आज 13 सितंबर है अर्थात हमारे पूज्य पिताजी महाशय राजेंद्र सिंह आर्य जी की पुण्यतिथि। 13 सितंबर 1991 को आज ही के दिन उनका परलोक गमन हो गया था। सितंबर माह आरंभ होते ही उनकी स्मृतियां चित्त पर उभरने लगती हैं। अपने आप से ही संवाद होने लगता है। मन कभी अतीत को कुरेदता है […]
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*वैदिक संध्या से ईश्वर उपासना*
=================== – विकास आर्य परमपिता परमात्मा ने संसार का सबसे श्रेष्ठ प्राणी मनुष्य को बनाया है। मनुष्य अर्थात जो मनन कर सकें जीवन में होने वाली उचित और अनुचित बातों को उत्तम व्यवहार को और सेवा भाव को जो जीवन में लेकर के आता है वास्तव में वही मनुष्य है जो सदैव दूसरे प्राणियों के […]
यस्यामतं तस्य मतं मतं यस्य न वेद सः | अविज्ञातं विजानतां विज्ञातमविजानताम् || ( केनोपनिषद २-३ ) पदार्थ — ( यस्य ) जिसका अर्थात जिस ब्रह्मज्ञानी विद्वान का ( अमतम् ) मन से उसे नहीं जान सकते , ऐसा ज्ञान है ( तस्य ) उस विद्वान का ( मतम् ) माना हुआ अर्थात यथार्थ ज्ञान […]
भंवर सिंह राजपूत जयपुर, राजस्थान भारत आज विश्व की शक्तिशाली राष्ट्रों में अपनी विशिष्ट पहचान बना रहा है. आर्थिक क्षेत्रों में नवाचार और नव आयाम स्थापित करते हुए प्रति व्यक्ति आय को सुदृढ़ बनाने की ओर अग्रसर है. युवा सोच ने स्टार्टअप के नए द्वार खोल दिए हैं. जिसने टेक्नोलॉजी के साथ मिलकर भारत को […]
🕉️ रात्रि कहानी 🕉️ स्वामी रामकृष्ण परमहंसजी कैंसर रोग से पीडित थे । उन्हें खांसी बहुत आती थी और उस कारण वे खाना भी नहीं खा पाते थे । स्वामी विवेकानंद जी अपने गुरु जी की हालत से बहुत दु:खी होते थे । एक दिन स्वामी रामकृष्ण परमहंसजी ने विवेकानंदजी को अपने पास बुलाया और […]
प्रियांशु सेठ जब तक इन बातों का ज्ञान न हो जाय,तब तक अपने प्रियतम को कैसे पहचाने?कैसे समझे कि हम किसके दर्शन कर रहे हैं या हमें दर्शन हो गए? याज्ञवल्क्य ने एक बार गार्गी से कहा था- “ब्रह्म के जाननेवाले उसे अक्षर,अविनाशी,कूटस्थ कहते हैं।वह न मोटा है,न पतला।न छोटा है,न लम्बा।न अग्नि की तरह […]
– सुरेश सिंह बैस “शाश्वत” अपने अंचल के पौराणिक और ऐतिहासिक विश्व प्रसिद्ध शिवालय जहां भगवान शिव शंकर का शिवलिंग लक्ष्मण जी और भगवान राम द्वारा स्थापित किया हुआ शिवलिंग स्थापित है । इस शिवलिंग की मान्यता है कि इसके दर्शन मात्र से सारे पाप धुल जाते हैं। अतः आज हमने भरी बरसात के समय […]
लेखक श्री विष्णु शर्मा प्रायः अनेक प्रकार के विभिन्न विचारधारा वाले लोग गीता पर यह आक्षेप लगाते रहते हैं कि गीता में जिहाद है और भीषण नरसंहार का आदेश दिया गया है किंतु आश्चर्य की बात तो ये है कि ऐसे लोगों ने कभी गीता को उठाकर तक भी देखा नहीं होता.. केवल सुनी सुनाई […]
उपनिषद रहस्य उपनिषद् ब्रह्मविद्या के मूलाधार हैं। प्रस्तुत संस्करण में 11 उपनिषदों को संकलित किया गया है – 1) ईशोपनिषद् – यह ब्रह्मविद्या का अत्यन्त महत्त्वपूर्ण ग्रन्थ है। इसमें ईश्वर की सर्वव्यापक, भोक्ता का सृष्टि की वस्तुओं पर केवल प्रयोगाधिकार, किसी के धन या स्वत्व नहीं लेना, सभी कर्म कर्तव्य कर्म समझ कर करना और […]
अरब सागर में डूबी पुरातन द्वारका
आचार्य डॉ.राधेश्याम द्विवेदी भारत से सटा समुद्रअपने आप में कई रहस्य समेटे हुए हैं। समुद्र के नीचे आज भी ऐसी कई साइट्स दबी हुई हैं जिनके बारे में कम लोगों को जानकारी है। कुछ वर्षों पहले एक ऐसी ही जगह की खोज हुई थी जिसके बारे में हर कोई हैरान था। ऐसी ही है गुजरात […]