चेतन जोशी (लेखक प्रसिद्घ बाँसुरीवादक हैं।) भारतीय संगीत में स्वर व्यवस्था की उत्पत्ति प्राकृतिक नियमों से हुई है। किसी तार पर जब षड्ज बजाया जाता है, तो उसके साथ अपने आप उत्पन्न होने वाले स्वयंभू स्वर मानव निर्मित नहीं हैं। वे प्रकृति के बनाए हुए हैं। हमने प्रकृति के अनुसार ही स्वरों का स्थान […]
Category: भारतीय संस्कृति
पेरियार (प्रसिद्ध व्यक्ति) का पूरा नाम इरोड वेंकट नायक रामास्वामी था, जो 1879 में एक हिंदू धार्मिक परिवार में पैदा हुए थे।उनकी जाति चरवाहा धनगर थी। वे तमिलनाडु के प्रमुख राजनेता थे और हिंदुत्व विरोधी थे । उनका कहना था कि हिंदुत्व दलित समाज के विनाश का कारण है। इसीलिए उन्होंने जस्टिस पार्टी की स्थापना […]
कृष्ण प्रताप सिंह आज की तारीख में दीपावली का रूप-रंग कुछ इस तरह बदल गया है कि वह महज बाजार की उन शक्तियों का त्योहार नजर आती है जो शुभ-लाभ से जुड़ी देसी व्यावसायिक नैतिकताओं से परे पूंजी को ब्रह्म और मुनाफे को मोक्ष बना डालने पर आमादा हैं। अपने मूल रूप में वह न […]
धन्वन्तरि का इतिहास-धन-त्रयोदशी को धन्वन्तरि-जयन्ती भी कहा जाता है। इतिहास में कई धन्वन्तरि हुये हैं, जिनमें २ कलियुग के पूर्व थे। धनु चाप के आकार का होता है जिससे बाण छोड़ते हैं। इसी प्रकार के यन्त्र द्वारा शरीर से शल्य निकालते हैं अतः शल्य चिकित्सक को धन्वन्तरि कहा गया है। शल्य चिकित्सा तथा आयुर्वेद कई […]
ओ३म =========== संसार में ज्ञान व अज्ञान तथा सत्य व असत्य दो सर्वथा भिन्न बातें हैं। ज्ञान अज्ञान का विरोधी तथा सत्य असत्य का विरोधी व विपरीत ज्ञान होता है। सत्य वह होता है जो असत्य नहीं होता। ज्ञान ही किसी पदार्थ के वास्तविक स्वरूप का बोध कराता है। ज्ञान के विपरीत बातें तिरस्कार करने […]
वेद में मांस भक्षण निषेध
वेद में मांस भक्षण निषेध (स्वामी ओमानंद सरस्वती) ( मांस मनुष्य का भोजन नही हैं) वैसे तो मानने को वेद, धम्मपद, तौरेत, जबूर, इञ्जील, बाईबल और कुरान सभी धार्मिक ग्रन्थ माने जाते हैं । किन्तु वेद को छोड़कर सब अन्य ग्रन्थ भिन्न-भिन्न मत और सम्प्रदायों के हैं । इन सम्प्रदायों के पुराने से पुराने ग्रन्थ […]
“करवा चौथ” करवा चौथ का व्रत रखना चाहिए या नहीं ? धर्म की जिज्ञासा वाले के लिए वेद ही परम प्रमाण है ,अतः हमें वेद में ही देखना चाहिए कि वेद का इस विषय में क्या आदेश है ? वेद का आदेश है—-व्रतं कृणुत ! ( यजुर्वेद 4-11) व्रत करो , व्रत रखो , व्रत […]
पूनम नेगी वैदिक ऋषियों ने अज्ञान को नष्ट करने वाले ब्रह्म रूपी प्रकाश को गुरु की संज्ञा दी है। अखंड मंडलाकारं व्याप्तं येन चराचरं, तत्पदं दर्शितं येन, तस्मै श्री गुरुवे नम: कह कर भारतीय मनीषा ने जिस गुरु तत्व की अभ्यर्थना की है, वह अपने आप में अनूठी है। हमारी सनातन संस्कृति में गुरु को […]
महाभारत की अनसुनी कहानियां – 2 ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ महाभारत की ही एक दूसरी अनसुनी कहानी “व्याध गीता” की कहानी है। तुलनात्मक रूप से देखा जाए तो ये कहानी बहुत ज्यादा “अनसुनी” भी नहीं कही जानी चाहिए क्योंकि इस कहानी का जिक्र स्वामी विवेकानन्द ने विस्तार से किया है। अगर विवेकानन्द समग्र ना भी पढ़ा हो तो […]
ओ३म् ========== वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून में आज प्रातः 7.00 बजे से सामवेद पारायण यज्ञ का शुभारम्भ हुआ। यज्ञ के ब्रह्मा स्वामी चित्तेश्वरानन्द सरस्वती जी हैं। यज्ञ में अनेक आर्य विदुषियां एवं विद्वान भाग ले रहे हैं। यह यज्ञ सात दिवस चलेगा। सामवेद पारायण यज्ञ तीन यज्ञकुण्डों वा वेदियों में किया गया। देश के […]