तीनों नेत्रों […]

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सबसे बड़ा गुरु कौन?

( गुरु पूर्णिमा पर विशेष) #डॉविवेकआर्य आज गुरु पूर्णिमा है। हिन्दू समाज में आज के दिन तथाकथित गुरु लोगों की लाटरी लग जाती हैं। सभी तथाकथित गुरुओं के चेले अपने अपने गुरुओं के मठों, आश्रमों, गद्दियों पर पहुँच कर उनके दर्शन करने की हौड़ में लग जाते हैं। खूब दान, मान एकत्र हो जाता हैं। […]

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