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आज का चिंतन भारतीय संस्कृति

तीव्र गति से चलने वाले लोगों की विशेषता

*विशेष कार्य करने की इच्छा वालों को तेज चलना चाहिए, तभी वे विशेष कार्य कर पाएंगे, अन्यथा नहीं।* *जो लोग संसार में कुछ विशेष कार्य करना चाहते हैं, वे लोग पूर्व जन्म के संस्कारों के कारण तीव्र गति से चलते हैं।* अधिकतर लोग कोई विशेष कार्य नहीं करते। सामान्य रूप से पढ़ना लिखना खाना-पीना और […]

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पर्यावरण भारतीय संस्कृति

देवयज्ञ अग्निहोत्र का करना मनुष्य का पुनीत सर्वहितकारी कर्तव्य

ओ३म् ========== मनुष्य मननशील प्राणी को कहते हैं। मननशील होने से ही दो पाये प्राणी की मनुष्य संज्ञा है। मननशीलता का गुण जीवात्मा के चेतन होने से मनुष्य रूपी प्राणी को प्राप्त हुआ है। जड़ पदार्थों को सुख व दुख तथा शीत व ग्रीष्म का ज्ञान नहीं होता। मनुष्य का आत्मा ज्ञान प्राप्ति तथा कर्म […]

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भारतीय संस्कृति स्वास्थ्य

आयुर्वेद में घी को माना गया है एक नित्य सेवन योग्य रसायन

  डॉ. दीप नारायण पाण्डेय भोजन में प्रतिदिन घी खाना चाहिये या नहीं? इस प्रश्न का उत्तर इस बात पर निर्भर करता है कि आप किससे पूछ रहे हैं। लम्बे समय तक कहा गया कि वसा का अधिक सेवन मोटापे, मधुमेह, हृदय रोग, और संभवत: कैंसर का कारण बनता है। हाल ही में परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट […]

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आओ कुछ जाने भारतीय संस्कृति

भारत के परिवारों और मंदिरों में शंख बजाने की परंपरा कितनी वैज्ञानिक ?

  डॉ. डी के गर्ग अगर आप रोजाना शंख बजाते है, तो इससे आपको काफी लाभ हो सकता है। इसके कुछ लाभ नीचे दिए जा रहे हैं। 1. रोजाना शंख बजाने से आप गुदाशय की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं। शंख बजाना मूत्रमार्ग, मूत्राशय, निचले पेट, डायाफ्राम, छाती और गर्दन की मांसपेशियों के लिए काफी बेहतर […]

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भारतीय संस्कृति

क्या हैं महामूर्ख के लक्षण

*महामूर्ख के लक्षण, ध्यान से पढ़िए। ऐसे लोग जीवन में कभी सफल नहीं हो पाते। वास्तविक सफलता प्राप्त करना अलग बात है, और सफलता का प्रदर्शन करना, एक अलग बात है।* *सफलता कोई सीमित उपलब्धि का नाम नहीं है, कि आपने बी ए, एम ए पास कर ली, आप सफल हो गए। और इसके बाद […]

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भारतीय संस्कृति विश्वगुरू के रूप में भारत

प्राचीन काल से ही वास्तु एवं स्थापत्य का संगम रहा है राजस्थान

  विवेक भटनागर ऐतिहासिक रूप से मेवाड़ या शिबि जनपद का भारतवर्ष की राजनीति में अत्यन्त व्यापक प्रभाव है। इस जनपद का वर्णन स्ट्रेबो ने अपनी इण्डिका में शिबोई जन के रूप में किया है। यहां पर स्थापत्य का विकास क्रम इतिहासिक रूप से दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व से आगे जाता है। इस क्षेत्र में […]

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भारतीय संस्कृति विश्वगुरू के रूप में भारत

भारत की गौरवमयी और अनुपम रही है विज्ञान यात्रा

    राणा प्रताप शर्मा आदिकाल से ही हमारे देश में अनेक खोजें होती रहीं हैं। भारतीय गणित के इतिहास का शुभारंभ ऋग्वेद से होता है। आदिकाल (500ई.पू.) भारतीय गणित के इतिहास में अत्यन्त महत्वपूर्ण है। इस काल में शून्य तथा ‘दाशमिक स्थानमानÓ पद्धति का आविष्कार गणित के क्षेत्र में भारत की यह निश्चित रूप […]

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भारतीय संस्कृति

‘कोउ नृप होय हमें का हानि’ – का वास्तविक अर्थ और संदर्भ

रामचरितमानस की एक चौपाई है “कोउ नृप होई हमै का हानि…”। कई दूसरी कविता-श्लोक के हिस्सों जैसा ही, इसे भी आधा-चौथाई ही सुनाया जाता है। सन्दर्भ का इस्तेमाल किये बिना जब कविता का इस्तेमाल किया जाए तो उसके काफी नुकसान होते हैं। अक्सर अर्थ का अनर्थ इसी तरीके से साबित किया जाता है। इसे समझना […]

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भारतीय संस्कृति

मनु और मनुस्मृति को शुद्र विरोधी कहना पूरी तरह गलत

  रवि शंकर यह देखना काफी दुखद है कि स्वयं को प्रगतिशील मानने वाला देश में हरेक व्यक्ति मनु यानी कि मनस्मृति के विरोध में खड़ा रहता है। डॉ. अंबेडकर जैसे बुद्धिमान और पढ़े-लिखे माने जाने वाले नेता ने भी मनु स्मृति दहन का कार्यक्रम किया था जो कि उनके अनुयायी आज भी कहीं-कहीं करते […]

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भारतीय संस्कृति

वैदिक संपत्ति: विदेशियों का भारत आगमन

  गतांक से आगे… अर्थात वशिष्ठ की नंदनी गौ की कथा के पूर्व ही मलेच्छ जातियों ने द्रविड़ देश आबाद कर दी लिया था। वाल्मीकि रामायण और महाभारत के इन दोनों प्रमाणों से इनका ऑस्ट्रेलिया से आना सिद्ध होता है। इन प्रमाणों के अतिरिक्त इनकी भाषा, रूप ,गठन आदि के मिलन से पाश्चात्य विद्वानों ने […]

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