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भारतीय संस्कृति

रामायण कालीन वैदिक संस्कृति

🌷रामायणकालीन वैदिक संस्कृति🌷 (१) सन्ध्या और अग्निहोत्र: वाल्मीकि रामायण से विदित होता है कि उस काल में आर्यों की उपासना सन्ध्या के रुप में होती थी। जप, प्राणायाम तथा, अग्निहोत्र के भी विपुल उल्लेख मिलते हैं। पौराणिक मूर्तिपूजा, व्रत, तीर्थ, नामस्मरण या कीर्तन रुप में धार्मिक कृत्य का वर्णन मूलतः नहीं है। क्षणिक उल्लेख जो […]

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गीता में पाखंड खंडन

हमारे कुछ हिन्दू भाइयों को स्वामी दयानंद से एक शिकायत रहती हैं कि स्वामी जी को हिन्दू समाज कि आस्था का खण्डन नहीं करना चाहिए था। स्वामी जी उद्देश्य किसी कि आलोचना अथवा विरोध नहीं था अपितु जो कुछ भी सत्य हैं उसका मंडन और जो कुछ भी असत्य हैं उसका खंडन था। स्वामी जी […]

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सत्यार्थ प्रकाश के सभी समुल्लास का संक्षिप्त विवरण

अथ सत्यार्थ प्रकाश ज्ञान =================== हमने सत्यार्थ प्रकाश का नाम अनेकों बार सुना है और हमारे बहुत से हिन्दू युवाओं और युवतियों को इसके बारे में जानने की जिज्ञासा सदा बनी रहती है, इसलिये अब सत्यार्थ प्रकाश की विषय सूची को सबके लिये खोलकर लिखा जाता है :- सत्यार्थ प्रकाश में कुल 14 समुल्लास (अध्याय) […]

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16 संस्कार और भारत की चेतना , भाग 2

कर्णवेध संस्कार कर्णवेध संस्कार को आज की युवा पीढ़ी ने अपनाने से इंकार कर दिया है । स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात से इस संस्कार को अंग्रेजीपरस्त लोगों ने हमारे लिए अनुपयोगी सिद्ध करने का प्रयास किया । प्रचलित शिक्षा प्रणाली में हमारे भीतर कुछ इस प्रकार के अवगुण भरने का प्रयास किया गया जिससे भारत […]

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16 संस्कार और भारत की चेतना , भाग — 1

अब हम इस अध्याय में उन 16 संस्कारों का संक्षिप्त विवरण देंगे जो भारत की अथवा हिंदुत्व की चेतना के मूल स्वरों में सम्मिलित हैं । अध्ययन की सुविधा के लिए हमने इन 16 संस्कारों को दो भागों में विभक्त कर लिया है । पहले अध्याय में हम पहले 8 संस्कारों के बारे में तो […]

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उपनिषदों की शिक्षाएं और उनका महत्व

उपनिषद् भारतीय वैदिक वांग्मय के महत्वपूर्ण ग्रंथ हैं । इनका प्रमुख विषय ब्रह्मविद्या तथा आत्मा और परमात्मा के संबंध के बारे में है । स्थूल से सूक्ष्म की ओर चलने की शिक्षा भी हमें उपनिषदों के माध्यम से ही प्राप्त होती है। ब्रह्म, जीव और जगत्‌ का ज्ञान पाकर आत्मा का परिष्कार करना और अपने […]

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कोरोना ने प्रशस्त किया पुनः वैदिक धर्म का मार्ग

==================== 🍁 वैदिक धर्म एक सर्वश्रेष्ठ धर्म है। हमारी भारतीय संस्कृति विश्व की प्राचीनम संस्कृति होते हुए भी सर्वोत्तम संस्कृति है जो कि अत्यंत अनुकरणीय है, किंतु शनै शनै लोग इसका महत्व भूलते गए और वैदिक धर्म को छोड़ भिन्न-भिन्न मत मतान्तरों को अपनाते चले गए। किंतु अब जब कोरोना वायरस का भयावह रूप इस […]

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राजा को मन्युशील होना चाहिए

ऐसे राजा का राज्य अधिक दिनों तक नहीं टिक पाता जो मन्यु रहित हो और दुष्टों व अनाचारी लोगों के सामने हथियार फेंक देता हो। दुष्टों और अनाचारियों का विनाश करना हर राजा का पवित्र उद्देश्य होता है, और समाज के जागरूक व सबल लोगों का यह दायित्व होता है कि वे समाज को दुष्टों […]

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कोरोना से पीड़ित विश्व समाज को अब याद आए भारत के सनातन मूल्य

-मनोज ज्वाला लगभग सारी दुनिया चीन से निकले ‘कोरोना वायरस’ की चपेट आ चुकी है। लगभग 100 से अधिक देशों में यह संक्रमण फैल चुका है । भारत समेत अनेक देशों ने इसे महामारी घोषित कर दिया है । विश्व स्वास्थ्य संगठन इसे हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर चुका है। खौफ इस कदर तारी है कि […]

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हे दयानिधे ! मत छोड़ना मेरा हाथ और साथ

अब जब तू मेरे सारे सत्संकल्पों को जानने वाला मुझे मिल ही गया है-तो हे वरूण देव ! मेरा साथ और हाथ मत छोड़ देना। मेरी यही पुकार है आपसे। यह आहुति मैं इसी भाव से वरूण देव के लिए दे रहा हूँ , यह मेरे नहीं है। वेद की ऐसी सारी कामनाएं सार्थक जीवन […]

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